
UP woman puts newborn in fridge | प्रतीकात्मक फोटो | डिजाइन- पत्रिका
Newborn in Fridge :"उत्तर प्रदेश में 15 दिन के बच्चे को फ्रिज में डालकर मां सोने चली गई…", जब ये खबर सामने आई तो सोशल मीडिया पर लोगों ने मां को कोसना शुरू किया। अक्सर, घर-परिवार या समाज में ऐसे मौकों पर मां को कोसने का कसर छोड़ा भी नहीं जाता है। हालांकि, एक मां ने ऐसा क्यों किया और इसके पीछे की असल कहानी क्या है…। इस बात को समझने के लिए हमने एक स्त्री रोग विशेषज्ञ व महिला से बातचीत की। चलिए, अब इस बात को विस्तार से समझते हैं-
केस 1- उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में एक 23 साल की महिला ने अपने मात्र 15 दिन के नवजात को फ्रिज में रख दिया और वो सोने के लिए चली गई। हालांकि, रोने की आवाज सुनकर घर की सदस्य ने बच्चे को निकालकर इलाज कराया तब जाकर वो बच पाया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अब मां का भी पोस्टपार्टम साइकोसिस का इलाज चल रहा है।
केस 2- केरल में मई 2024 और अप्रैल 2025 में भी एक 25 वर्ष की महिला ने अपने 4 साल के बच्चे को मार दिया और एक महिला ने बच्चे को रोड पर फेंक दिया था। दोनों महिलाएं भी मनोरोग से जूझ रही थीं।
केस 3- कोलकाता में जनवरी 2020 में एक 26 साल की महिला ने अपने पहले बच्चे को मार दिया था। बाद में पता चला कि वो महिला बायपोलर डिस्ऑर्डस से जूझ रही थी।
चाहे यूपी की उक्त महिला का मामला हो या केरल या कोलकाता की महिला…। ये सभी मनोरोग से जूझ रही थी। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन पर प्रकाशित शोध रिपोर्ट (2023) के अनुसार, पोस्टपार्टम साइकोसिस दुर्लभ है। ये 1000 में एक या दो महिलाओं को होता है।
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रियंका रहरिया कहती हैं कि पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को लेकर इस तरह के केस बहुत कम भले हैं लेकिन, गंभीर हैं। पहली बार मां बनने वाली औरतों का ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि, गर्भावस्था में स्त्री के शरीर में बहुत तरह के बदलाव होते हैं। कई तरह की दवाईयां चलती हैं। अगर परिवार में ऐसी कोई हिस्ट्री रही तो भी ऐसी दिक्कत हो सकती है। या फिर, महिला को मेंटल सपोर्ट ना मिलने पर ऐसी दिक्कत हो सकती है। ऐसे में मां का ख्याल रखना भी उतना ही जरूरी है जितना की बच्चे का।
इसको लेकर पहली बार मां बनने वाली सुनंदा भोला (31 वर्ष) कहती हैं, प्रेग्नेंसी के समय बहुत कुछ बदल जाता है। इस समय महिला एक अलग फेज से गुजर रही होती हैं। ऐसे समय उसको मानसिक रूप से सपोर्ट करना, प्यार-केयर करना आवश्यक हो जाता है। अगर ऐसे समय पर भी महिला को ना समझा जाए तो इस तरह के मामले सामने आएंगे। साथ ही दुख की बात है कि इसके लिए भी मां को ही दुनिया कोसती है। जबकि, मां को कोसने की नहीं केयर करने की जरूरत है।
डॉ. प्रियंका बताती हैं कि महिला को किसी बात को लेकर भ्रम हो, जैसे- ये मेरा बच्चा है या नहीं, बच्चे से लगाव ना होना, ये बच्चा मुझे मार देगा आदि। नींद कम आना, अधिक घबराहट, स्वभाव में अचानक बदलाव। इस तरह की परेशानी दिखने पर डॉक्टर से या किसी मनोचिकित्सक से तुरंत संपर्क करना चाहिए।
Updated on:
12 Sept 2025 10:20 am
Published on:
11 Sept 2025 06:52 pm
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