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Rajasthan: ‘टीचर से पूछा… कोई बुर्का पहनकर तो नहीं आता’, शिक्षा मंत्री बोले- स्कूलों में नहीं चलेगी विचित्र वेशभूषा

Madan Dilawar: मैंने राजसमंद जिले के एक स्कूल में पूछा यहां सूर्य नमस्कार होता है…, वंदे मातरम् गाते हैं…, जन गण मन होता है या नहीं। कोई बच्ची बुर्का पहनकर तो नहीं आती है।

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पाली

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Anil Prajapat

Nov 29, 2025

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मंत्री मदन दिलावर। पत्रिका फाइल फोटो

Pali News: पाली। मैंने राजसमंद जिले के एक स्कूल में पूछा यहां सूर्य नमस्कार होता है…, वंदे मातरम् गाते हैं…, जन गण मन होता है या नहीं। कोई बच्ची बुर्का पहनकर तो नहीं आती है। स्कूल में विद्यार्थी स्कूल यूनिफॉर्म या सामान्य वेशभूषा में आएं। यह बात शिक्षा एवं पंचायतराज मंत्री मदन दिलावर ने शुक्रवार को पत्रिका से बातचीत में कही।

पाली आए मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि हमने आदेश निकाला है कि कोई भी बच्चा विचित्र वेशभूषा व मुंह ढककर स्कूल नहीं आए। मुंह ढककर स्कूल आने पर आतंककारी गतिविधियां हो गई तो कौन जिम्मेदार होगा? आजकल ऐसी घटनाएं हो रही हैं। हम नहीं चाहते हैं कोई बुर्का पहनकर या मुंह ढककर स्कूल में आए…, या फिर विचित्र वेशभूषा में आए…। हम सरकारी व निजी स्कूलों में एक जैसी यूनिफार्म लागू करेंगे।

आर्थिक संसाधनों की परिस्थितियां होती हैं

सामान्य वर्ग के बच्चों को यूनिफॉर्म नहीं देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि आर्थिक संसाधनों की परिस्थतियां होती हैं। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में हमारा राजस्थान तीन साल पहले देश में 11वें नंबर पर था। अभी हुए सर्वे में हम देश में तीसरे स्थान पर आ गए हैं।

…तो शिक्षक को कर सकते हैं निलबित

एक सवाल पर उन्होंने कहा बच्चों को शिक्षा के लिए समय अधिक मिले। अध्यापक भी पढ़ाएं। इसके लिए प्रयास कर रहे हैं। एक विषय में 20 प्रतिशत सत्रांक व 80 प्रतिशत का प्रश्न पत्र होता है। अब 80 नंबर में से 40 से कम आने पर शिक्षक से कम अंक आने का कारण पूछेंगे। संतोषजनक उत्तर नहीं होने पर उसका स्थानान्तरण कर सकते हैं। उसे निलंबित कर सकते है। उसके इंक्रीमेंट रोक सकते हैं। हम कहते हैं सत्रांक आप पूरे दें, लेकिन प्रश्न पत्र में भी अंक आना जरूरी है। ऐसा नहीं होने पर 80 में से महज 13 नंबर लाने पर ही बच्चा पास हो जाता है। शिक्षण स्तर कमजोर रह जाता है।

पूजन व नमाज के लिए नहीं जा सकते

मंत्री दिलावर ने कहा कि कई शिक्षक पूजा व नमाज के लिए स्कूल समय में जाते हैं। उस पर हमने पाबंदी लगाई है। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि मैंने 30 जिलों का आंकड़ा निकाला है। सरकारी स्कूलों में 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले बच्चे 18300 व निजी स्कूलों में 13200 मिले। यह आंकड़ा सरकारी स्कूलों में बेहतर शिक्षा होने का प्रमाण है। निजी स्कूल में वे बच्चे जाते हैं, जिनके माता-पिता के जेब में पैसा होता है।