बिहार के सड़क ढांचे को मजबूत करने की दिशा में केंद्र सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमार्ग-327ई (NH-327E) को अपग्रेड करने की मंजूरी दे दी है। 1547.55 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली यह परियोजना राज्य के उत्तर-पूर्वी हिस्से के विकास में मील का पत्थर साबित होगी। परसरमा से अररिया तक 102.193 किलोमीटर लंबे खंड को दो लेन में नए सिरे से विकसित किया जाएगा। इस परियोजना के पूरा होने के बाद इस क्षेत्र में न केवल यातायात सुगम होगा बल्कि आर्थिक गतिविधियों को भी नई गति मिलेगी।
इस परियोजना को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) हाइब्रिड एन्युटी मोड (HAM) के तहत पूरा करेगा। जल्द ही इसके लिए निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी। पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने बताया कि निविदा प्रक्रिया पूरी होने के बाद निर्माण कार्य शुरू होने से 24 महीने के भीतर इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही निर्माण कंपनी अगले 15 साल तक सड़क का रखरखाव भी करेगी, जिससे इसकी गुणवत्ता और सुरक्षा बनी रहेगी।
यह परियोजना केवल सड़क तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें कई अहम संरचनाओं का निर्माण भी शामिल है।
इन संरचनाओं से न केवल यातायात सुगम होगा बल्कि सड़क सुरक्षा और जल निकासी व्यवस्था में भी बड़ा सुधार होगा।
सुपौल, पिपरा, त्रिवेणीगंज और परसरमा जैसे घनी आबादी वाले शहरों में अक्सर भारी वाहनों के कारण जाम की स्थिति बनी रहती है। लोग घंटों ट्रैफिक में फंसे रहते हैं। बाईपास और फ्लाईओवर बनने के बाद इन शहरों को जाम से काफी राहत मिलेगी। दुर्घटनाओं में कमी आएगी और यात्रियों का समय बचेगा।
इस राजमार्ग के अपग्रेड होने से कोसी क्षेत्र, जो हर साल बाढ़ से प्रभावित होता है, को नई ताकत मिलेगी। बेहतर सड़क कनेक्टिविटी से किसानों को अपने कृषि उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने में आसानी होगी। लघु एवं मध्यम उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। यह परियोजना उत्तर-पूर्वी बिहार के सामाजिक और आर्थिक ढांचे को मजबूत करने का काम करेगी। व्यापार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच और आसान होगी, जिससे लोगों के जीवन स्तर में सुधार आएगा।
Published on:
19 Sept 2025 09:15 am