
यह सांकेतिक तस्वीर है। Image Source - AI
Bihar Police Encounter:बिहार में नई सरकार बनने के कुछ ही दिनों में क्राइम पर पुलिस की सख्ती साफ दिखने लगी है। गृह विभाग का चार्ज संभालते ही डिप्टी चीफ मिनिस्टर सम्राट चौधरी ने क्रिमिनल्स को चेतावनी दी थी कि बिहार में क्रिमिनल्स को बख्शा नहीं जाएगा, उन्हें या तो जेल भेजा जाएगा या वे राज्य छोड़ देंगे। हाल की पुलिस कार्रवाई अब उस चेतावनी को प्रैक्टिकल तौर पर लागू होते हुए दिखा रही है। नई सरकार बनने के बाद से, राज्य में तीन बड़े एनकाउंटर हुए हैं, जिनमें कुख्यात क्रिमिनल्स और माफियाओं को या तो गोली मार दी गई है या वे हथियारों के साथ पकड़े गए हैं।
21 नवंबर की रात बेगूसराय जिले के साहेबपुर कमाल थाना क्षेत्र के दियारा इलाके में पुलिस और एसटीएफ ने संयुक्त अभियान चलाया। सूचना थी कि अपराधियों ने मिनी गन-फैक्ट्री चला रखी है। जैसे ही पुलिस टीम मौके पर पहुँची, बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में कुख्यात अपराधी शिवदत्त राय के पैर में गोली लगी, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। मौके से भारी मात्रा में हथियार, कारतूस और अवैध सामान बरामद किया गया। शिवदत्त राय हत्या, लूट और हथियार सप्लाई जैसी वारदातों में कई केसों का आरोपी रहा है।
30 नवंबर को सारण जिले में दूसरा बड़ा एनकाउंटर हुआ। पुलिस टीम पिछले दिन हुई चर्चित हत्या के आरोपी नंदकिशोर उर्फ़ शिकारी राय को पकड़ने पहुँची थी। पूछताछ के दौरान हथियार बरामद कराने के नाम पर शिकारी राय ने अचानक पुलिस पर फायरिंग कर दी, जिसमें एक एएसआई घायल हो गया। जवाबी फायरिंग में शिकारी राय के पैर में गोली लगी और वह वहीं धर दबोचा गया। उस पर हत्या, लूट और गैंगवार से जुड़े कई गंभीर केस दर्ज हैं।
सरकार बनने के दस दिन के भीतर ही तीसरा एनकाउंटर भी सारण जिले के मांझी थाना क्षेत्र में हुआ। सूचना मिली थी कि दियारा इलाके के रास्ते बड़ी खेप में शराब उतारी जा रही है। जब पुलिस टीम ने घेराबंदी की, तो तस्करों ने फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में शराब माफिया अजय राय के पैर में गोली लगी और उसे मौके से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने 600 लीटर अवैध देशी शराब, एक देशी कट्टा और कारतूस भी बरामद किए। उसका एक साथी मौके से फरार हो गया जबकि एक अन्य तस्कर ने सरेंडर किया।
गृह विभाग संभालने के बाद सम्राट चौधरी लगातार कानून-व्यवस्था को लेकर सख्त तेवर दिखा रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा था, “अपराधी बिहार में नहीं पनपेंगे। पुलिस पूरी आज़ादी से कार्रवाई करे।” अब लगातार हुए तीन एनकाउंटर से तो यही लग रहा है कि नई सरकार अपराध पर किसी भी तरह की नरमी के मूड में नहीं है। जिन इलाकों में अपराध की घटनाएँ बढ़ी थीं, वहाँ पुलिस सक्रिय मोड में दिख रही है और लगातार छापेमारी, घेराबंदी और कार्रवाई जारी है।
नई सरकार के आने के साथ ही पुलिस मुख्यालय ने भी कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। कुख्यात अपराधियों, माफियाओं और शराब तस्करों की नई सूची बनाई जा रही है। कई जिलों में पुलिस-एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई बढ़ा दी गई है। बीते दिनों DGP विनय कुमार ने बताया था कि 1600 से अधिक माफिया बिहार पुलिस के रडार पर हैं। जिनमें से करीब 400 की लिस्ट कोर्ट को भेजी गई है, मंजूरी मिलते ही कुर्की जब्ती की कार्रवाई की जाएगी।
Published on:
03 Dec 2025 02:40 pm
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