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साला, समधी, बेटा और अब बेटी… नई नहीं है लालू यादव परिवार में तकरार की कहानी

पिछले तीन दशक से बिहार की सत्ता का केंद्र रहे लालू यादव के परिवार ने कई बार बिखराव देखा है। लालू परिवार से पहले राबड़ी देवी के भाइयों ने दूरी बनाई फिर तेज प्रताप यादव के ससुर ने। साल 2025 तो लालू परिवार के लिए खास कर अच्छा नहीं रहा। पहले तेज प्रताप यादव और फिर रोहिणी आचार्य परिवार से अलग हो गईं। 

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पटना

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Anand Shekhar

Nov 17, 2025

लालू यादव

साधु यादव, तेज प्रताप यादव , लालू यादव

लालू यादव का परिवार बिहार की राजनीति का सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली परिवार रहा है, लेकिन इसी परिवार में विवाद और तकरार की कहानी भी उतनी ही पुरानी और दर्दनाक है। रोहिणी आचार्य के हाल ही में परिवार से नाता तोड़ने के बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह पहली बार हुआ है? जवाब है...बिल्कुल नहीं। लालू परिवार के विभाजन की कहानी में साला साधु यादव और सुभाष यादव, समधी चंद्रिका राय, बेटा तेज प्रताप यादव और अब बेटी रोहिणी आचार्य के नाम हैं। सभी ने अपनी-अपनी तरह से परिवार से अलग होने का अनुभव किया है।

साधु यादव को राबड़ी ने कहा था परिवार विरोधी

लालू परिवार में पहली बड़ी दरारें तब पड़नी शुरू हुईं, जब लालू यादव 1990 के दशक में सत्ता के शीर्ष पर थे और उनकी पत्नी राबड़ी देवी साल 1997 में मुख्यमंत्री बनीं। जब राबड़ी देवी ने कुर्सी संभाली तो उनके भाई साधु यादव और सुभाष यादव सत्ता में अत्यधिक प्रभावशाली हो गए थे। साधु यादव राजद से सांसद भी बने और पार्टी तथा राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

लेकिन जब साधु यादव को पार्टी में हिस्सेदारी कम मिली और उन्हें लगा कि पार्टी में उन्हें लालू यादव द्वारा वो सम्मान नहीं दिया जा रहा जो मिलना चाहिए। जब 2005 में बिहार की सत्ता आरजेडी के हाथों से निकल गई, तो साधु यादव ने खुलकर लालू परिवार की आलोचना शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि लालू परिवार ने पार्टी को अपनी निजी दुकान में बदल दिया है। राबड़ी देवी ने भी उन्हें परिवार विरोधी बताया और कहा कि जो परिवार छोड़ता है, वह जनता का साथ नहीं निभा सकता।

साधु की तरह सुभाष यादव के रिश्ते भी परिवार के साथ ठीक नहीं रहे। वे भी संगठन में अत्यंत प्रभावशाली थे, लेकिन उन्हें लगा कि उन्हें पार्टी में सत्ता के असली उत्तराधिकारी की जगह नहीं मिल रही। सुभाष यादव ने कई बार संकेत दिए कि वे लालू और राबड़ी के निर्णयों से असहमत हैं। लालू को यह नागवार गुजरा और धीरे-धीरे दोनों के रिश्ते ठंडे पड़ गए। बाद में सुभाष यादव ने राजनीति से दूरी बना ली।​

समधी से भी संबंध नहीं बचे

लालू यादव ने जब 2018 में तेज प्रताप यादव की शादी चंद्रिका राय की बेटी ऐश्वर्या राय से कराई, तो किसी को पता नहीं था कि यह विवाह परिवार के लिए कितना नुकसानदेह साबित होगा। कुछ ही महीनों में दोनों का रिश्ता कोर्ट तक पहुंचा और तलाक की नौबत आ गई। इसी के बाद समधी के साथ लालू यादव का रिश्ता सियासी तल्खी में बदल गया। तलाक और उत्पीड़न के आरोपों के बाद चंद्रिका राय ने आरजेडी छोड़ दी और 2020 में जदयू (JDU) में शामिल हो गए। उन्होंने अपनी बेटी के समर्थन में एनडीए के लिए प्रचार किया, जिससे पारिवारिक विवाद एक खुला सियासी टकराव बन गया। 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा उम्मीदवार राजीव प्रताप रूडी के लिए प्रचार किया, जो रोहिणी आचार्य (लालू की बेटी, आरजेडी उम्मीदवार) के विरोधी थे।

तेज प्रताप यादव: बेटे की बगावत

साल 2025 लालू परिवार के लिए अच्छा नहीं रहा, सबसे पहले मई 2025 में सोशल मीडिया पर तेज प्रताप यादव की एक पुरानी व्यक्तिगत तस्वीर वायरल हुई। जिसे लेकर काफी विवाद हुआ। विवाद बढ़ने के बाद लालू यादव ने एक बहुत ही कठोर निर्णय लिया और उन्होंने तेज प्रताप को पार्टी से 6 वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया। साथ ही, परिवार से भी उनके संबंध तोड़ दिए गए। तेज प्रताप ने इस निर्णय को जयचंदों के दबाव (संजय यादव के प्रभाव) में लिया गया बताया और सोशल मीडिया पर कड़े सवाल उठाए। बाद में उन्होंने 26 सितंबर 2025 को जनशक्ति जनता दल (JJD) नाम से अपनी अलग पार्टी बना ली। यह पहली बार था जब लालू के अपने बेटे को सार्वजनिक रूप से अलग किया गया।​​

रोहिणी आचार्य ने छोड़ा घर

लालू प्रसाद यादव के परिवार में विभाजन की सबसे दर्दनाक कहानी रोहिणी आचार्य की है। रोहिणी ने शनिवार को X (पूर्व ट्विटर) पर एक भावुक पोस्ट साझा किया। उन्होंने कहा, "मैं राजनीति छोड़ रही हूं और अपने परिवार से नाता तोड़ रही हूं। संजय यादव और रमीज ने मुझसे यही करने को कहा था और मैं सारा दोष अपने ऊपर ले रही हूं।" रोहिणी के शब्दों में न केवल गुस्सा था, बल्कि एक बेटी के हृदय का दर्द भी था।​

इसके बाद रोहिणी ने सोशल मीडिया पर बैक टू बैक कई पोस्ट किए, जिसमें उन्होंने उन्होंने भावुक अंदाज में लिखा कि उन्हें बदनाम किया गया, उन्हें गंदी किडनी वाली बुलाया गया और कहा गया कि उन्होंने करोड़ों रुपये लिए, एक टिकट लिया, और फिर गंदी किडनी लगवाई। उन्होंने विवाहित महिलाओं से कहा कि अगर परिवार में बेटा हो, तो पिता की जान बचाने के लिए अपने दिल का टुकड़ा न दें।

लालू की तीन और बेटियां दिल्ली रवाना

रोहिणी के बाद रागिनी यादव, चंदा यादव और राजलक्ष्मी यादव ने भी रविवार को पटना स्थित 10 सर्कुलर रोड (राबड़ी देवी का आधिकारिक आवास) छोड़ दिया। तीनों बहनें अपने बच्चों के साथ दिल्ली के लिए रवाना हो गईं। अब पटना आवास में केवल लालू, राबड़ी देवी और मीसा भारती ही रह गई हैं।​

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