Right Time to Eat Seeds: बीजों को अक्सर संतुलित आहार में छोटे लेकिन प्रभावशाली तत्वों के रूप में देखा जाता है, और डायटीशियन बेहतर पेट की सेहत और स्वास्थ्य के लिए इनकी सलाह दे रहे हैं। सीनियर डायटीशियन नेहा दुआ ने बताया कि कैसे कुछ खास बीजों को खाने का समय शरीर द्वारा उनके न्यूट्रिएंट्स और लाभों को कितनी प्रभावी ढंग से अवशोषित करता है इसमें फर्क ला सकता है।
नेहा दुआ ने कहा, सुबह या वर्कआउट से पहले चिया के बीज खाएं क्योंकि इनमें मौजूद घुलनशील फाइबर पाचन को धीमा करता है और ब्लड शुगर को स्थिर रखता है।
सुबह अलसी के बीज खाएं, बेहतर होगा कि इन्हें पीसकर खाएं, क्योंकि ये पेट की सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।
रात के खाने में तिल खाएं, क्योंकि इनमें कैल्शियम होता है और ये हड्डियों की डेंसिटी को बेहतर बनाते हैं और रात भर ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं।
सुबह खाली पेट या नाश्ते में कद्दू के बीज मिलाकर खाने से शरीर को एनर्जी और जरूरी मिनरल्स (जिंक, मैग्नीशियम, आयरन) मिलते हैं।
जब बीज खाने का सही समय और तरीका बताया जाता है, तो कई लोगों के मन में सवाल उठता है –
क्या सच में टाइमिंग से फर्क पड़ता है?
क्या बीज सुबह-शाम अलग असर दिखाते हैं? और क्या ये आदतें सच में हमारी पाचन शक्ति और लंबे समय की सेहत पर असर डालती हैं?
डायटीशियन नेहा दुआ ने बताया चिया और तुलसी जैसे बीजों को भिगोने से उनकी बाहरी परत नरम हो जाती है और ऐसे एंजाइम सक्रिय हो जाते हैं जो नुट्रिएंट्स (Nutrients) को अधिक जैविक बनाते हैं। भिगोकर खाने से बीजों में मौजूद कुछ ऐसे तत्व कम हो जाते हैं जो शरीर में पोषक तत्वों के अवशोषण में रुकावट डाल सकते हैं। साथ ही बीज फूलकर जेल जैसे हो जाते हैं जिससे ये पेट पर हल्के लगते हैं और आसानी से पच जाते हैं।
उदाहरण के लिए, चिया के बीज, जब पानी में भिगोए जाते हैं, तो अपने वजन का लगभग बारह गुना अवशोषित कर लेते हैं और म्यूसिलेज छोड़ते हैं जो पाचन में सहायता करता है। यह गुण तृप्ति बढ़ाता है और बाद में अतिरिक्त कैलोरी के सेवन को कम करने में मदद करता है। ये विटामिन बी और मिनरल्स से भरपूर होते हैं। इनमें ग्लूटेन नहीं होता, इसलिए सीलिएक रोग या ग्लूटेन से दिक्कत वाले लोग भी इन्हें आराम से खा सकते हैं।
सुबह भीगे हुए बीजों का सेवन करने से फ़ायदा होता है क्योंकि शरीर उपवास की स्थिति में होता है और आंतें हाइड्रेशन और फाइबर के सेवन के प्रति ज्यादा ग्रहणशील होती हैं। यह संयोजन नियमित मल त्याग में मदद करता है, तृप्ति में सुधार करता है और पूरे दिन ऊर्जा का निरंतर प्रवाह प्रदान करता है।
नेहा दुआ कहती हैं कि समय का फर्क पड़ता है क्योंकि प्रत्येक बीज के अपने अनूठे गुण होते हैं। अलसी के बीज घुलनशील फाइबर और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं, जो सुबह के समय सेवन करने पर मेटाबॉलिज़्म और मल त्याग की नियमितता को बढ़ावा देते हैं।
तिल के बीज कैलोरी से भरपूर होते हैं और कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे खनिज प्रदान करते हैं जो रात भर की मरम्मत प्रक्रियाओं में सहायक होते हैं, जिससे ये रात के खाने के लिए उपयुक्त होते हैं।
कद्दू के बीज आप दिनभर कभी भी खा सकते हैं, लेकिन सुबह एनर्जी के लिए और रात को अच्छी नींद के लिए ये सबसे अच्छे माने जाते हैं।
चिया जैसे बीज अपनी म्यूसिलेज सामग्री के माध्यम से भूख को नियंत्रित करने में भी मदद करते हैं, जो तृप्ति प्रदान करता है और दिन में जल्दी सेवन करने पर ज्यादा खाने से रोकता है। हालांकि शरीर को किसी भी समय लाभ मिल सकता है, लेकिन प्राकृतिक पाचन पैटर्न के साथ सेवन करने से इनका प्रभाव बढ़ता है और बेचैनी कम होती है।
ज्यादातर बीज दिनभर में करीब 1–2 बड़े चम्मच ही खाना ठीक रहता है। इतनी मात्रा से आपको फाइबर, हेल्दी फैट और ज़रूरी पोषक तत्व मिल जाते हैं, और पाचन पर भी बोझ नहीं पड़ता। अगर बीज ज्यादा खा लिए जाएं तो इनमें मौजूद फाइबर की वजह से पेट फूलना, गैस या कब्ज जैसी दिक्कत हो सकती है।
चिया बीज सेहतमंद होते हैं, इनमें ग्लूटेन नहीं होता और ये विटामिन व मिनरल्स से भरपूर होते हैं। लेकिन अगर इन्हें ज्यादा खा लिया जाए तो दिक्कत भी हो सकती है।
बहुत ज्यादा फाइबर और जेल जैसी सामग्री (म्यूसिलेज) होने की वजह से पेट में गैस, भारीपन या पाचन से जुड़ी परेशानी हो सकती है।
साथ ही, जरूरत से ज्यादा खाने पर ये खनिजों के अवशोषण में रुकावट डाल सकते हैं और अतिरिक्त कैलोरी भी दे सकते हैं।
इसलिए इन्हें अपनी डाइट में बैलेंस बनाकर शामिल करना चाहिए, ना कि बाकी जरूरी खाने की चीजों की जगह।
सीधा सा नियम है – संयम से खाएं, तभी सही फायदा मिलेगा और कोई नुकसान नहीं होगा।
डिसक्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी केवल जागरूकता के लिए है और यह किसी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी दवा या उपचार को अपनाने से पहले विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लें।
Updated on:
12 Sept 2025 02:04 pm
Published on:
12 Sept 2025 02:03 pm