
ग्वालियर. शहर व ग्रामीण क्षेत्रों की काफी गायों पर लंपी वायरस कहर बनकर टूट रहा है। पत्रिका टीम ने जब एबी रोड गोलपहाडिय़ा, लक्ष्मीगंज, पिंटो पार्क, डीडी नगर, गुड़ागुड़ी का नाका, चंद्रवदनी नाका, मुरार, बारादरी, पुरानी छावनी सहित शहर के अलग-अलग हिस्सों में जाकर गोवंश की वस्तु स्थिति को जानने की कोशिश की तो हालत बद से बदतर मिले। इन क्षेत्रों में गायों की इतनी बुरी स्थिति है कि किसी की आंख से खून निकल रहा है तो किसी का पूरा पैर सड़ गया है। यहां तक कि कई गायों में तो कीड़े तक पड़ रहे हैं। ऐसे में ये बेजुबान अपना दर्द किससे बयां करें। जिला प्रशासन की ओर से लंपी वायरस की रोकथाम के लिए जिला स्तर पर कंट्रोल रूम का गठन किया गया है और पब्लिक शिकायतें भी दर्ज करा रही है। लेकिन समाधान उतनी तेजी से नहीं हो रहा है। शहरी क्षेत्र में गायों में लंपी वायरस के लक्षण दिखने पर उन्हें क्वारंटाइन किए जाने को लेकर बंधौली में आइसोलेशन सेंटर बनाया जा रहा है। हालांकि यहां पहले से ही हालात बुरे हैं। लंपी से पीडि़त यहां कुछ गायों की मौत भी हो चुकी है।
गोशाला में सभी गायों का कराया वैक्सीनेशन
नगर निगम की लाल टिपारा गोशाला में 10 हजार से ज्यादा गाय हैं। श्रीकृष्णायन देशी गोरक्षाशाला संत ऋषभदेवानंद महाराज ने बताया कि गोशाला में मौजूद सभी गायों को वैक्सीनेशन कर दिया गया है। जबकि शहर से आने वाली गायों से इंफेक्शन दूसरी गायों में नहीं फैले इसके लिए आइसोलेशन सेंटर भी बनाए हंै।
अब तक 26988 गोवंश का हुआ वैक्सीनेशन
पशु पालन एवं डेयरी विभाग के डॉ अनिल अग्रवाल ने बताया कि हमारे पास पहले 50 हजार वैक्सीनेशन का लक्ष्य था, इसमें से अभी तक अब 26988 कर चुके हैं और 50 हजार की डिमांड की है। अभ हमारे पास एक गाड़ी है, बाकी के लिए निगम से मांग करेंगे।
जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान, तेजी से बढ़ रहा लंपी
राकेश शर्मा ने पत्रिका को बताया कि उन्होंने टोल फ्री नंबर 0751-2930300 पर ङ्क्षपटो पार्क गोले का मंदिर से एक शिकायत दर्ज कराई गई थी। गाय लंपी की वजह से तड़प रही है। जिस पर बताया गया कि आप गाय को देखें हम टीम भेज रहे हैं, करीब दो घंटे बाद टीम आई तो गाय का इलाज करने के बाद वहीं पर छोड़ दिया गया। कंट्रोल रूम पर हर दिन पहुंच रही 15 से 20 शिकायतें पहुंच रही हैं। कंट्रोल रूम पर डॉ. अंकित पचौरी व हेमा रजक, कपिल सेंगर व बनवारीलाल को तैनात किया गया है।
लंपी वायरस के ये हैं लक्षण
गायों के शरीर में गठाने पड़ जाना, सूजन आना, तेज बुखार और गाय में कई बार घाव हो जाते है। गाय के दूध के उत्पादन में भी गिरावट आती है।
Published on:
16 Nov 2025 01:49 am

