
Class 10 Student Heart attack News : पहले एक कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर, फिर एक इंजीनियर और अब एक 15 साल के बच्चे की "हार्ट अटैक" से मरने की खबर आ रही है। ये तीनों घटनाएं पिछले कुछ दिनों की हैं। बताया जा रहा है कि तेलांगना में 10 वीं क्लास के बच्चे को खेलते-खेलते "हार्ट अटैक" आ गया और इस कारण उसकी मौत हो गई। बच्चों में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। फेमस कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. गौरव सिंघल से जानते हैं कि क्या बच्चों को "हार्ट अटैक" आता है, इससे जुड़े लक्षण क्या हैं और कैसे बचाव किया जा सकता है।
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मृतक बच्चे का नाम पी जयंत वर्धन (15 वर्ष) है जो 10 वीं क्लास का छात्र है। ये तेलांगना के हनुमाकोंडा के नईम नगर का निवासी है। फिजिकल एजुकेशन क्लास के दौरान खेलते समय वो अचानक गिर पड़ा। उसे एमजीएम अस्पताल, वारंगल ले जाया गया लेकिन, डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। हालांकि, मौत का कारण अधिकारिक रूप से सामने नहीं आया है। मगर, मृतक बच्चे के परिजन का आरोप है कि समय पर सीपीआर नहीं दिया गया इसलिए मौत हो गई। हालांकि, शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
केस 1- राजस्थान के सीकर में इसी साल 16 जुलाई को एक नौ साल की बच्ची को स्कूल में ब्रेक टाइम के दौरान अटैक आया था और उसकी मौत हो गई थी।
केस 2- दिसंबर 2024 में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में दो बच्चे 8 साल व 14 साल के थे उनकी मौत भी हार्ट अटैक से हुई थी।
डॉ. गौरव सिंघल, हृदय रोग विशेषज्ञ, जयपुर ने कहा कि ये हार्ट अटैक समझने के लिए कहा जाता है। मेडिकल की भाषा में इसे हार्ट अटैक नहीं कह सकते हैं। इस तरह की घटना 10 हजार लोगों में एकाध लोगों के साथ होती है। इसलिए, परेशान ना हों। ये कार्डियक अरेस्ट हो सकता है।
इसके कारण को समझाते हुए डॉ. गौरव कहते हैं, बच्चों के दिल की धड़कन का अचानक बढ़ जाना, दिल की कोई बीमारी (दिल में छेद या अन्य) या कोई फैमिली हिस्ट्री हो।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रो. एम रब्बानी ने एनडीटीवी को बताया था कि जब किसी हेल्दी पर्सन की मौत एक घंटे के भीतर हो जाए तो उसे कार्डियक अरेस्ट कहते हैं। कई बार हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट का कारण बन सकता है। बता दें, 20 सालों में कार्डियक अरेस्ट के मामलों में 22 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हुई है।
बच्चों में हृदय संबंधी बीमारी, जन्मजात, या फैमिली हिस्ट्री के कारण हो सकती है। अगर परिवार में ऐसी हिस्ट्री रही हो तो बच्चों के दिल की जांच समय पर अवश्य कराएं।

आम लक्षण के तौर पर सीने में दर्द या दबाव, सांस फूलना या सांस लेने में कठिनाई, दिल की धड़कन तेज होना आदि हो सकते हैं। मगर, ये लक्षण अन्य बीमारियों के भी हो सकते हैं। डॉ. गौरव ने कहा कि एक बात ये भी समझ लें कि दिल की कई बीमारी में से एक है हार्ट अटैक इसलिए, दिल की बीमारी से मौत को हार्ट अटैक नहीं कह सकते हैं। इस तरह की गंभीर बीमारी के बारे में सिर्फ डॉक्टर से बात करके ही सलाह लें।
Published on:
12 Sept 2025 04:13 pm

