
ग्वालियर. जिले में सबसे ज्यादा रेत की चोरी हो रही है। इसे रोकने के लिए खनिज विभाग सुस्त दिख रहा है। यह स्थिति बयां कर रहे हैं, खनिज विभाग की कार्रवाई के आंकड़े। 2024 में 153 अवैध परिवहन के प्रकरण दर्ज हुए थे और 36 अवैध भंडारण के, लेकिन 2025 में 91 अवैध परिवहन के प्रकरण दर्ज किए गए हैं। यह पिछले साल से काफी कम हैं। अवैध परिवहन पर निगरानी के लिए बिलौआ पर चेकपोस्ट भी बनाया गया है, लेकिन इसका डेटा जिला कार्यालय को नहीं मिला रहा है। वहीं दूसरी तरफ शहर में ओवरलोड रेत के वाहन दौड़ रहे हैं, लेकिन ओवर लोड पर भी विभाग कार्रवाई नहीं कर रहा है। रॉयल्टी से कितना अधिक रेत लेकर जा रहा है, इसका पता नहीं चल रहा है।
जिले में ङ्क्षसध नदी व पार्वती नदी से रेत का खनन किया जा रहा है। ङ्क्षसध नदी में करीब 22 करोड़ रुपए में ठेका दिया गया है। बारिश में डंप से रेत बेची गई थी और अब नदी से खनन शुरू हो गया है। नदी से रेत आ रही है, लेकिन रॉयल्टी की रसीद कम की दी जा रही है, जबकि पैसा अधिक लिया जा रहा है। ऐसा करके रॉटल्टी की चोरी हो रही है। जो पैसा सरकार के खजाने में आना चाहिए, वह माफिया की जेब में जा रहा है। इसके अलावा मुरैना से चंबल की रेत आ रही है, जबकि चंबल में ठेका नहीं है। इसके अलावा ङ्क्षभड से चंबल व ङ्क्षसध की रेत ग्वालियर आती है। बिना रॉयल्टी के रेत ग्वालियर तक पहुंच रही है।
विभाग की नियमित निगरानी नहीं
< अवैध उत्खनन व परिवहन पर विभाग की नियमित निगरानी नहीं है। रात में रेत व गिट्टी का अवैध परिवहन किया जा रहा है। सुबह शहर में रेत की मंडियां लग रही हैं, लेकिन इन मंडियों पर भी कार्रवाई नहीं है।
<शहर में गिट्टी के डंपर पकडकऱ खानापूर्ति की जा रही है, लेकिन खनन की निगरानी के लिए विभाग नहीं जा रहा है।
< मुरम से तैयार की गई रेत भी शहर मेें आ रही है। इसकी रॉयल्टी नहीं कट रही है।
2024 में इतने प्रकरण किए गए थे दर्ज
विवरण रेत गौणखनिज
अवैध उत्खनन 9 18
अवैध परिवहन 153 43
अवैध भंडारण 36 —
हमें रॉयल्टी देखने का अधिकार है। यदि वाहन ओवरलोड चल रहा है, तो उसे परिवहन विभाग को पकडऩा चाहिए। चेकपोस्ट की निगरानी भोपाल से है, इसका डेटा नहीं मिल रहा है।
घनश्याम यादव, जिला खनिज अधिकारी
Published on:
15 Nov 2025 02:22 am

