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दुलारचंद हत्याकांड: छावनी में बदला मोकामा, जानें दुलारचंद और अनंत सिंह के बीच की अनबन की कहानी

दुलारचंद यादव हत्याकांड: पहलवानी का शौक रखने वाले दुलारचंद यादव और अनंत सिंह के बीच कुछ माह पहले तक दोस्ती थी। लेकिन ऐसा क्या हुआ कि दोनों के बीच अनबन हो गई और बात हत्या तक पहुंच गई।

अनंत सिंह और दुलारचंद यादव

दुलारचंद हत्याकांड: मोकामा विधानसभा सीट पर वोटिंग से छह दिन पहले जनसुराज के समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या के बाद से मोकामा अशांत हो गया है। दुलारचंद यादव के समर्थक सड़क पर उतरकर अनंत सिंह के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं और उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। इधर, अनंत सिंह के लोगों की सक्रियता के बाद पटना पुलिस मुख्यालय से आईजी स्तर के अधिकारी को पटना से मोकमा भेजा गया है। किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना नहीं घटित हो इसको लेकर आस पास की पुलिस को भी मोकामा मे ही कैंप करने को कहा गया है।

क्यों हुई दोनों के बीच अनबन

मोकामा के बाहुबली पूर्व विधायक अनंत सिंह के समर्थकों पर दुलारचंद यादव की हत्या का आरोप लगा है। दुलारचंद यादव मोकामा से जनसुराज के प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी के समर्थन में प्रचार कर रहे थे। प्रचार के दौरान वो अनंत सिंह के खिलाफ बयानबाजी भी कर रहे थे। इसको लेकर कहा जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों से दोनों के बीच अनबन शुरू हो गयी थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि दुलारचंद यादव की ओर से अनंत सिंह पर बेहद ही प्राइवेट टिप्पणी के बाद से विवाद बढ़ने लगा था। दुलारचंद यादव का मोकामा में राजनीतिक प्रभाव भी था। इसके पीछे उनका आपराधिक इतिहास बताया जाता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि टाल क्षेत्र में उनकी पकड़ मजबूत थी। साल 2019 में पटना पुलिस ने दुलारचंद यादव को कुख्यात बदमाश बताकर गिरफ्तार किया था।

जहा जन्मे थे वहीं हुई हत्या

दुलारचंद यादव की गुरूवार को तारतर गांव में हत्या कर दी गई। उनका जन्म भी इसी गांव में हुआ था। लेकिन, पिछले कुछ वर्षो से वो बाढ़ में रह रहे थे। पटना जिले के घोषबरी और बाढ़ थानों में उनपर कई मामले दर्ज हैं। टाल क्षेत्र में दुलारचंद यादव सबसे ज्यादा चर्चित थे। चुनाव के वक्त टाल क्षेत्र में मदद के लिए राजनीतिक दल के कई बड़े नेता उनको याद किया करते थे। इसी वजह से 80 और 90 के दशक में उनका नाम इलाके के सबसे प्रभावशाली लोगों में गिना जाता था।

आरजेडी के टिकट पर लड़े थे चुनाव

आरजेडी के टिकट पर मोकामा विधानसभा से वे चुनाव भी लड़े थे, लेकिन इस चुनाव में उनकी हार हो गई थी। इसके बाद में वो समय समय पर कई राजनीतिक दलों से जुड़ते और उसे छोड़ते रहे। बाहुबली अनंत सिंह से भी उनके अच्छे रिश्ते थे। लेकिन, इसी साल दुलारचंद यादव अनंत सिंह को छोड़कर पीयूष प्रियदर्शी के साथ चले गए थे। इसके बाद वो काफी समय से सोशल मीडिया पर लगातार अनंत सिंह के खिलाफ बोल रहे थे। इससे दोनों के बीच तनाव बढ़ गया था।