
कोटवा गांव के रहने वाले 17 साल के आयुष के साथ उसकी बहन के सामने सिपाही सुशील शुक्ला ने मारपीट की और पिस्टल दिखाकर उसे डराया। डीसीपी प्रमोद कुमार ने इस मामले में सिपाही को निलंबित कर दिया है।
आयुष ने बताया कि वह अपनी बहन खुशी को स्कूल से घर ले जा रहा था। तभी सुशील शुक्ला और उसका एक साथी सिपाही आए और आयुष को रोक लिया। उन्होंने पूछा कि वह कहां जा रहा है। जब आयुष ने बताया कि यह उसकी बहन है, तो सिपाही गुस्से में आ गया और पिस्टल निकालकर उसे धमकाया। इसके बाद उसे जबरन कोटवा चौकी ले जाकर पीटा गया। बाद में बिना कोई कार्रवाई किए छोड़ दिया गया।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद लोहता थानाध्यक्ष ने सफाई दी कि पिस्टल बेल्ट ढीली होने की वजह से निकल गई थी। यह बयान वीडियो के साथ मेल नहीं खाता था, जिससे मामला और विवादास्पद हो गया।
स्थानीय लोग और डीसीपी ने इस घटना की निंदा की। यह घटना समाज में पुलिस के प्रति विश्वास को कमजोर करती है। लोगों का कहना है कि पुलिस का काम सुरक्षा देना है, डराना नहीं। इस घटना ने फिर से यह सवाल उठाया कि क्या पुलिस को अपनी शक्ति का गलत इस्तेमाल करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
Published on:
25 Sept 2025 04:40 pm

