Patrika Logo
Switch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

प्लस

प्लस

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

Cold Remedies: डॉक्टर भी हैरान! सॉक्स में आलू रखके सर्दी-जुकाम का उपचार करना कितना सही?

Cold Remedies Fact Check : सर्दी-जुकाम से राहत पाने के लिए इंटरनेट पर एक उपचार वायरल हो रहा है। यूजर्स मोजे के अंदर कटे हुए आलू को रखकर स्वस्थ होने का दावा कर रहे हैं। आइए, डॉक्टर से जानते हैं कि इसके पीछे का सच।

Viral Cold Remedies, putting a potato slices in your sock, cure a cold and cough, Expert advice,
सर्दी-जुकाम की सांकेतिक फोटो | Photo - Freepik and Grok AI

Cold Remedies Fact Check : ठंड के मौसम में सर्दी, खांसी, जुकाम से अधिकतर लोग जूझ रहे होते हैं। क्योंकि, बदलते मौसम के कारण इस तरह की स्वास्थ्य समस्याएं अधिक होती हैं। इस तरह की कफ एंड कोल्ड की समस्या से राहत पाने के लिए सोशल मीडिया पर एक ट्रेंड देखने को मिला- "सॉक्स में आलू रखने का।" ऐसा दावा किया जा रहा है कि सॉक्स में कच्चा आलू रखने से इस तरह की समस्या से निजात पा सकते हैं।

आइए, "पत्रिका स्पेशल" में हम इसके पीछे का सच एक्सपर्ट से समझते हैं-

सवाल : क्या सॉक्स में कटे हुए आलू को रखने से सर्दी-जुकाम से राहत मिल सकती है?

जवाब : बीमार टिकटॉकर्स सोने से पहले कच्चे आलू काटकर अपने और अपने बच्चों के मोजे में रख रहे हैं। इसके पीछे का कारण यह है कि ऐसा करने से विषाक्त पदार्थ बाहर निकल सकते हैं और रिकवरी में मदद मिल सकती है। साथ ही कुछ लोगों ने ये दावा भी किया कि आलू का काला पड़ना इस बात का संकेत है कि यह कारगर उपाय है।

Photo Design - Patrika

विशेषज्ञों का कहना- अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स की प्रवक्ता जोआना पारगा-बेलिंकी ने कहा कि इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि इस देसी उपचार से शरीर से बैक्टीरिया, वायरस या अन्य अशुद्धियों को बाहर निकाल सकते हैं।

आलू काला क्यों पड़ जाता है?

कनेक्टिकट विवि के स्कूल ऑफ मेडिसिन की प्रोफेसर और अमेरिकन कॉलेज ऑफ फिजिशियन के रीजेंट्स बोर्ड की अध्यक्ष रेबेका एंड्रयूज का आलू के रंग परिवर्तन के बारे में कहना है कि आलू आयरन और स्टार्च से भरपूर होते हैं, और कुछ समय तक ऑक्सीजन के संपर्क में रहने पर एक केमिकल्स रिएक्शन होता है। यही वजह है कि काटने के बाद उसका रंग काला पड़ जाता है। इसका मोजा से भी कोई सीधा कनेक्शन नहीं है। अगर आलू को काटकर खुले में रखा जाए तो भी वो काला पड़ जाएगा।

प्लेसिबो प्रभाव भी एक कारण

जब लोग कहते हैं कि उन्हें या उनके बच्चों को इस उपाय के बाद राहत मिली, तो यह प्लेसिबो प्रभाव के कारण हो सकता है, एक ऐसी स्थिति जिसमें किसी भी तरह का उपचार, जैसे- चीनी की गोली या दिखावटी उपाय करने पर भी राहत महसूस होता है।

प्लेसिबो अपने आप में शक्तिशाली उपचार भी माना जाता है। इससे मरीज को ये भरोसा होता है कि वो इस इलाज से ठीक हो जाएगा। एंड्रयूज ने कहा कि प्लेसिबो यह दर्शाते हैं कि "हमारा मस्तिष्क और शरीर का संबंध कितना शक्तिशाली है। यही कारण है कि तनाव कम करने के लिए ध्यान जैसी एक्टिविटीज नींद, पुरानी बीमारियों आदि को दूर करने में मदद करती है।"

प्याज से इलाज का प्राचीन नाता!

आलू के अलावा कुछ लोग मोजे में कटे हुए प्याज रखने की सलाह भी देते हैं। प्राचीन मिस्र और ग्रीस से ही लोग प्याज को औषधीय गुणों वाला मानते आए हैं। 1900 के दशक की शुरुआत में कुछ लोगों का मानना ​​था कि कटा हुआ या पूरा प्याज, हवा से फ्लू को सोखकर और उसके प्रसार को रोकने का काम करता है।

एक्सपर्ट बेलिंकी कहती हैं कि आज भी कुछ लोग मानते हैं कि प्याज का कोई न कोई तत्व किसी तरह बीमारी को फैलने से रोकने में मदद कर सकता है। हालांकि इस उपाय की जड़ें इतिहास में बहुत गहरी हैं और इसलिए लोगों के लिए इसका सांस्कृतिक महत्व है, लेकिन यह उन बातों से ध्यान भटका देता है जो वास्तव में फ्लू के प्रसार को रोकने में मदद कर सकती हैं।

सर्दी-जुकाम से बचने के लिए क्या करें?

Photo - Freepik

सर्दी या फ्लू के लक्षणों के इलाज के लिए में कई डॉक्टरी सलाह वाली दवाएं कारगर साबित हुई हैं, जिनमें सिरदर्द और बुखार कम करने वाली दवाएं भी शामिल हैं। पर प्राकृतिक उपचार पसंद करने वाले लक्षणों के आधार पर घर पर ही इलाज कर सकते हैं। आइए, जानते हैं विशेषज्ञ की सलाह :

खांसी के इलाज में शहद का सेवन कैसे करें

Photo - Freepik

अगर खांसी है या गला सूख रहा है तो शहद का सेवन करना लाभकारी माना जाता है। व्यस्क और 1 साल से अधिक उम्र के बच्चों को गर्म पानी या चाय के साथ शहद लेने की सलाह दी जाती है। इससे काफी हद तक राहत मिल सकती है।

ये 3 विटामिन भी जरूरी

एक्सपर्ट्स कहते हैं कि सर्दी-जुकाम से बचने के लिए विटामिन सी, विटामिन डी और जिंक का सेवन करें। इन विटामिन को फूड के माध्यम से भी ले सकते हैं। इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।

(वाशिंगटन पोस्ट का यह आलेख पत्रिका.कॉम पर दोनों समूहों के बीच विशेष अनुबंध के तहत पोस्ट किया गया है)