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Bihar Election: सीएम नीतीश कुमार ने याद दिलाया 1993 का संघर्ष, बोले- हमने गरीबों को मालिक बनाया

Bihar Election: सीएम नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया पर 2005 से अब तक बिहार के पिछड़े, अति पिछड़े, दलित-महादलित और वंचित वर्ग के लिए किए गए कार्यों का पूरा लेखा-जोखा दिया है। इस पोस्ट में उन्होंने 1993 के संघर्ष को भी याद किया जब उन्होंने कर्पूरी ठाकुर की आरक्षण नीति से छेड़छाड़ का विरोध किया था।

पटना

Anand Shekhar

Nov 04, 2025

Nitish Kumar (ANI)

Bihar Election: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X (एक्स) पर लंबा पोस्ट लिखते हुए विपक्षी दलों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि 2005 से पहले बिहार में पिछड़े, अति पिछड़े, दलित-महादलित और वंचित तबकों के उत्थान के लिए कोई ठोस काम नहीं हुआ, सिर्फ़ झूठे वादे और डराने-धमकाने की राजनीति की गई।

पहले वोट लूटे जाते थे, अब लोगों को मिल रहा सम्मान

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2005 से पहले जिन लोगों की सरकारें थीं, उन्होंने गरीबों को शिक्षा, रोजगार और सम्मान से वंचित रखा। नीतीश ने लिखा, “उस समय वोट लेने के लिए झूठे वादे किए जाते थे, लोगों को धमकाकर लाठी के बल पर वोट डलवाया जाता था। सत्ता में आने के बाद वही लोग खुद को मालिक समझने लगते थे और सिर्फ अपने परिवार को राजनीति में आगे बढ़ाते थे।” उन्होंने कहा कि 2005 में जब नई सरकार बनी, तब हमने पूरे बिहार को अपना परिवार मानकर न्याय के साथ विकास का रास्ता अपनाया और हर तबके के लोगों के लिए काम शुरू किया।

सीएम नीतीश कुमार ने 1993 का संघर्ष याद किया

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पुराने राजनीतिक संघर्ष का ज़िक्र करते हुए कहा कि 1993 में जब मंडल कमीशन की तर्ज पर पिछड़ों और अति पिछड़ों को एक वर्ग में मिलाने की साजिश की जा रही थी, तब उन्होंने इसका डटकर विरोध किया। उन्होंने कहा, “मैंने तब स्पष्ट शब्दों में कहा था। जननायक कर्पूरी ठाकुर द्वारा दी गई आरक्षण नीति में अगर कोई छेड़छाड़ हुई, तो हर स्तर पर उसका विरोध किया जाएगा।”

हमने गरीबों को मालिक बनाया- सीएम नीतीश कुमार

नीतीश कुमार ने दावा किया कि उनकी सरकार ने 2006 से लेकर अब तक हर वर्ग के सशक्तिकरण के लिए ठोस कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया कि पंचायती राज और नगर निकाय चुनावों में अति पिछड़ा वर्ग को 20% आरक्षण, न्यायिक सेवाओं में आरक्षण, और अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की स्थापना जैसे निर्णय सामाजिक न्याय की दिशा में ऐतिहासिक साबित हुए। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2008-09 में इस विभाग का बजट मात्र 42 करोड़ था, जो आज बढ़कर 1900 करोड़ रुपये हो चुका है।

महादलित और अति पिछड़ों के बच्चों के लिए स्कूल

मुख्यमंत्री ने अपने पोस्ट में बताया कि राज्य के हर ज़िले में अब जननायक कर्पूरी ठाकुर छात्रावास और आवासीय विद्यालय संचालित हैं, जिनमें हज़ारों बच्चे निःशुल्क शिक्षा पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना, सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना, और मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत लाखों युवाओं को रोज़गार और आर्थिक सहायता मिली है।

हम जो कहते हैं, उसे निभाते हैं- सीएम नीतीश

पोस्ट के अंत में नीतीश कुमार ने लिखा, “राज्य में पिछड़ा, अति पिछड़ा, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, दलित-महादलित और वंचित वर्गों की तरक्की के लिए हमने जो काम किए हैं, उसे जनता याद रखेगी। आगे भी हम ही काम करेंगे, क्योंकि हम जो कहते हैं, उसे पूरा करते हैं।”