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राजस्थान: ग्रामीणों ने अपने स्तर पर बांध को भरने का बीड़ा उठाया, जुटाए 2 लाख रुपए, बांध में आया पानी तो खुशी से झूमे

राजस्थान के पाली जिले के गुंदोज क्षेत्र में अच्छी बरसात होने के बावजूद एंदला बांध नहीं भरने से परेशान किसानों की मेहनत आखिर रंग लाई। अब बांध का जलस्तर साढ़े चार फीट तक पहुंच गया है।

पाली

Santosh Trivedi

Sep 20, 2025

एंदला बांध pali
Photo- Patrika

पाली/गुंदोज। क्षेत्र में अच्छी बरसात होने के बावजूद एंदला बांध नहीं भरने से परेशान किसानों की मेहनत आखिर रंग लाई और बांध में पानी की आवक शुरू हो गई। बांध का जलस्तर भी आधा फीट बढ़ कर साढ़े चार फीट तक पहुंच गया है। इस बांध की कुल भराव क्षमता 9 फीट है। यह बांध क्षेत्र की सिंचाई व पेयजल आपूर्ति के लिए जीवनरेखा माना जाता है।

अच्छी बरसात के बाद भी बांध में पानी नहीं आने पर किसानों को आगामी दिनों होने वाली संभावित परेशानी ने उन्हें चिंता में डाल दिया। बांध खाली रहने से इसका सीधा असर सिंचाई पर पड़ना था। इसी समस्या के समाधान के लिए किसानों ने अपने स्तर पर बांध को भरने का बीड़ा उठाया।

इसके लिए ग्रामीणों ने बालराई नदी का पानी रोककर जवाई नहर के माध्यम से उसे एंदला बांध की ओर मोड़ने का निर्णय किया। इस कार्य पर होने वाले खर्च के लिए किसानों ने करीब 2 लाख रुपए की राशि एकत्रित की।

इस धनराशि से आवश्यक निर्माण कार्य और तकनीकी व्यवस्था की गई, ताकि पानी का बहाव आसानी से नहर की ओर मोड़ा जा सके। ग्रामीणों के इस प्रयास का सुखद परिणाम गुरुवार को उस समय दिखा जब जवाई नहर के जरिए एंदला बांध में पानी पहुंचना शुरू हो गया और पानी मे करीब आधे फीट पानी की आवक हुई और अभी भी आवक जारी है।

जल वितरण समिति के अध्यक्ष सुरदान प्रजापत और पंचायत समिति सदस्य रेखा नारायणलाल प्रजापत ने बताया कि खेतों में मेड़बंदी से पानी की आवक पर असर पड़ा और बांध नहीं भर सका।

इस समस्या के समाधान के लिए सरकारी स्तर से अपेक्षित मदद समय पर न मिलने से किसानों ने अपने संसाधनों से यह समाधान ढूंढा। यदि समय रहते यह पहल नहीं की जाती तो आगामी रबी सीजन में सिंचाई के लिए गंभीर संकट खड़ा हो सकता था। इस अवसर पर कालू सिंह सिसोदिया, फूआराम भायल, घीसाराम बंजारा, बाकी दान चारण, मोहनलाल मेघवाल आदि किसान मौजूद रहे।

इन्होंने कहा

किसानों का कार्य सराहनीय है। मेरे कार्यक्षेत्र में आठ बांध है, लेकिन एकमात्र यही बांध है जो खाली रह गया।
विमला परिहार, कनिष्ठ अभियंता जल संसाधन विभाग, पाली