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राजस्थान: मनरेगा में फर्जीवाड़ा, एक दिन में 81 और 8 दिन में 120 श्रमिकों की मौत; जांच में बड़ा खुलासा

MNREGA Scam: पाली जिले के कीरवा गांव में एक ही दिन में 81 और डिंगाई गांव में 99 श्रमिकों की मौत कागजों पर दर्ज की गई, जबकि कोई आपदा नहीं हुई। जांच में फर्जी नामों से भुगतान का खुलासा हुआ है। जिला लोकपाल ने दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की अनुशंसा की है। पढ़ें राजीव दवे की रिपोर्ट...

पाली

Arvind Rao

Nov 03, 2025

Rajasthan MNREGA scam in Pali
MNREGA scam in Pali (Patrika Photo)

MNREGA News : पाली: मनरेगा में नियोजित फर्जी श्रमिकों के नाम चढ़ाने और उन्हें फिर कागजों में मृत्यु दर्ज करने का खेल सामने आया है। पाली के राजस्व गांव कीरवा में 14 मई 2020 को मनरेगा पोर्टल पर एक ही दिन 81 श्रमिकों की मौत होना बताया है।


ऐसा ही डिंगाई राजस्व गांव में भी हुआ। वहां 2 मार्च 2023 को 99 मनरेगा श्रमिकों की मौत होना बताया। इस गांव में महज 8 दिन 23 फरवरी 2023 से 2 मार्च 2023 तक 120 श्रमिकों की मृत्यु होना दर्शाया है।


खास बात यह है कि इन गांवों में इतनी बड़ी त्रासदी होने का पता जिले में किसी को नहीं लगा। वहां कोई प्राकृतिक आपदा या महामारी भी नहीं आई। इसके बावजूद मनरेगा पोर्टल पर काफी संख्या में मरने वाले श्रमिकों की संख्या दर्ज है।


इसकी पोल तब खुली, जब जिला लोकपाल ने जांच की। उन्होंने 9 अक्टूबर 2025 को जिला कलक्टर को लिखिल में सूचना देकर दोषी ग्राम विकास अधिकारियों पर कार्रवाई की अनुशंसा की है।


सत्यापन के बाद भी दूसरे नाम मिले


ग्राम पंचायत कीरवा में रोजगार गारंटी योजना के तहत 1728 श्रमिकों के जॉब कार्ड की जांच में सामने आया कि 1000 श्रमिकों का पंजीयन किया था। इनमें से 81 श्रमिक 14 मई 2020 को मृत बताए है। अन्य मामलों में व्यक्ति को दूसरे फैमिली में स्थानांतरित करना बताया। वहां सत्यापन के बाद भी डुप्लीकेट नाम भी मिले।


इन गांवों में एक दिन में श्रमिकों की मौत


-जाणुंदा गांव 5 जनवरी को 2020 को 36 मौत
-कीरवा गांव में 14 मई 2020 को 81 मौत
-डिंगाई गांव में 2 मार्च 2023 को 99 मौत
-डिंगाई गांव में 23 फरवरी 2023 को 10 मौत
-डिंगाई गांव में 26 फरवरी 2023 में 11 मौत
-डिंगाई गांव में 19 दिसंबर 2022 को 8 मौत


अन्य गांवों में भी गड़बड़ी


एक ही दिन में 81 और 99 श्रमिक एक ही राजस्व गांव में कैसे मर सकते हैं? ऐसा तो केवल प्राकृतिक आपदा या महामारी के समय हो सकता है। इसी तरह का गडबड़झाला जिले के अन्य गांवों में भी हुआ है, जिसकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
-चैन सिंह पंवार, जिला लोकपाल (मनरेगा), जिला परिषद, पाली


जांच करवाता हूं…


मनरेगा में मृतक श्रमिकों के नाम एक या डेढ़ साल बाद कोई अभियान चलाकर हटाए गए होंगे। इतनी बड़ी संख्या में एक साथ एक दिन में श्रमिकों को मृत बताकर नाम हटाने के बारे में पता करवाता हूं।
-मुकेश चौधरी, सीईओ, जिला परिषद, पाली