Patrika Logo
Switch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

प्लस

प्लस

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

मायावती हुईं एक्टिव, भांजे आकाश को दी नंबर 2 की कुर्सी-जानें कैसा रहा बिहार में बसपा का प्रदर्शन

आकाश आनंद को नई जिम्मेदारी मिलने के साथ ही बिहार की कमान सौंपी गई है।

पटना

Ashish Deep

Aug 30, 2025

mayawati and aakash anand
मायावती ने अपने भांजे का पार्टी में कद बढ़ा दिया है। (फोटो सोर्स : पत्रिका)

बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती ने अपने भांजे आकाश आनंद को एक बार फिर पार्टी का राष्ट्रीय संयोजक नियुक्त कर दिया है। यह फैसला न सिर्फ संगठन में बड़े फेरबदल का संकेत है, बल्कि यह भी साफ करता है कि आकाश आनंद अब पार्टी में नंबर दो की भूमिका निभाएंगे और मायावती के उत्तराधिकारी माने जाएंगे। नई जिम्मेदारी मिलने के साथ ही आकाश आनंद को बिहार की कमान सौंपी गई है। वह सितंबर के मिड से राज्यभर में ‘अधिकार यात्रा’ निकालेंगे। यह यात्रा करीब दो दर्जन जिलों को कवर करेगी और पार्टी कैडर को सक्रिय करने की कोशिश होगी।

बसपा में क्या हुआ संगठनात्मक फेरबदल

मायावती ने राष्ट्रीय संयोजकों की संख्या बढ़ाकर 3 से 6 कर दी है। इनमें रामजी गौतम, रंधीर सिंह बेनीवाल, राजा राम, लालजी मेधंकर, अतर सिंह राव और धर्मवीर सिंह अशोक शामिल हैं। वहीं, यूपी की कमान पहले की तरह विश्वनाथ पाल के पास ही रहेगी।

आकाश आनंद की वापसी की कहानी

7 मई 2024 को लोकसभा चुनाव के दौरान आकाश को राष्ट्रीय संयोजक पद से हटाया गया। उसके बाद मायावती ने 23 जून 2024 को दोबारा नियुक्त और राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित किया। फिर 3 मार्च 2025 को दूसरी बार हटाए गए, अगले दिन पार्टी से निष्कासित कर दिए गए। फिर 13 अप्रैल 2025 को सार्वजनिक माफी के बाद बसपा में वापसी हो गई लेकिन कोई पद नहीं मिला था। इसके बाद मई 2025 में राष्ट्रीय मुख्य संयोजक बने और अब राष्ट्रीय संयोजक और नंबर दो पोजिशन भी मिल गई।

15 करोड़ की कंपनी के मालिक हैं आकाश आनंद

आकाश आनंद 15 करोड़ रुपये की कंपनी के मालिक बताए जाते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस कंपनी ने 10 मई 2019 को 2.5 करोड़ रुपये की गाड़ी को गिरवी रखकर कोलैटरल लोन लिया था। आकाश आनंद के साथ मनीष प्रसाद और सचिन कुमार भी इस कंपनी के डायरेक्टर हैं। मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स की वेबसाइट पर दर्ज जानकारी के अनुसार, आकाश आनंद पांच और कंपनियों के भी डायरेक्टर हैं।

पिछले 3 विधानसभा चुनावों में BSP का बिहार में प्रदर्शन

2010 के विधानसभा चुनाव में BSP ने 239 सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। उसे 3.2% वोट मिले थे। इसके बाद 2015 के विधानसभा चुनाव में पार्टी 228 सीटों पर लड़ी थी। उस समय उसका वोट शेयर घटकर 2.1% पर आ गया था और कोई सीट भी नहीं जीत पाई थी। फिर आया 2020 का विधानसभा चुनाव। इसमें पार्टी ने रालोसपा और दूसरी पार्टियों के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था। पार्टी को 1 सीट मिली थी और वोट प्रतिशत और घटकर 1.4 फीसद पर आ गया। इससे पहले 2000 के विधानसभा चुनाव में बीएसपी को सर्वाधिक 5 सीट मिली थीं।