
Cold Remedies Fact Check : ठंड के मौसम में सर्दी, खांसी, जुकाम से अधिकतर लोग जूझ रहे होते हैं। क्योंकि, बदलते मौसम के कारण इस तरह की स्वास्थ्य समस्याएं अधिक होती हैं। इस तरह की कफ एंड कोल्ड की समस्या से राहत पाने के लिए सोशल मीडिया पर एक ट्रेंड देखने को मिला- "सॉक्स में आलू रखने का।" ऐसा दावा किया जा रहा है कि सॉक्स में कच्चा आलू रखने से इस तरह की समस्या से निजात पा सकते हैं।
आइए, "पत्रिका स्पेशल" में हम इसके पीछे का सच एक्सपर्ट से समझते हैं-
सवाल : क्या सॉक्स में कटे हुए आलू को रखने से सर्दी-जुकाम से राहत मिल सकती है?
जवाब : बीमार टिकटॉकर्स सोने से पहले कच्चे आलू काटकर अपने और अपने बच्चों के मोजे में रख रहे हैं। इसके पीछे का कारण यह है कि ऐसा करने से विषाक्त पदार्थ बाहर निकल सकते हैं और रिकवरी में मदद मिल सकती है। साथ ही कुछ लोगों ने ये दावा भी किया कि आलू का काला पड़ना इस बात का संकेत है कि यह कारगर उपाय है।

विशेषज्ञों का कहना- अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स की प्रवक्ता जोआना पारगा-बेलिंकी ने कहा कि इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि इस देसी उपचार से शरीर से बैक्टीरिया, वायरस या अन्य अशुद्धियों को बाहर निकाल सकते हैं।
कनेक्टिकट विवि के स्कूल ऑफ मेडिसिन की प्रोफेसर और अमेरिकन कॉलेज ऑफ फिजिशियन के रीजेंट्स बोर्ड की अध्यक्ष रेबेका एंड्रयूज का आलू के रंग परिवर्तन के बारे में कहना है कि आलू आयरन और स्टार्च से भरपूर होते हैं, और कुछ समय तक ऑक्सीजन के संपर्क में रहने पर एक केमिकल्स रिएक्शन होता है। यही वजह है कि काटने के बाद उसका रंग काला पड़ जाता है। इसका मोजा से भी कोई सीधा कनेक्शन नहीं है। अगर आलू को काटकर खुले में रखा जाए तो भी वो काला पड़ जाएगा।
जब लोग कहते हैं कि उन्हें या उनके बच्चों को इस उपाय के बाद राहत मिली, तो यह प्लेसिबो प्रभाव के कारण हो सकता है, एक ऐसी स्थिति जिसमें किसी भी तरह का उपचार, जैसे- चीनी की गोली या दिखावटी उपाय करने पर भी राहत महसूस होता है।
प्लेसिबो अपने आप में शक्तिशाली उपचार भी माना जाता है। इससे मरीज को ये भरोसा होता है कि वो इस इलाज से ठीक हो जाएगा। एंड्रयूज ने कहा कि प्लेसिबो यह दर्शाते हैं कि "हमारा मस्तिष्क और शरीर का संबंध कितना शक्तिशाली है। यही कारण है कि तनाव कम करने के लिए ध्यान जैसी एक्टिविटीज नींद, पुरानी बीमारियों आदि को दूर करने में मदद करती है।"
आलू के अलावा कुछ लोग मोजे में कटे हुए प्याज रखने की सलाह भी देते हैं। प्राचीन मिस्र और ग्रीस से ही लोग प्याज को औषधीय गुणों वाला मानते आए हैं। 1900 के दशक की शुरुआत में कुछ लोगों का मानना था कि कटा हुआ या पूरा प्याज, हवा से फ्लू को सोखकर और उसके प्रसार को रोकने का काम करता है।
एक्सपर्ट बेलिंकी कहती हैं कि आज भी कुछ लोग मानते हैं कि प्याज का कोई न कोई तत्व किसी तरह बीमारी को फैलने से रोकने में मदद कर सकता है। हालांकि इस उपाय की जड़ें इतिहास में बहुत गहरी हैं और इसलिए लोगों के लिए इसका सांस्कृतिक महत्व है, लेकिन यह उन बातों से ध्यान भटका देता है जो वास्तव में फ्लू के प्रसार को रोकने में मदद कर सकती हैं।

सर्दी या फ्लू के लक्षणों के इलाज के लिए में कई डॉक्टरी सलाह वाली दवाएं कारगर साबित हुई हैं, जिनमें सिरदर्द और बुखार कम करने वाली दवाएं भी शामिल हैं। पर प्राकृतिक उपचार पसंद करने वाले लक्षणों के आधार पर घर पर ही इलाज कर सकते हैं। आइए, जानते हैं विशेषज्ञ की सलाह :

अगर खांसी है या गला सूख रहा है तो शहद का सेवन करना लाभकारी माना जाता है। व्यस्क और 1 साल से अधिक उम्र के बच्चों को गर्म पानी या चाय के साथ शहद लेने की सलाह दी जाती है। इससे काफी हद तक राहत मिल सकती है।
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि सर्दी-जुकाम से बचने के लिए विटामिन सी, विटामिन डी और जिंक का सेवन करें। इन विटामिन को फूड के माध्यम से भी ले सकते हैं। इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।
(वाशिंगटन पोस्ट का यह आलेख पत्रिका.कॉम पर दोनों समूहों के बीच विशेष अनुबंध के तहत पोस्ट किया गया है)
Published on:
13 Nov 2025 07:00 am

