
Pali Mahapadav Clash: पाली के बालराई गांव में हाई-वे किनारे शुक्रवार को घुमंतू अर्द्ध घुमंतू और विमुक्त जातियों की समन्वय समिति और राष्ट्रीय पशुपालक संघ की ओर से महापड़ाव शुरू किया गया। राष्ट्रीय पशुपालक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालसिंह देवासी की अगुवाई में विभिन्न मांगों को लेकर शुरू किए महापड़ाव में में काफी लोग पहुंचे।

महापड़ाव में समुदाय के युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों ने भाग लिया। कई संगठनों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि घुमंतू व अर्द्ध-घुमंतू समाज वर्षों से अपनी मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहा है, लेकिन अब तक सरकार की ओर से कोई बड़ा कदम नहीं उठाया। अब वो ठोस आश्वासन मिलने के बाद ही उठेंगे।

वक्ताओं ने कहा कि आज भी इस समुदाय को स्थायी आवास, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और रोजगार के समुचित अवसर के लिए तरसना पड़ रहा है। प्रदेशाध्यक्ष रतन नाथ ने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह घुमंतू समाज को जल्द आरक्षण की मुख्यधारा में शामिल करें, ताकि उनकी आने वाली पीढ़ी भी समाज में समानपूर्वक जीवन जी सके।
राष्ट्रीय अध्यक्ष लालसिंह देवासी ने कहा कि घुमंतू व अर्द्ध-घुमंतू समुदाय का जीवन सदियों से कठिनाइयों से भरा रहा है। इनके पास न तो स्थायी घर और न नियमित रोजगार है। बच्चों की शिक्षा भी प्रभावित हो रही। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह विशेष नीति बनाकर जरूरी सुविधाएं प्रदान करें। बालराई में शुरू किए महापड़ाव में पहले दिन राजस्थान के साथ महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, गुजरात, हरियाणा से भी लोग पहुंचे थे।

महापड़ाव पर बैठे लोगों ने कहा कि कई आयोग और कोर्ट के आरक्षण देने का कहने के बावजूद सरकार सुनवाई नहीं कर रही। घुमंतू-अर्द्ध घुमंतू व विमुक्त जातियों की जनसंया 15 प्रतिशत से अधिक है। इन्हें दस प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए। पहले जोधपुर, भीलवाड़ा सहित कई जगह प्रदर्शन किया, लेकिन सरकार वार्ता नहीं कर रही है।

हमने पांच आंदोलन किया। सरकार ने प्रतिनिधि मंडल नहीं भेजा। हमने कलक्टर से मांग की है कि सरकार का प्रतिनिधि मंडल आए। सरकार के स्तर पर सुनवाई की जानी चाहिए।
कपूर रायका, उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय पशुपालक संघ

पुलिस की ओर से खदेड़ने और अश्रु गैस छोड़ने के बाद यहां माहौल तनाव भरा हो गया। आंदोलन से जुड़े नेताओं ने आह्वान किया वे सरकार से बात होने के बाद ही हटेंगे। यहां शुक्रवार शाम तक पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने वार्ता भी की, लेकिन सरकार के किसी सक्षम व्यक्ति नहीं पहुंचने से वार्ताओं में कोई नतीजा नहीं निकला।

महापड़ाव के बाद यहां पाली-अहमदाबाद मार्ग पर वाहनों की आवाजाही का रूट बदल दिया गया। पाली के पणिहारी चौराहे पर जाम लग गया। जो वाहन चालक जाना चाह रहे थे, उनको नाडोल होते हुए देसूरी व फालना होकर वापस साण्डेराव के पास हाइवे की तरफ भेजा गया। उधर, साण्डेराव की तरफ से भी वाहनों को इसी मार्ग से वाहनों को पाली की तरफ डायवर्ट किया गया।

महापड़ाव पर बैठे लोगों का कहना था कि हमारा उद्देश्य पांडाल में बैठने का था। हाइवे पर जाने की मंशा नहीं थी। हमारे में से कुछ लोग हाइवे की तरफ गए थे। पहली बार तो उनको पीछे ले लिया, लेकिन बाद में वे फिर हाइवे पर गए। पुलिस को मारपीट नहीं करनी चाहिए थी।

Updated on:
08 Nov 2025 12:12 pm
Published on:
08 Nov 2025 11:45 am

