
पटना आज कांग्रेस की सियासत का केंद्र बनने जा रहा है। आजादी के बाद पहली बार बिहार में कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक होने जा रही है। यह ऐतिहासिक बैठक आज बुधवार सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक चलेगी। कांग्रेस इसे महज़ औपचारिकता नहीं, बल्कि 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले अपने संगठन और कार्यकर्ताओं को नई ऊर्जा देने का बड़ा मौका मान रही है।
इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी मौजूद रहेंगे। राहुल और सोनिया गांधी आज सुबह पटना पहुंचेंगे, जहां एयरपोर्ट पर उनका भव्य स्वागत किया जाएगा। बैठक में 170 से अधिक शीर्ष नेता शामिल होंगे, जिनमें तीन राज्यों के मुख्यमंत्री, हिमाचल प्रदेश के सुखविंदर सिंह सुक्खू, कर्नाटक के सिद्धरमैया और तेलंगाना के रेवंत रेड्डी भी शामिल हो रहे हैं।
कांग्रेस इसे सिर्फ एक आंतरिक बैठक की तरह नहीं देख रही है। इसे बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र पार्टी का शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है। कांग्रेस बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने कहा है कि बिहार में कांग्रेस ‘दूसरा स्वतंत्रता संग्राम’ लड़ रही है। उनका आरोप है कि बीजेपी केंद्र की सत्ता का दुरुपयोग कर रही है और चुनावों में वोट चोरी जैसे अनुचित साधनों का इस्तेमाल कर रही है।
बैठक स्थल सदाकत आश्रम को भव्य तरीके से सजाया गया है। 30,000 स्क्वायर फीट में बना एसी टेंट किसी सम्मेलन से कम नहीं है। इसमें विभिन्न राज्यों की संस्कृति को दर्शाती पेंटिंग्स लगाई गई हैं, कोलकाता से झूमर और डिजिटल लाइटिंग मंगाई गई है। नेताओं के ठहरने के लिए पटना और आसपास के होटलों में 300 से अधिक कमरे बुक किए गए हैं।
नवरात्र को देखते हुए मेन्यू पूरी तरह शाकाहारी रखा गया है। लेकिन राहुल गांधी और अन्य नेताओं के लिए बिहार का मशहूर व्यंजन लिट्टी-चोखा भी खास तौर पर तैयार कराया जाएगा। इससे कांग्रेस यह संदेश देना चाहती है कि वह स्थानीय संस्कृति और जनता की भावनाओं से जुड़ी है।

इस बैठक में कई बड़े एजेंडे पर चर्चा होनी है। खासकर 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव की रणनीति, संगठन को मज़बूत करना और कार्यकर्ताओं को सक्रिय करना इसमें प्रमुख होगा। इसके अलावा मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ विपक्षी भूमिका को कैसे तेज़ किया जाए, इस पर भी विचार होगा। पार्टी को उम्मीद है कि जैसे 2023 में तेलंगाना चुनाव से पहले हैदराबाद में हुई CWC बैठक का असर वहां के नतीजों में दिखा, वैसे ही पटना की बैठक भी बिहार कांग्रेस को मजबूत आधार देगी।
कांग्रेस इस बैठक को इतिहास से भी जोड़कर देख रही है। सदाकत आश्रम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कई अहम बैठकों का गवाह रहा है। महात्मा गांधी, डॉ. राजेंद्र प्रसाद और जवाहरलाल नेहरू जैसी हस्तियां यहां बैठकर आज़ादी की लड़ाई की रणनीति तैयार करती थीं। कांग्रेस चाहती है कि उसी धरती से एक बार फिर उसके संगठन और आंदोलन को नई दिशा मिले।
Updated on:
24 Sept 2025 09:25 am
Published on:
24 Sept 2025 09:24 am

