
बिहार के वैशाली जिले की लालगंज विधानसभा सीट पर महागठबंधन और एनडीए के बीच सीधी टक्कर है। इस बीच एक बड़ी खबर लालगंज से आ रही है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार लालगंज जेल में बंद बाहुबली विधायक मुन्ना शुक्ला को अब लालगंज से भागलपुर केंद्रीय काराiगृह में शिफ्ट किया जा रहा है। बीजेपी नेताओं ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय को शुक्रवार की सुबह में फोन से बताया था कि लालगंज जेल से आ रहे फोन से परेशानी बढ़ रही है। इस खबर के सामने आने के बाद मुजफ्फरपुर प्रशासन ने रविवार को आनन फानन में लालगंज जेल में बंद मुन्ना शुक्ला को भागलपुर केंद्रीय कारागृह में शिफ्ट करने की तैयारी शुरू कर दी है।
बीजेपी नेताओं ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय को शुक्रवार की सुबह में शिकाय की थी कि लालगंज जेल में बंद बाहुबली पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला प्रति दिन 30 से 40 लोगों को फोन कर रहे हैं। इससे चुनाव प्रभावित हो रहा है। इसपर तत्काल रोक नहीं लगी तो चुनाव एक तरफा हो जायेगा। लालगंज में मुन्ना शुक्ला की बेटी शिवानी शुक्ला चुनाव लड़ रही है। बीजेपी नेताओं का आरोप है कि जेल से मुन्ना शुक्ला अपनी बेटी के पक्ष में लोगों को गोलबंद कर रहे हैं। इसका चुनाव पर काफी प्रभाव पड़ रहा है। कहा जा रहा है कि शिवानी शुक्ला प्रचार और जनसंपर्क में भी लीड ली हुई है।
लालगंज विधान सभा सीट पर आरजेडी ने बाहुबली मुन्ना शुक्ला की बेटी शिवानी शुक्ला को चुनाव मैदान में उतारा है। जबकि एनडीए ने लालगंज से अपने मौजूदा बीजेपी विधायक संजय कुमार सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है। संजय सिंह केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद के मित्र कहे जाते हैं। इस सीट पर इसकी वजह से आमने सामने की टक्कर हो गई है। हालांकि इस सीट को लेकर कांग्रेस और आरजेडी में खूब खींचतान हुई। कांग्रेस ने यहां से आदित्य कुमार राजा को टिकट दे दिया था। लेकिन बाद में महागठबंधन के सीनियर नेताओं के हस्तक्षेप के बाद कांग्रेस के आदित्य राजा ने अपना नामांकन वापस ले लिया।
लालगंज की पहचान बाहुबल और अपराध से भी जुड़ी रही है। जिनमें सबसे चर्चित नाम है विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला। मुन्ना शुक्ला तीन बार यहां से विधायक रह चुके हैं। वे कुख्यात अपराधी छोटन शुक्ला के छोटे भाई हैं। इन्हें तत्कालीन मंत्री बृज बिहारी प्रसाद हत्याकांड में निचली अदालत ने आजीवन कारावास की सजा दी थी, लेकिन पटना हाईकोर्ट से वे बरी हो गए और राजनीति में लौटे। इसके बाद 2000 में निर्दलीय, फरवरी 2005 में एलजेपी और अक्टूबर 2005 में जेडीयू के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीते। इसके बाद उनकी पत्नी अन्नू शुक्ला ने 2010 में जेडीयू से जीत दर्ज की। हालांकि, बाद में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए मुन्ना शुक्ला को फिर से आजीवन कारावास की सजा सुना दी।
Updated on:
27 Oct 2025 09:18 am
Published on:
26 Oct 2025 07:49 pm

