
Scorpion Bite : अक्सर बिच्छू के काटने पर झाड़ फूंक कराने चले जाते हैं। इस कारण कई बार मौत हो जाती है। जून 2025 में बिहार के बांका में दो लोगों की मौत बिच्छू के काटने से हो गई। ऐसे में ये बात स्पष्ट होती है कि बिच्छू का काटना भी जानलेवा है। चलिए, आयुर्वेदिक डॉक्टर से बिच्छू के काटने पर किए जाने वाले उपाय (Bichu ke katne par kya kare) आदि के बारे में जानते हैं।
आंकड़ों के अनुसार, बिच्छू के डंक के मामले पूरी दुनिया में करीब 1.2 मिलियन हैं। ये आंकड़ा अपने आप में स्पष्ट करते हैं कि मामला गंभीर भी है और बड़ा भी। अगर सांपों के काटने के आंकड़ों से तुलना की जाए तो 5 मिलियन लोग प्रतिवर्ष स्नैक बाइट से पीड़ित हैं।

डॉ. एस महादेवन, प्रोफेसर, डिपार्टमेंट ऑफ पीडियाट्रिक, पुडुचेरी के शोध पत्र के अनुसार, भारत में बिच्छू के काटने से बच्चों में मौत का दर 3-22% है। इसमें ये भी बताया गया है कि बिच्छू का काटना बच्चों के लिए अधिक जानलेवा साबित होती है। वहीं, लैसेंट की एक शोध रिपोर्ट के अनुसार, 1970 में मौत का दर 40% था वहीं, साल 2014 में मौत का दर 1% हो गया है। ये गिरावट भारत के लिए सही संकेत हैं।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की जानकारी के अनुसार, दुनिया भर में 2500 बिच्छू की प्रजाति पाई जाती हैं। उसमें से सिर्फ 25 प्रजाति मानव जाति के लिए जानलेवा है। भारत में बिच्छुओं की 86 प्रजातियां हैं। भारतीय लाल बिच्छू (मेसोबुथस टैमुलस) के डंक मारने के बाद हृदय संबंधी प्रभाव देखने को मिलते हैं।
आयुर्वेदिक डॉ. अर्जुन राज ने कहा, बिच्छू का डंक मारना बच्चों, बुजुर्गों व कमजोर इम्यूनिटी वालों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। कभी भी बिच्छू के डंक मारने को हल्क में ना लें और ना ही खुद से इलाज करें।
बिच्छू के डंक मारने पर उस जगह को साफ पानी से धो दें। वहां पर काटे या फाड़े नहीं और ना ही उस जगह को बांधें। डंक वाली जगह पर बर्फ आदि लगा सकते हैं। अगर दर्द असहनीय है तो डॉक्टर से संपर्क करें।
अगर दर्द असहनयी है, धड़कन तेजी से बढ़ रही है तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर से मिलना चाहिए। कई बार जहरीले बिच्छू के कारण मौत हो सकती है। इसलिए, डॉक्टर से इलाज कराना सही हो सकता है।
Published on:
08 Sept 2025 03:24 pm

