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iPhone 17 या नया मोबाइल ईएमआई पर लेने की सोच रहे हैं तो ठहरिए, ऐसा करने पर लॉक हो सकता है फोन

फेयर प्रैक्टिस कोड आने से लोन डिफॉल्ट करने वालों पर दबाव बनेगा और लोन रिकवरी में सुधार आएगा।

भारत

Ashish Deep

Sep 12, 2025

iPhone 17 Series
कंज्यूमर लोन में डिफॉल्ट बढ़ने पर आरबीआई सख्त नियम लाने जा रहा है। (फोटो सोर्स : Apple official)

अगर आप नया iPhone 17 ईएमआई पर खरीदने की सोच रहे हैं तो इस फैसले को होल्ड पर डाल दीजिए। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया चाहता है कि फेयर प्रैक्टिस कोड को दोबारा शुरू किया जाए और अगर यह नियमन पास हो गया तो ईएमआई पर फोन खरीदने वाले ग्राहकों को फोन के लॉक होने का जोखिम बढ़ जाएगा। ऐसा तब होने की आशंका है जब ग्राहक की कोई ईएमआई बाउंस हो गई हो या न जमा की।

कंज्यूमर फाइनेंस पर सख्ती के लिए होगा प्रावधान

स्मार्टफोन मार्केट में कंज्यूमर फाइनेंस पर सख्ती के लिए आरबीआई ऐसा प्रावधान दोबारा लाने वाला है। आरबीआई यह व्यवस्था करता है तो कर्ज पर मोबाइल देने वाली कंपनियों को किस्त बाउंस होने पर ग्राहक का फोन लॉक करने का हक मिल जाएगा। यह उपाय इसलिए किया जा रहा है ताकि बेड डेट के बढ़ते स्तर को नियंत्रित किया जा सके। आरबीआई के संज्ञान में यह बात आई है कि छोटे लोन पर ज्यादा डिफॉल्ट हो रहा है। जानकारों के मुताबिक अगर आरबीआई यह व्यवस्था ले आया तो लाखों ग्राहकों और कर्ज देने वाली कंपनियों के लिए गेम चेंजर होगा।

क्या है फेयर प्रैक्टिसस कोड

फेयर प्रैक्टिस कोड को आरबीआई ने पहले भी लागू किया था लेकिन बाद में खत्म कर दिया। इस कोड के तहत आरबीआई नए दिशा-निर्देश जारी करेगा ताकि फोन लोन डिफॉल्ट पर नियंत्रण लगाया जा सके। इस कोड के तहत आरबीआई लोन कंपनियों और कर्ज लेने वाले ग्राहक दोनों के लिए कड़े नियम बनाएगा।


  1. कर्जदाता को ग्राहक से पहले ही किसी कार्रवाई की इजाजत लेनी होगी।




  2. अगर ग्राहक लोन डिफॉल्ट करता है तो कर्जदाता क्या करता सकता है, इसकी जानकारी पहले से ही उसे दे देगा।




  3. गाइडलाइन में यह भी दिशा-निर्देश होंगे कि कर्जदाता कंपनी ग्राहक की पर्सनल इंफॉर्मेशन एक्सेस नहीं करेगी और उनकी प्राइवेसी पूरी तरह बरकरार रखेगी।

आरबीआई क्यों इतना सख्त कदम उठा रहा

आरबीआई छोटे लोन पर इतने सख्त कदम इसलिए उठा रहा है क्योंकि कंज्यूमर फाइनेंस में तेजी से बूम आया है। गैर बैंकिंग कंपनियां मोबाइल फोन पर 85 प्रतिशत तक लोन दे देती हैं। इनमें Apple, Samsung और Google जैसी कंपनियां तक शामिल हैं। इससे Apple iPhone जैसे प्रीमियम स्मार्टफोन की बिक्री में खासा उछाल आया है। साथ ही उनकी बाजार हिस्सेदारी भी बढ़ी है। क्योंकि ये फोन आसान ईएमआई पर मिल जाते हैं और ग्राहक खुशी-खुशी उन्हें खरीद भी रहे हैं। इससे मार्केट में जितनी तेजी से मोबाइल ईएमआई पर बिक रहे हैं, उसी तेजी से लोन डिफॉल्ट के मामले बढ़ भी रहे हैं। इससे कंपनियों को लोन रिकवरी में खासी मशक्कत करनी पड़ रही है।

कोड से ग्राहक ईएमआई बाउंस नहीं करेगा

अगर आरबीआई कर्जदाता कंपनियों को फोन को कहीं पर भी लॉक करने की सुविधा दे देगा तो इससे ग्राहक पर दबाव आ जाएगा कि वह अपनी किस्त समय पर भरे। इससे लोन पोर्टफोलियों की सेहत सुधरेगी। इससे कर्जदाता कंपनियों को लोन रिकवरी रेट में सुधार करने का मौका मिलेगा।

क्या इससे कर्जदाता कंपनी को ज्यादा अधिकार नहीं मिलेगा?

कस्टमर एडवोकेसी संस्था कैशलेस कंज्यूमर के संस्थापक श्रीकांत एल बताते हैं कि कर्जदाता कंपनियां ऐसा कड़ा नियम चाहती हैं लेकिन ग्राहक इस कोड को लेकर नाखुश हैं। उनका मत है कि ऐसी व्यवस्था लागू होने से लोन डिफॉल्ट करने वाले ग्राहक बुरी तरह प्रभावित होंगे। अगर उनका फोन लॉक कर दिया जाएगा तो वह शिक्षा, आजीविका और UPI जैसी फाइनेंशियल सर्विसेज से कट जाएंगे। जब तक उनका फोन अनलॉक नहीं होगा तब तक उन्हें यह परेशानी उठानी पड़ेगी। और तो और कोई बड़ी परेशानी भी आ सकती है।


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