
New Airport In Rajasthan: लंबे इंतजार के बाद राजस्थान में एक और एयरपोर्ट बनने का रास्ता साफ हो गया है। छह वर्ष से लटके उत्तरलाई एयरपोर्ट के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के लिए राजस्थान सरकार ने भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना जारी कर दी है। सरकार ने यह कदम सोशल इंपैक्ट सर्वे की विस्तृत रिपोर्ट के अध्ययन के बाद उठाया है।
नागरिक उड्डयन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में बताया गया है कि उत्तरलाई हवाई अड्डे पर नवीन सिविल एन्क्लेव एवं एप्रोच रोड निर्माण के लिए कुल 64.43 एकड़ भूमि आवश्यक है, जिसमें से तहसील बाड़मेर के चकलाणी, बेरीवाला गांव और लालाणियों की ढाणी में स्थित 62.96 एकड़ निजी खातेदारी भूमि को अधिग्रहित किया जाएगा।
विभाग ने कहा है कि परियोजना के सामाजिक प्रभाव निर्धारण अध्ययन (सोशल इंपैक्ट सर्वे) की रिपोर्ट भूमि अधिग्रहण के पक्ष में है, क्योंकि इस परियोजना से होने वाले संभावित लाभ सामाजिक लागत और प्रतिकूल प्रभावों की तुलना में कहीं अधिक हैं।

इस अधिसूचना के तहत कुल 428 खातेदारों की भूमि अधिग्रहित की जाएगी। विभाग ने उपखंड अधिकारी बाड़मेर को भूमि अधिग्रहण अधिकारी नियुक्त करते हुए प्रभावित परिवारों के पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन के लिए प्रशासक भी नामित किया है। अब अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू होगी। इससे बाड़मेर क्षेत्र के लिए लंबे समय से प्रतीक्षित हवाई सुविधा के साकार होने की उम्मीद जग गई है।
एयरपोर्ट निर्माण से पूर्व आवश्यक प्रक्रिया के तहत सोशल इंपैक्ट सर्वे का कार्य एक निजी कंपनी को सौंपा गया था। कंपनी ने छह माह की अवधि में विस्तृत सर्वे रिपोर्ट तैयार कर नागरिक उड्डयन विभाग को सौंपी।
इसके बाद उपखंड अधिकारी बाड़मेर की ओर से ग्रामीणों की आपत्तियों के निस्तारण के लिए जनसुनवाई की गई। ग्रामीणों की आपत्तियों और सुझावों को दर्ज करते हुए पूरी प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया गया।
तीन माह पूर्व जिला प्रशासन ने रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी थी, जिसके आधार पर अब भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना जारी की गई है।
बाड़मेर एयरपोर्ट की घोषणा वर्ष 2019 में उड़ान योजना के तहत की गई थी। उस समय उत्तरलाई एयरफोर्स स्टेशन के समीप शहरी सुधार न्यास (यूआईटी) ने नि:शुल्क भूमि आवंटित की थी, लेकिन निर्माण एजेंसी ने उसे अपर्याप्त बताते हुए असहमति जताई।
केंद्र में भाजपा और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने से परियोजना वर्षों तक अटकी रही। अब राज्य सरकार के बदलने के बाद 65 एकड़ भूमि पर सहमति बनी, सोशल इंपैक्ट सर्वे पूरा हुआ और रिपोर्ट को अंतिम रूप देकर अधिसूचना जारी कर दी गई है।

बाड़मेर के तेल क्षेत्र में कार्यरत प्रमुख कंपनियों ने एयरपोर्ट बनने पर यात्री भार का 30 प्रतिशत हिस्सा वहन करने का वादा किया था।
एयरपोर्ट सुविधा शुरू होने के बाद न केवल इन कंपनियों को, बल्कि सेना, बीएसएफ, एयरफोर्स, उद्योग जगत, पर्यटन और आम यात्रियों को भी बड़ा लाभ मिलेगा।
परियोजना के शुरू होने से बाड़मेर को राज्य और देश के प्रमुख शहरों से सीधी हवाई कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे क्षेत्र में व्यापार, निवेश और पर्यटन के नए अवसर खुलेंगे।
राजस्थान का सबसे प्रमुख और व्यस्त हवाई अड्डा जयपुर है, वर्तमान में जयपुर एयरपोर्ट पर रोजाना करीब 19000 यात्री आते हैं। पर्यटन सीजन और शादियों के चलते इसमें और वृद्धि होने की संभावना है।
राजस्थान में वर्तमान में 7 एयरपोर्ट हैं, जिनमें से एक चालू नहीं है। जयपुर, उदयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, किशनगढ़ और बीकानेर के नाल एयरपोर्ट से आम यात्रियों के लिए उड़ानें संचालित होती हैं।

राजस्थान का एकमात्र जयपुर एयरपोर्ट ही इंटरनेशनल उड़ानों के लिए भी उपयोग में आता है। इसके बाद उदयपुर और जोधपुर एयरपोर्ट है, जहां से कई दैनिक व साप्ताहिक उड़ानें संचालित होती हैं।
कोटा में एयरपोर्ट है लेकिन वह करीब दो दशक से बंद पड़ा है। यहां से नियमित हवाई सेवा नहीं होने के कारण यह महज हवाई पट्टी की तरह उपयोग हो रहा है।
इस पुराने एयरपोर्ट की जगह कोटा-बूंदी क्षेत्र में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट का निर्माण किया जा रहा है। इस एयरपोर्ट से दिसंबर 2027 तक उड़ान संचालित किए जाने की उम्मीद है।
यह एयरपोर्ट कोटा से 15 किलोमीटर और बूंदी से 20 किलोमीटर की दूरी पर शम्भुपुरा गांव में बनाया जा रहा है। इससे कोटा के लाखों छात्रों, अभिभावकों और पर्यटकों को बेहतर हवाई संपर्क की सुविधा मिलेगी।

राजस्थान से वित्त वर्ष 2024-25 में 6,155,511 यात्रियों ने यात्रा की। सबसे अधिक जयपुर एयरपोर्ट से लगभग 43 लाख यात्रियों ने यात्रा की। जयपुर के बाद उदयपुर एयरपोर्ट और जोधपुर एयरपोर्ट पर सर्वाधिक यात्रीभार रहा।
Updated on:
13 Nov 2025 07:29 pm
Published on:
13 Nov 2025 07:14 pm

