11 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
icon

होम

icon

वीडियो

icon

प्लस

epaper_icon

ई-पेपर

icon

प्रोफाइल

ट्रंप ने H-1B वीजा वालों को निकाला तो कनाडा ने खोल दिए दरवाजे

Canada Immigration: डोनाल्ड ट्रंप की आव्रजन नीतियों में सख्ती के बाद, कनाडा अब ग्लोबल टेलेंट स्ट्रीम और एक्सप्रेस एंट्री जैसे कार्यक्रमों के जरिए इन पेशेवरों को आकर्षित करने की कोशिश कर रहा है।

3 min read
Google source verification
Canada Immigration

अमेरिका में H-1B वीजा पर पाबंदियां लगने पर जॉब व रहने के लिए कनाडा बना नया ठिकाना। (फोटो: द वॉशिंगटन पोस्ट, डिजाइन: पत्रिका)

Canada Immigration: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के फिर से राष्ट्रपति बनने के बाद आव्रजन नीतियों में सख्ती बढ़ने की खबरें जोरों पर हैं। खासकर H-1B वीजा (H-1B Visa) पर नई पाबंदियां लगने और भारी भरकम फीस की आशंका से हजारों भारतीय और अन्य देशों के टेक प्रोफेशनल्स परेशान हैं। इसी बीच पड़ोसी देश कनाडा ने इस मौके को भुनाते हुए कुशल विदेशी प्रोफेशनल्स और कारीगरों (Canada Jobs) के लिए रेड कारपेट बिछा दिया है। कनाडा सरकार ने अगले 10 बरसों के दौरान करीब 1.2 बिलियन कनाडाई डॉलर (लगभग 7,500 करोड़ रुपये) खर्च करने का ऐलान किया है। यह पैसा देश में नए साइंटिस्ट, रिसर्चर, डॉक्टर और हाई-स्किल प्रोफेशनल्स को लाने, उनकी सैलरी देने, लैब बनाने और रिसर्च ग्रांट (Research Grant) देने में लगेगा। लक्ष्य साफ है – कम से कम 1,000 दुनिया के बेस्ट दिमागों यानि ज्यादा अक्लमंद लोगों को कनाडा लाना। हालांकि आधिकारिक बयान में अमेरिका का नाम नहीं लिया गया, लेकिन टाइमिंग सब बता रही है!

H-1B वीजा वालों के लिए यूस के बजाय,कनाडा बहुत बेहतर

पैरामीटरअमेरिका (H-1B वीजा – मौजूदा/संभावित 2025-2029)कनाडा (2025-2035 स्थिति)
वीजा कैप/लॉटरी सिस्टमहाँ (85,000 सालाना, लॉटरी) – और कम होने की संभावनानहीं – कोई कैप नहीं
वर्क परमिट मिलने का समय6-18 महीने (प्रीमियम प्रोसेसिंग भी महंगी)2 हफ्ते (Global Talent Stream)
PR मिलने का औसत समय8-15 साल (ग्रीन कार्ड बैकलॉग)6-12 महीने (1 साल काम के बाद फास्ट-ट्रैक)
PR के लिए न्यूनतम काम का अनुभवकोई गारंटी नहींसिर्फ 1 साल कनाडा में काम → फास्ट-ट्रैक PR
प्रोसेसिंग फीसबहुत ज्यादा (संभावित और बढ़ोतरी)कम और पारदर्शी
टॉप टेलेंट को आकर्षित करने का बजटकोई स्पेशल फंड नहीं1.2 बिलियन CAD (≈ ₹7,500 करोड़) अगले 10 साल
लक्ष्य – दुनिया के टॉप प्रोफेशनल्सकम से कम 1,000 टॉप साइंटिस्ट/रिसर्चर लाना
भारतीय कम्युनिटी और कल्चरल कम्फर्टबड़ी है, लेकिन बैकलॉग बहुत ज्यादाबहुत बड़ी + + मौसम और नागरिकता प्रक्रिया आसान
कनाडा में किस्मत चमकाने का सुनहरा मौका। (स्रोत: द वॉशिंगटन पोस्ट)

H-1B वीजा धारकों के लिए स्पेशल फास्ट-ट्रैक PR रास्ता

कनाडा पहले ही H-1B वीजा धारकों के लिए खास “ओपन वर्क परमिट” स्कीम शुरू कर चुका है, जो अभी भी जारी है। अब नई खबर यह है कि जो विदेशी डॉक्टर या हाई-स्किल प्रोफेशनल कनाडा में सिर्फ 1 साल काम कर लेंगे, उन्हें परमानेंट ​रेजिडेंसी (PR) के लिए बहुत जल्द रास्ता मिलेगा। मतलब अमेरिका में बरसों इंतजार करने के बजाय कनाडा में कुछ ही महीनों में सेटलमेंट हो सकता है।

अमेरिका में वीजा की दिक्कतों के कारण कनाडा अधिक अवसर वाला स्थान बना। (फोटो: द वॉशिंगटन पोस्ट, डिजाइन :पत्रिका)

अमेरिका में बढ़ी मुश्किलें, कनाडा में आसान जिंदगी

ट्रंप प्रशासन H-1B वीजा की संख्या कम करने, लॉटरी सिस्टम में बदलाव और प्रीमियम प्रोसेसिंग फीस बढ़ाने की बात कर रहा है। कई टेक कंपनियां पहले से ही परेशान हैं। दूसरी तरफ कनाडा में कोई लॉटरी नहीं, कोई कैप नहीं और आवेदन से लेकर अप्रूवल तक की सारी प्रक्रिया बहुत तेज है। यही वजह है कि पिछले कुछ बरसों के दौरान हजारों भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स अमेरिका छोड़ कर टोरंटो, वैंकूवर और ओटावा जा चुके हैं।

ब्रेन ड्रेन को ब्रेन गेन में बदल रहा कनाडा

पहले कनाडा खुद ब्रेन ड्रेन का शिकार था – उसके पढ़े-लिखे लोग अमेरिका चले जाते थे। अब टेबल पलट चुकी है। कनाडा की इंडस्ट्री मंत्री मेलानी जोली ने साफ कहा है, “हम विज्ञान और इनोवेशन में दुनिया के लीडर बनेंगे।” इसके लिए कनाडा ग्लोबल टेलेंट स्ट्रीम, स्टार्टअप वीजा और एक्सप्रेस एंट्री जैसी कई स्कीम्स एक साथ चला रहा है।

सिर्फ कनाडा ही नहीं, यूरोप-चीन भी लाइन में

ऐसा करने वाला कनाडा अकेला नहीं है। जर्मनी, फ्रांस, नीदरलैंड और ऑस्ट्रेलिया भी हाई-स्किल वर्कर्स को लुभा रहे हैं। चीन तो सीधे-सीधे अमेरिकी साइंटिस्ट्स को मोटी सैलरी और रिसर्च फंडिंग का ऑफर दे रहा है। लेकिन भारतीयों के लिए कनाडा अभी भी नंबर-1 पसंद है क्योंकि यहां हिंदी-पंजाबी कम्युनिटी बहुत बड़ी है, इस देश का मौसम भारत जैसा ही है और PR के बाद नागरिकता भी जल्दी मिल जाती है।

अभी अप्लाई करें – मौका हाथ से निकल न जाए!

बहरहाल, अगर आप H-1B पर अमेरिका में हैं और परेशान हैं तो कनाडा के दरवाजे आपके लिए पूरी तरह खुले हुए हैं। ग्लोबल टेलेंट स्ट्रीम के तहत 2 हफ्ते में वर्क परमिट और कुछ महीनों में PR मिलने के केस सामने आ चुके हैं। ट्रंप की नई पॉलिसी आने से पहले ही अपना प्लान B तैयार कर लें। कनाडा अब सिर्फ मेपल सीरप और बर्फ का देश नहीं रहा – यह दुनिया के बेस्ट टेलेंट का नया घर बनने की राह पर अग्रसर है!

(वॉशिंगटन पोस्ट का यह आलेख Patrika.com पर दोनों समूहों के बीच विशेष अनुबंध के तहत पोस्ट किया गया है।)