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नई पेंशन से कहीं बेहतर है UPS पर सरकारी कर्मचारियों को क्यों नहीं भा रही? ये हैं कारण

एनपीएस के तहत सरकार का योगदान कर्मचारी के मूल वेतन और महंगाई भत्ते (DA) का 14% होता है, जबकि यूपीएस में यह योगदान 10% ही है।

भारत

Ashish Deep

Sep 19, 2025

Pension-Scheme
यूनिफाइड पेंशन योजना को लेकर कर्मचारी कतरा रहे हैं। (फोटो : AI)

केंद्रीय कर्मचारियों में यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) के प्रति कम उत्साह देखा जा रहा है। इसका प्रमुख कारण यह है कि कर्मचारी अब भी पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) को सबसे बेहतर मानते हैं, जिसमें उन्हें रिटायरमेंट के बाद निश्चित पेंशन की गारंटी मिलती है। दूसरी ओर, राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के मार्केट आधारित सिस्टम से भी उन्हें बेहतर रिटर्न की उम्मीद होती है। यूपीएस को इन दोनों के बीच का रास्ता माना गया है, लेकिन इसके कुछ नियम और शर्तें कर्मचारियों के लिए पूरी तरह से आकर्षक नहीं हैं।

यूपीएस और एनपीएस के बीच क्या है मुख्य अंतर

यूपीएस (Unified Pension Scheme) को एनपीएस (National Pension System) के तहत एक ऑप्शन के रूप में शुरू किया गया है। एनपीएस के तहत, कर्मचारी और सरकार दोनों एक निश्चित रकम का योगदान करते हैं, जिसे बाजार में निवेश किया जाता है। रिटायरमेंट के टाइम पर मिलने वाली पेंशन पूरी तरह से उस समय मिले निवेश के रिटर्न पर निर्भर करती है, यानी इस पर शेयर बाजार का जोखिम हावी होने का अंदेशा रहता है।

यूपीएस देता है निश्चित पेंशन की गारंटी

इसके उलट यूपीएस में भी कॉन्ट्रिब्यूशन का सिस्टम समान है, लेकिन यह एक निश्चित पेंशन की गारंटी देता है। यूपीएस के तहत 25 साल की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को रिटायरमेंट से ठीक पहले के 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा। यह सुविधा कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा का एक मजबूत अहसास दिलाती है। इसके अलावा, यूपीएस में 10 साल की सेवा के बाद कम से कम 10,000 रुपये की मासिक पेंशन की गारंटी भी है।

कर्मचारियों की आशंका और अविश्वास

कम सरकारी योगदान : एनपीएस के तहत सरकार का योगदान कर्मचारी के मूल वेतन और महंगाई भत्ते (DA) का 14% होता है, जबकि यूपीएस में यह योगदान 10% ही है। हालांकि सरकार एक 'पूल कॉर्पस' के लिए अतिरिक्त 8.5% योगदान करती है, लेकिन इस पूल के काम करने के तरीके पर कर्मचारियों को संदेह है।

कम लचीलापन : एनपीएस में कर्मचारियों को अपने फंड मैनेजर और निवेश के विकल्पों को चुनने की स्वतंत्रता होती है, जिससे उन्हें ज्यादा रिटर्न मिलने की संभावना रहती है। वहीं, यूपीएस में निवेश पर नियंत्रण कम होता है, जो युवा कर्मचारियों को पसंद नहीं आ रहा है क्योंकि वे लंबी अवधि में मार्केट आधारित रिटर्न को तरजीह देते हैं।

पुरानी पेंशन योजना की मांग : कई कर्मचारी संघ और संगठन अब भी पुरानी पेंशन योजना (OPS) को बहाल करने की मांग कर रहे हैं, जिसमें कर्मचारी का कोई योगदान नहीं होता था और पेंशन अंतिम वेतन का 50% होती थी, साथ ही यह महंगाई भत्ते से जुड़ी होती थी। कर्मचारियों का मानना है कि यूपीएस, ओपीएस के समान फायदा नहीं देता।

दूसरी शर्तें : यूपीएस में कुछ ऐसी शर्तें हैं जो कर्मचारियों को असहज कर रही हैं, जैसे कि 25 साल की सेवा पूरी होने पर ही पूर्ण पेंशन की पात्रता और स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) की कुछ पाबंदियां।