Second Heart Attack Risk : यदि डायबिटिज, हाई ब्लड प्रेशर, धूम्रपान, तनाव, मोटापा, हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई लिपोप्रोटीन (ए), जंक फ़ूड और डाइट संबंधी लापरवाही जैसे जोखिम कारक बने रहते हैं तो धमनियों में नई संकीर्णता विकसित हो सकती है, पहले से मौजूद संकीर्णता और बिगड़ सकती है, या पहले से लगाए गए स्टेंट में टिश्यू में वृद्धि हो सकती है और वह बंद होने लग सकता है। अक्सर, रोगी लापरवाह हो जाता है और कई कारणों से धूम्रपान, मिठाई और जंक फ़ूड खाना फिर से शुरू कर देता है। सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. हेमंत चतुर्वेदी से जानते हैं दूसरी बार के हार्ट अटैक से कैसे बचे।
कुछ लोग अपने दोस्तों और सहकर्मियों से सलाह लेकर बीच में ही दवाइयां छोड़ने का फैसला कर लेते हैं, जिसके परिणामस्वरूप जोखिम कारक अनियंत्रित हो जाते हैं और बीमारी और बढ़ जाती है। इन सबके परिणामस्वरूप लोगों को दूसरा दिल का दौरा पड़ता है।
कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. हेमंत चतुर्वेदी नए बताया , सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, धड़कन बढ़ना या जल्दी थकान होना, नए कोरोनरी धमनी रोग के बढ़ने या शुरू होने के लक्षण हो सकते हैं। सभी हृदय रोगियों को नियमित रूप से व्यायाम करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इससे उन्हें कोरोनरी धमनी रोग के बिगड़ने की स्थिति में लक्षणों का जल्द पता लगाने में मदद मिलेगी।
सही भोजन: किन चीजों से बचें? मिठाई, चीनी और अत्यधिक रिफाइंड तेल।
क्या खाने की अनुमति है? दूध, दही, मक्खन, देसी घी, अंडा, मछली, चिकन, फल और सब्ज़ियां, अखरोट और बादाम जैसे मेवे, आदि।
सही व्यायाम: हफ्ते में 5 दिन, रोजाना 30-45 मिनट पैदल चलने की सलाह दी जाती है। शरीर की मुद्रा में सुधार और गिरने से बचने के लिए हफ्ते में दो बार शक्ति प्रशिक्षण व्यायाम करने की भी सलाह दी जाती है।
सही दवाएं: डायबिटिज, हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, वजन, थायरॉइड की स्थिति को नियंत्रण में रखें और हार्ट की दवाएं खुद से बंद न करें।
सही आदतें: धूम्रपान, तंबाकू, शराब या किसी भी लत से दूर रहें।
सही विचार: अच्छी नींद और ध्यान सेहत के लिए बहुत जरूरी हैं। जब आप गहरी नींद लेते हैं तो आपका शरीर खुद को रिपेयर करता है। लेकिन अगर आप देर रात तक जागते हैं या मोबाइल-टीवी ज्यादा देखते हैं, तो नींद की क्वालिटी खराब हो जाती है और शरीर ठीक से रिकवर नहीं कर पाता। ध्यान करने से दिमाग शांत होता है, शरीर की सूजन कम होती है और रोजमर्रा के तनाव से निपटना आसान हो जाता है।
आपके हृदय रोग विशेषज्ञ के पास आपकी स्थिति का आकलन करने के लिए ईसीजी, इकोकार्डियोग्राम, ट्रेडमिल टेस्ट, सीटी कोरोनरी एंजियोग्राफी, स्ट्रेस मायोकार्डियल परफ्यूजन स्टडी और कोरोनरी एंजियोग्राफी जैसे कई उपकरण हैं। स्वस्थ रहने के लिए कृपया समय-समय पर कार्डियोलॉजिस्ट से संपर्क करें।
नवीनतम उपलब्ध सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर साल हजारों लोग हार्ट अटैक से मर जाते हैं। ये आंकड़े मुख्य रूप से राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) द्वारा जारी किए जाते हैं, जो 'भारत में आकस्मिक मृत्यु और आत्महत्याएं' (Accidental Deaths & Suicides in India) रिपोर्ट का हिस्सा होते हैं।
वर्ष | हार्ट अटैक से कुल मौतें | रिपोर्टिंग एजेंसी |
2022 | 32,457 | राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) |
2021 | 28,413 | राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) |
2020 | 28,680 | राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) |
अगर दिल की दिक्कत दोबारा होती है तो स्टेंट लगाकर इलाज किया जा सकता है, लेकिन सबसे अच्छा यही है कि आप सावधान रहें और इसे दोबारा होने से रोकें। इसके लिए डॉक्टर की बताई हुई जांच और फॉलो-अप कभी न छोड़ें। अगर सीने में दर्द (एनजाइना), सांस फूलना या दिल से जुड़ा कोई भी लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।
कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. हेमंत चतुर्वेदी
Published on:
17 Sept 2025 04:50 pm