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देश का पहला अत्यधिक गरीबी उन्मूलन करने वाला राज्य बना केरल, इन उपायों पर चलकर दूसरे राज्य भी कर सकते हैं सुधार

Kerala Extreme Poverty Eradication Story: केरल खुद को 1 नवंबर 2025 को देश का पहला अत्यधिक गरीबी उन्मूलन करने वाला राज्य घोषित करने जा रहा है।

Kerala extreme poverty eradication
केरल के सीएम पिनाराई विजयन (Photo: IANS)

Kerala Extreme Poverty Eradication Success Story: देश को स्वतंत्रता मिलने के बाद से ही केंद्र और राज्य सरकार कई तरह की लोक कल्याणकारी योजनाएं और गरीबी उन्मूलन योजनाएं चलाती रही हैं। हालांकि इस मामले में केरल ने बाजी मार ली और अब वह देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहां अत्यधिक गरीबी उन्मूलन सबसे पहले संपन्न हुआ।

केरल सरकार ने यह घोषणा राज्य सरकार के अत्यधिक गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम (Extreme Poverty Alleviation Project) के तहत स्थानीय निकायों द्वारा संचालित लक्षित कल्याणकारी कार्यक्रमों के चार साल पूरे होने पर की और 1 नवंबर को वह इस उपलक्ष्य में भव्य आयोजन भी करने जा रही है।

59 हजार परिवार बेहद गरीब परिवार के तौर पर चिन्हित

वर्ष 2021 में एक राज्य-स्तरीय सर्वेक्षण के अंत में माकपा के नेतृत्व वाली वाम लोकतांत्रिक मोर्चा सरकार ने राज्य भर में 59,000 परिवारों को "बेहद गरीब" के रूप में पहचाना है। अगले चार वर्षों में राज्य में स्थानीय स्वशासी निकायों के माध्यम से प्रत्येक परिवार के लिए विशेष रूप से सूक्ष्म योजनाएं क्रियान्वित की गईं।

कुट्टियाट्टूर पंचायत को प्राप्त हो चुका है यह गौरव

राज्य में लगातार दूसरी बार सत्ता संभालने के बाद पिनाराई विजयन सरकार ने गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम का फैसला लिया था। इसके बाद फरवरी 2024 में कुट्टियाट्टूर पंचायत को राज्य का पहला स्थानीय निकाय घोषित किया गया जो 'अत्यधिक गरीबी' से मुक्त है।

(Graphics Image: Patrika)

भारत में गरीबी का होता है ऐसे आकलन


  1. विश्व बैंक के अनुसार हर रोज 3 डॉलर से कम खर्च करने वाले गरीबी रेखा में आते हैं।




  2. भारत में रोजाना 62 रुपये से कम खर्च करने वाले गरीबी रेखा में शामिल किए जाते हैं।

इन 12 पैमानों पर नापी जाती है गरीबी

1. पोषण,
2. बाल और किशोर मृत्यु दर,
3. मातृ स्वास्थ्य,
4. स्कूली शिक्षा के वर्ष,
5. स्कूल में उपस्थिति,
6.खाना पकाने का ईंधन,
7. स्वच्छता,
8. पेयजल,
9.आवास,
10. बिजली,
11. संपत्ति
12. बैंक खाता।

देश में गरीबी का आकलन करने के लिए उपरोक्त 12 पैमानों पर बहुआयामी गरीबी सूचकांक तैयार किया जा रहा है। हालांकि केरल सरकार का कहना है कि उसका सर्वेक्षण इनमें से किसी पर भी आधारित नहीं था।

केरल ने कैसे की अत्यधिक गरीब परिवारों की पहचान?

वर्ष 2021 में योजना को लागू करने वाली नोडल एजेंसी स्थानीय स्वशासन विभाग ने अत्यधिक गरीबी का सामना कर रहे परिवारों की पहचान करने के लिए अधिकारियों, निर्वाचित प्रतिनिधियों और स्वयंसेवकों सहित लगभग 4 लाख लोगों को प्रशिक्षित किया। इसके बाद प्रशिक्षित लोगों ने राज्य के अलग-अलग जिलों के गांवों का दौरा किया और राज्य द्वारा पहले से चलाए जा रहे विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से वंचित रह गए 1,18,309 परिवारों की एक प्रारंभिक सूची तैयारी की गई। हालांकि प्रशिक्षित कर्मियों की कई दौरों के बाद यह सूची घटकर 64,006 रह गई और मृत्यु तथा पलायन को शामिल करने के बाद यह संख्या और घटकर 59,000 रह गई।

(Image: ChatGPT)

केरल ने गरीबी उन्मूलन के लिए किए ये काम


  1. अत्यंत गरीबों की सूची तैयार करने के लिए सर्वेक्षण जमीनी स्तर पर लोगों की भागीदारी से किया गया था।




  2. प्रत्येक वार्ड/मंडल में, उनके आस-पड़ोस में संकटग्रस्त परिवारों का पता लगाने के लिए विचार-मंथन सत्र आयोजित किए गए और कारणों की पहचान की गई।




  3. क्षेत्रीय दौरों के अलावा योग्य लोगों की पहचान करने के लिए सूचियों की कई बार जांच की गई।




  4. इसके बाद प्रत्येक परिवार के लिए आवास, स्वास्थ्य, भोजन, शिक्षा और आय से संबंधित मुद्दों के समाधान हेतु सूक्ष्म योजनाएं तैयार की गईं।




  5. विभिन्न विभागों को संकटग्रस्त परिवारों को उनकी आवश्यकतानुसार सेवाएं या कल्याणकारी योजनाएं प्रदान करने का कार्य सौंपा गया।

गरीब परिवारों की दिक्कतों का बारीकी से अध्ययन

राज्य सरकार के प्रशिक्षित कर्मियों ने अपने सर्वे के दौरान यह पाया कि राज्य में गरीबी उन्मूलन की योजनाएं सामान्य प्रकृति की चलाई जा रही हैं जिसका लाभ कई संकटग्रस्त लोगों या परिवारों को नहीं मिल पा रहा है। मिसाल के तौर पर उन्होंने यह पाया कि कोई व्यक्ति बीमार है और बिस्तर पर पड़ा है। उनके लिए खाना बनाने या उनका ध्यान रखने वाला कोई नहीं है। किसी का बच्चा दिव्यांग है और मां अपने परिवार की गाड़ी खींचने के लिए नौकरी करने नहीं जा पाती। राज्य सरकार ने ऐसे लोगों को चिन्हित करके उनकी मदद की।

राज्य ने लोगों को उपलब्ध कराए आवश्यक दस्तावेज

गरीबी उन्मूल कार्यक्रम के अन्तर्ग यह सुनिश्चित किया गया कि सभी लाभार्थी परिवारों के पास आवश्यक नागरिक दस्तावेज मसलन मनरेगा जॉब कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड, बैंक खाते और सामाजिक सुरक्षा पेंशन और आवश्यक सेवाएं बिजली, रसोई गैस कनेक्शन आदि हों। इसका मकसद राज्य या देश में चल रही कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल सके।

केरल की उपलब्धि पर क्या कह रहा है विपक्ष

भाजपा के केरल प्रदेश के अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने राज्य सरकार की इस उपलब्धि पर कहा, ‘अब माकपा इसका श्रेय ले रही है जबकि मुझे लगता है कि वह गरीबों का अपमान कर रही है। गरीबों का मजाक उड़ा रही है। उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की कड़ी मेहनत के कारण ही लगभग 20 करोड़ लोग अत्यधिक गरीबी रेखा से बाहर आ पाए हैं।’

देश से 10-15 वर्षों में गरीबी मिटाने का दावा

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने करनाल के घरौंडा में एक भाषण में कुछ महीने पहले कहा था कि देश में पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकालने में कामयाबी हासिल की है। उन्होंने यह भी दावा किया था कि देश से गरीबी को पूरी तरह समाप्त करने में 10-15 वर्षों का और समय लगेगा।