
बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 18 जिलों की 121 सीटों पर गुरूवार को बंपर वोटिंग हुई । सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक 64.46 फीसदी वोटिंग हुई है। जो कि पिछली बार से 7.50% ज्यादा वोटिंग है। वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में 56.9 फीसदी वोटिंग हुई थी। बिहार के ज्यादातर जिले में वोटर्स बढ़-चढ़कर हिस्सा लिए। लेकिन बिहार के कुछ ऐसे भी विधानसभा क्षेत्र रहे जहां के वोटर्स में वोटिंग के प्रति कोई उत्साह नहीं दिखा। पटना में सिर्फ 55.02% मतदान हुआ है, जो कि बिहार के कुल औसत वोटिंग प्रतिशत से लगभग 5 प्रतिशत कम है। इसी प्रकार भोजपुर में भी औसत मतदान प्रतिशत 53.24 ही रहा है।
पटना जिले की सभी विधानसभा सीटों पर औसत मतदान सिर्फ 55.02% के आस पास रहा। दीघा विधानसभा सीट पर तो सिर्फ 39.10 प्रतिशत मतदान हुआ। दीघा विधानसभा सीट से बीजेपी के विधायक संजीव चौरसिया हैं। इसको पटना के सबसे समृद्ध और पॉश इलाका कहा जाता है। इसके बावजूद यहां सबसे कम वोट पड़े। संजीव चौरसिया के खिलाफ इस बार दीघा से भाकपा (माले ) की दिव्या गौतम और जनसुराज के रितेश रंजन चुनाव मैदान में थे। दीघा के अलावा कुम्हारार सीट पर 39.52% और बांकीपुर में 40% वोट हुआ है। बीजेपी समर्थक इसको लेकर चिंतित दिखे। उन्होंने कहा कि पटना जिले में सबसे कम मतदाता अपने घरों से पोलिंग बूथ पर वोटिंग करने पहुंचे।
पटना के बाद सबसे कम वोटिंग प्रतिशत भोजपुर में हुआ। भोजपुर में औसत मतदान प्रतिशत 53.24 रहा है। अगिआंव सीट जो कि माले का गढ़ कहा जाता है वहां पर 49.47%, आरा जो कि बीजेपी का गढ़ का जाता है वहां 45.07%, तरारी में 53.52% और जगदीशपुर में 54.83% मतदान हुआ है। बिहार का आरा विधानसभा सीट हाई प्रोफाइल सीट माना जाता है। यहां से बीजेपी नेता अमरेंद्र प्रताप सिंह विधायक हैं। लेकिन, बीजेपी ने इस दफा इनका टिकट काट कर अन्य को दे दिया है। इसी प्रकार से अगियांव विधानसभा सीट CPI(ML)L का मजबूत गढ़ माना जाता है, लेकिन यहां भी वोटरों में कोई विशेष उत्साह देखने को नहीं मिला।
Published on:
06 Nov 2025 10:57 pm

