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GhumerMahotsav:शौर्य घाट पर घूूमर की रमझोल….

कोटा. राजस्थानी कला संस्कृति के विविध रंग है। हर रंग दुनिया में अपनी छाप छोड़ता है, जब बात लोकगीत की हो तो केसरिया बालम आओ नी....के सुर मेहमानों को राजस्थान के मन से जोड़ देते हैं, लेकिन नृत्य कला की बात हो तो फिर घूमर का अंदाज निराला है। खास संगीत के बीच कदम से कदम, ताल से ताल के संग कला प्रेमियों को बांध देता है।...कुछ ऐसा ही नजारा बुधवार शाम को चंबल रिवर फ्रंट के शौर्य घाट पर नजर आया। यहां म्हारी घूमर से नखराळी... के सुर गूंजे तो कला संस्कृति की खास रंगत छा गई और कलाप्रमियों की आंखें घाट पर जम गई। जिला प्रशासन व पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित संभाग स्तरीय घूमर महोत्सव कार्यक्रम में नृत्य करती महिलाएं।