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Rajiv Gandhi Khel Ratna Award: राजीव गांधी खेल रत्न चयन समिति में शामिल हुईं रायबरेली की बेटी सुधा सिंह, खेल जगत में खुशी की लहर

Sudha Singh Joins Rajiv Gandhi Khel Ratna Award Selection Committee:  भारत की अंतरराष्ट्रीय धाविका और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित रायबरेली की बेटी सुधा सिंह को राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार चयन समिति का सदस्य बनाया गया है। एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने यह मनोनयन जारी किया है, जिसके बाद से खेल जगत और रायबरेली में खुशी की लहर दौड़ गई है। सुधा सिंह के चयन को बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।

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Sudha Singh Named to Rajiv Gandhi Khel Ratna Selection Panel (फोटो सोर्स : Whatsapp Group)

Sudha Singh Named to Rajiv Gandhi Khel Ratna Selection Panel (फोटो सोर्स : Whatsapp Group)

Rajiv Gandhi Khel Ratna Award Selection Committee: भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार की चयन प्रक्रिया अब और भी अधिक अनुभवी व पारदर्शी हाथों में होगी। एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता, ओलंपियन और पद्मश्री सम्मानित सुधा सिंह को इस प्रतिष्ठित चयन समिति में सदस्य के रूप में नामित किया है। उनके मनोनयन की खबर जैसे ही जिले तक पहुँची, खेल प्रेमियों, खिलाड़ियों और सामाजिक संस्थाओं में जश्न का माहौल बन गया। रायबरेली की यह बेटी एक बार फिर राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय खेल मंच पर जिले का नाम रोशन कर रही है।

खेलों में संघर्ष से सफलता तक का सफर

रायबरेली में जन्मी और पली-बढ़ी सुधा सिंह ने अपने अथक परिश्रम, फिटनेस और मानसिक मजबूती के दम पर विश्व स्तर पर भारत का तिरंगा लहराया।

  • 2010 एशियाई खेलों में 3000 मीटर स्टिपलचेज़ में स्वर्ण पदक
  • 2018 एशियाई खेलों में रजत पदक
  • दो बार ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व (2012–2016)
  • कॉमनवेल्थ और एशियन चैंपियनशिप में कई पदक

सुधा रेलवे में गजेटेड अधिकारी हैं और अभी भी युवा खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने में सक्रिय भूमिका निभाती हैं। उनका नाम भारत के सबसे सफल स्टिपलचेज़ धावकों में लिया जाता है।

चयन समिति में क्यों है उनकी अहम भूमिका

  • खेल रत्न पुरस्कार भारत सरकार द्वारा उन खिलाड़ियों को दिया जाता है जिन्होंने-
  • .अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में असाधारण उपलब्धि हासिल की हो
  • . लगातार देश की रैंकिंग और सम्मान बढ़ाया हो
  • .खेल भावना और अनुशासन का बेहतरीन उदाहरण पेश किया हो

ऐसे खिलाड़ियों के चयन के लिए जिस खेल और मेहनत की गहरी समझ चाहिए, वह सुधा सिंह के पास है। वे खुद इस प्रतिष्ठित पुरस्कार की हकदार रही हैं, इसलिए वे जानती हैं कि एक खिलाड़ी किस संघर्ष से इस स्तर तक पहुँचता है। एएफआई अध्यक्ष बहादुर सिंह सागू के अनुसार सुधा सिंह की मौजूदगी चयन प्रक्रिया को खिलाड़ियों के हित में और मजबूत करेगी। वे देश की नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा हैं।”

रायबरेली को मिला राष्ट्रीय पहचान का अवसर

रायबरेली जैसे उभरते खिलाड़ी-समृद्ध जिले के लिए यह बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। स्थानीय खेल संगठनों और प्रशिक्षकों ने इसे इतिहास में स्वर्णाक्षरों से लिखे जाने योग्य बताया।

  • विनोद शुक्ला - अध्यक्ष, आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी राष्ट्रीय स्मारक समिति
  • अमर द्विवेदी - अध्यक्ष, यूथ एक्टिविटी फोरम
  • सुधीर द्विवेदी -महामंत्री
  • गौरव अवस्थी -सामाजिक कार्यकर्ता

अजय सिंह चंदेल, मुन्नालाल साहू, लक्ष्मीकांत शुक्ला रोटरी क्लब के राजीव भार्गव आदि सभी का कहना था कि यह सिर्फ सुधा सिंह की नहीं बल्कि रायबरेली के हर खिलाड़ी की जीत है।

इस उपलब्धि से मिलेगा युवाओं को प्रोत्साहन

  • रायबरेली में पिछले कुछ सालों में खेल सुविधाओं के विस्तार की मांग लगातार उठती रही है। सुधा सिंह के इस पद से-
  • . जिले में एथलेटिक्स ट्रैक और स्टेडियम विकास पर ध्यान बढ़ेगा
  • .खेल विभाग में रायबरेली की आवाज़ मजबूत होगी
  • .लड़कियों की खेलों में बढ़ती भागीदारी को नई ऊर्जा मिलेगी

स्थानीय कोचों ने कहा कि सुधा सिंह का चयन साबित करता है कि मेहनत और लगन से छोटे शहर से भी विश्व तक पहचान बनाई जा सकती है।

महिला सशक्तिकरण का उदाहरण

भारत में खेलों में महिलाओं की भागीदारी अब तेजी से बढ़ रही है। सुधा सिंह के समिति सदस्य बनने को महिलाओं की निर्णय प्रक्रिया में भागीदारी बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

  • राष्ट्रीय खेल संस्थानों में महिलाओं का योगदान:
  • निर्णय प्रक्रिया में ²ष्टि और संवेदनशीलता जोड़ती हैं
  • महिला खिलाड़ियों की समस्याओं को बेहतर समझ सकती हैं
  • समान अवसरों को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाती हैं

सुधा सिंह की प्रतिक्रिया -जिम्मेदारी और गर्व

मनोनयन के बाद सुधा सिंह ने कहा कि देश के सर्वोच्च खेल सम्मान की चयन समिति का हिस्सा बनना मेरे लिए गर्व और जिम्मेदारी है। मैं हमेशा खिलाड़ी हित को प्राथमिकता दूंगी और हर चयन निष्पक्ष होगा। उन्होंने रायबरेली के युवाओं से कहा कि  खेलो, आगे बढ़ो, मेहनत और अनुशासन से कोई भी मंज़िल दूर नहीं।

राजीव गांधी खेल रत्न: एक नज़र में

  • भारत का सबसे बड़ा खेल पुरस्कार
  • अंतरराष्ट्रीय उपलब्धि व निरंतर उत्कृष्ट प्रदर्शन पर आधारित
  • खिलाड़ी को ट्रॉफी, प्रमाणपत्र व नकद सम्मान
  • पहले यह सम्मान पी.वी. सिंधु, नीरज चोपड़ा, रानी रामपाल, सुनील कुमार छेत्री जैसे खिलाड़ियों को मिल चुका है
  • इस समिति में बैठना किसी खिलाड़ी की प्रतिष्ठा का बड़ा मानक है।