Monsoon In Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में इस साल मॉनसून ने अब तक अच्छा प्रदर्शन किया है। 1 जून से लेकर अब तक पूरे प्रदेश में औसतन 971.5 मि.मी. वर्षा रिकॉर्ड की गई है। यह जानकारी राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त हुई है। हालांकि, आंकड़ों पर नजर डालें तो साफ दिखाई देता है कि बारिश पूरे प्रदेश में समान रूप से नहीं हुई है। कुछ जिलों में औसत से कहीं अधिक बारिश हुई है, जबकि कई जिलों में सामान्य से कम।
इस बार बस्तर जिला*सबसे ज्यादा बारिश वाला जिला रहा, जहां अब तक 1358.2 मि.मी. बारिश दर्ज की गई है। दूसरी ओर, बेमेतरा जिला सबसे कम बारिश वाला जिला रहा है, जहां केवल 475.1 मि.मी. बारिश दर्ज हुई है। इतना बड़ा अंतर राज्य में बारिश के असमान वितरण को दिखाता है।
रायपुर संभाग: रायपुर जिले में 831.0 मि.मी., बलौदाबाजार में 705.3 मि.मी., गरियाबंद में 845.0 मि.मी., महासमुंद में 706.7 मि.मी. और धमतरी में 873.0 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है।
बिलासपुर संभाग: बिलासपुर जिले में 990.6 मि.मी., मुंगेली में 969.4 मि.मी., रायगढ़ में 1188.7 मि.मी., सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 816.7़ मि.मी., जांजगीर-चांपा में 1158.4 मि.मी., सक्ती में 1055.6 मि.मी., कोरबा में 1005.2 मि.मी. और गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही 920.4 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है।
दुर्ग संभाग: दुर्ग जिले में 769.6 मि.मी., कबीरधाम में 694.1 मि.मी., राजनांदगांव में 835.1 मि.मी., मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 1193.1 मि.मी., खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 695.7 मि.मी. और बालोद में 1031.5 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है।
सरगुजा संभाग: सरगुजा जिले में 693.7 मि.मी., सूरजपुर में 1017.2 मि.मी., बलरामपुर में 1347.5 मि.मी., जशपुर में 940.7 मि.मी., कोरिया में 1091.8 मि.मी. और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 981.9 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है।
बस्तर संभाग: कोंडागांव जिले में 915.7 मि.मी., कांकेर में 1096.9 मि.मी., नारायणपुर में 1167.2 मि.मी., दंतेवाड़ा में 1333.6 मि.मी., सुकमा में 1042.0 मि.मी. और बीजापुर में 1312.4 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है।
अच्छी बारिश से खरीफ फसलों की बुवाई समय पर हो सकी है। धान की रोपाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध है। सिंचाई के लिए जलाशयों और तालाबों का जलस्तर भी सामान्य से बेहतर है। हालांकि, बेमेतरा, कबीरधाम और सरगुजा जिले में औसत से कम बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। इन इलाकों में फसल की वृद्धि प्रभावित हो सकती है, अगर आने वाले दिनों में बारिश न हुई तो।
बस्तर, दंतेवाड़ा और बलरामपुर में भारी बारिश के कारण नदियों और नालों में जलस्तर बढ़ा है। प्रशासन ने निचले इलाकों के लोगों को सतर्क रहने की अपील की है। राहत और बचाव दलों को तैयार रखा गया है ताकि जरूरत पड़ने पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।
मौसम विभाग के अनुसार सितंबर में भी अच्छी बारिश की संभावना बनी हुई है। इससे प्रदेश में औसत वर्षा का आंकड़ा और बढ़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस साल जल संकट की स्थिति नहीं बनेगी और रबी सीजन के लिए भी पर्याप्त नमी और जल संग्रह होगा।
इस साल मॉनसून छत्तीसगढ़ के लिए अब तक अनुकूल रहा है। अच्छी बारिश से जहां किसानों के चेहरे खिले हैं, वहीं जिन जिलों में कम बारिश हुई है, वहाँ की स्थिति पर प्रशासन की पैनी नज़र है। आने वाले हफ्ते मॉनसून के अंतिम चरण का रुख तय करेंगे।
Published on:
10 Sept 2025 06:39 pm