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मशरूम फैक्ट्री में 14 लड़के और 12 लड़कियां मिली, बच्चों ने कहा- 3 साल तक फंसे, फिर… पहले भी छुड़ाए थे 97 मजदूर

Raipur News: मोजो मशरूम फैक्ट्री से रेस्क्यू किए गए 109 बच्चों की काउंसलिंग में जो सच सामने आया, उसने पूरे प्रशासन को हिला दिया है। बच्चों ने बताया कि उन्हें 3 महीने से लेकर 3 साल तक यहां बंद रखा गया था। वहीं एक कमरे में 10-15 बच्चों को ठूंस-ठूंस कर रखा जाता है। उनके साथ मारपीट और लड़कियों से छेड़खानी की बातें भी सामने आई है।

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मशरूम फैक्ट्री में 14 लड़के और 12 लड़कियां नाबालिग मिली (फोटो सोर्स- पत्रिका)

मशरूम फैक्ट्री में 14 लड़के और 12 लड़कियां नाबालिग मिली (फोटो सोर्स- पत्रिका)

CG News: खरोरा स्थित मोजो मशरूम फैक्ट्री से 109 बाल मजदूरों को रेस्क्यू कर बचाया गया। महिला बाल विकास विभाग के अनुसार इसमें 14 लड़के और 12 लड़कियां नाबालिग पाए गए हैं। दरअसल सोमवार की शाम को दिल्ली की मानवाधिकार आयोग की टीम, महिला बाल विकास विभाग की टीम व पुलिस की टीम ने मिलकर कंपनी में छापा मारा था। इस दौरान 68 बच्चियां और 41 बच्चे काम करते हुए मिले। ये सभी असम, पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा, यूपी, एमपी के हैं। कुछ आसपास के गांव से भी हैं। इन सभी को बाल संप्रेक्षण गृह में रखा गया।

वहीं, इसमें कुछ बच्चे ऐसे भी मिले हैं जिन्हें पिछली बार इसी कंपनी से छुड़ाया था। उन्होंने पूछताछ में बताया कि इस बार दूसरे ठेकेदार ने काम में लगावाया, लेकिन कम काम बोलकर ज्यादा करवाते हैं। इस पूरे मामले में श्रम विभाग के सहायक आयुक्त से फोन में कॉन्टेक्ट करने की कोशिश की गई, पर उन्होंने जवाब नहीं दिया।

शासन- प्रशासन का डर खत्म, इसी कंपनी से छुड़ाए थे 97 मजदूर

इस कंपनी का संचालक और ठेकेदार बिना किसी डर के प्रशासन की नाक के नीचे दोबारा यहां नाबालिगों से जबरदस्ती काम करवा रहे हैं। जबकि इसी कंपनी में इसी साल जुलाई में 97 से ज्यादा मजदूरों, जिसमें नाबालिग, महिला समेत अन्य शामिल थे। इन्हें रेस्क्यू किया गया था। इसके बाद कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई, यह मामला वर्तमान में लेबर कोर्ट में चल रहा है। मामला ठंडा होने के बाद संचालक और ठेकेदार बिना डर के नाबालिगों से फिर काम कराना शुरू कर दिया।

बच्चों ने काउंसलिंग में बताया कि तीन साल तक फंसे

मेडिकल टीम की ओर से सभी बच्चों की जांच की गई है। फिलहाल किसी बच्चे में गंभीर बीमारी की शिकायत नहीं मिली है। लेकिन आगे भी जांच की जा रही है। काउंसलिंग के दौरान बच्चों ने बताया कि 3 माह से 3 साल तक बच्चे यहां फंसे रहे। वहीं एक कमरे में 10-15 बच्चों को ठूंस-ठूंस कर रखा जाता है। उनके साथ मारपीट और लड़कियों से छेड़खानी की बातें भी सामने आई है।

कंपनी से छुडाए गए बच्चों में करीब 14 लड़के और 12 लड़कियां नाबालिग मिले हैं। जांच की जा रही है। इसके बाद नाबालिगों के मामले में एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। - संजय निराला, संरक्षण अधिकारी, महिला बाल विकास विभाग, रायपुर


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