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और इस परफॉर्मेंस के खत्म होते ही मेरी मौत तय है…

हंसाते-हंसाते रुला गया राजा फोकलवा

और इस परफॉर्मेंस के खत्म होते ही मेरी मौत तय है...
राजा फोकलवा की प्रस्तुति देते हेमंत वैष्णव।

रंगकर्मी हेमंत वैष्णव (46) की असामयिक मौत के बाद थिएटर जगत दुखी है। जैसे ही सुबह उनके निधन की खबर सोशल मीडिया के जरिए उनके चाहने वालों को मिली, एकबारगी किसी को यकीन नहीं हो रहा था। पत्नी लतिका वैष्णव ने बताया कि उन्हें पीलिया था, गुरुवार सुबह उन्होंने अंतिम सांसें लीं। हेमंत की पहचान कला जगत में राजा फोकलवा नाटक से हुई। वे अब तक इसके 150 से ज्यादा शो कर चुके थे। एक बार उन्होंने कहा था कि इस नाटक के 100 से ज्यादा मंचन के बाद भी हर परफॉर्मेंस के पहले घबराहट बनी रहती है। दिमाग में चल रहा होता है कि क्या आज भी मैं दर्शकों की कसौटी पर खरा उतर पाऊंगा? फिर यह भी सोचता हूं कि मैं लोगों की आशाओं के साथ अन्याय नहीं करूंगा, यह परफॉर्मेंस मेरी जिंदगी का पहली और आखिरी है। इस प्रदर्शन के खत्म होते ही मेरी मौत तय है। इसीलिये मैं यह सोचकर कि लोग मुझे नहीं बल्कि मेरे अभिनय को याद रखें, अपनी पूरी ऊर्जा लगा देता हूँ।

छत्तीसगढ़ी व्यंजनों में मास्टरी

हेमंत वैष्णव न सिर्फ एक कलाकार थे बल्कि छत्तीसगढ़ी खानपान के जानकार भी। वे अक्सर फेसबुक में छत्तीसगढ़ी व्यंजन बनाने के तरीके पोस्ट (वीडियो) करते थे।

कौन होगा उत्तराधिकारी?

राजा फोकलवा के लेखक और निर्देशक राकेश तिवारी ने कहा कि हेमंत के बिना इन नाटक के पुन: मंचन की कल्पना करना भी संभव नहीं है। इस मंचन के लिए हेमंत को ईश्वर ने असीम ऊर्जा दी थी। राजा फोकलवा का उत्तराधिकारी कौन होगा? यानी कौन इसे जीवंत कर पाएगा यह ईश्वर पर छोडऩा ही मुनासिब है। ऐसे कलाकार का जाना एक युग का अंत होना है।