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Expressway: मेरठ–प्रयागराज गंगा एक्सप्रेस-वे का काम अंतिम चरण में, बढ़ेगा शहर का रिंग रोड, लोगों को मिलेगा लाभ

मेरठ से प्रयागराज तक बन रहा गंगा एक्सप्रेस-वे अब अंतिम चरण में पहुँच चुका है। इसके साथ ही प्रयागराज में रिंग रोड का दायरा बढ़ाकर शहर को नई कनेक्टिविटी देने की तैयारी है। रिंग रोड की लंबाई 65 से बढ़ाकर 71 किलोमीटर की जा रही है, जिसमें दो बड़े पुल भी शामिल होंगे।

Ganga Expressway: मेरठ से प्रयागराज को जोड़ने वाला गंगा एक्सप्रेस-वे तेजी से अपने मुकाम की ओर बढ़ रहा है। अनुमान है कि आने वाले कुछ महीनों में इस एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की आवाजाही शुरू हो जाएगी। इसी के साथ प्रयागराज में रिंग रोड के विस्तार की भी तैयारियाँ तेज हो गई हैं। शहर की परिवहन संरचना को और मजबूत करने के लिए रिंग रोड अब पाँच से छह किलोमीटर और बढ़ाया जाएगा।

65 की जगह 71 किमी का होगा नया रिंग रोड
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने पहले रिंग रोड को 65 किमी तक विकसित करने की योजना बनाई थी। लेकिन बढ़ती जरूरतों को देखते हुए अब यह लंबाई 71 किमी तय की गई है। पहला चरण 31 किलोमीटर में पहले से निर्माणाधीन है, जबकि दूसरा चरण जल्द शुरू होगा।

दूसरे फेज की रूपरेखा: दो नए सिक्स-लेन पुल भी शामिल
रिंग रोड का दूसरा चरण यमुनापार से शुरू होकर गंगापार के सोरांव तहसील के दांदूपुर इलाके तक पहुंचेगा। इस हिस्से की कुल लंबाई लगभग 40 किमी होगी। खास बात यह है कि इस फेज में गंगा और यमुना पर दो सिक्स-लेन पुलों का निर्माण भी प्रस्तावित है, जिनकी संयुक्त दूरी करीब आठ किलोमीटर होगी।

शहर में भीड़ कम करने की रणनीति
NHAI के अधिकारियों के अनुसार, रिंग रोड के विस्तार का उद्देश्य बाहरी राज्यों और जिलों से आने वाले वाहनों को शहर में प्रवेश करने से रोकना है। नई कनेक्टिविटी से वाहन शहर की सीमा पर ही रिंग रोड पकड़ सकेंगे और बिना शहर की भीड़ में घुसे अपनी यात्रा आसानी से पूरी कर पाएंगे।

5–6 हजार करोड़ की लागत, अनुमति के बाद टेंडर शुरू
सूत्रों का कहना है कि दूसरे फेज की लागत 5,000 से 6,000 करोड़ रुपये के बीच अनुमानित है। इसके लिए एलाइनमेंट का काम तेज गति से चल रहा है। जैसे ही मंत्रालय से मंजूरी मिलेगी, रिंग रोड के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।