पाली। जिले के रोहट क्षेत्र की एक 15 वर्षीय किशोरी जंजीरों में बंधी हुई है। यह बेड़ियां किसी दुश्मन ने नहीं, बल्कि उसके अपने माता-पिता ने डाली हैं। वजह है-उसकी बिगड़ती मानसिक हालत और परिवार की बेबसी।
करीब तीन महीने पहले चाचा के परिवार के साथ जमीन विवाद के दौरान किशोरी को सिर पर लाठी लगी। उस चोट के बाद उसकी दुनिया बदल गई। शांत रहने वाली मासूम किशोरी अचानक अजीब हरकतें करने लगी। कभी बिना बताए घर से निकल जाती, कभी खुद के कपड़े फाड़ लेती तो कभी गांव की महिलाओं पर हमला कर उनके कपड़े तक फाड़ देती। हालत इतनी बिगड़ी कि वह मिट्टी और सीमेंट तक खाने लगी।
परिवार के लोगों का कहना है कि 'हमने इलाज करवाने की कोशिश की, लेकिन हालत संभलने की जगह और बिगड़ती गई। कई बार वह खुद को या दूसरों को नुकसान पहुंचाने लगती है। मजबूरी में हमें उसे जंजीर से बांधना पड़ा।'
किशोरी का हर दिन उसी पलंग पर बीत रहा था। खाना, पीना, रहना सब वहीं। माता-पिता असहाय थे और गांव वाले उसकी हालत देखकर सहम जाते थे।
जब उसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो पाली के CMHO डॉ. विकास मारवाल हरकत में आए। उन्होंने तुरंत टीम भेजी। डिप्टी CMHO डॉ. वेदांत गर्ग ने मौके पर पहुंचकर परिजनों से बातचीत की और एंबुलेंस बुलवाकर किशोरी को पाली के बांगड़ हॉस्पिटल भिजवाया।
मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. दलजीत सिंह राणावत ने जांच के बाद बताया कि किशोरी साइकोसिस डिसऑर्डर से पीड़ित है। यह बीमारी सिर में चोट और मानसिक सदमे के कारण पैदा हुई है। इसमें मरीज असल और वहम में फर्क नहीं कर पाता, अजीब आवाजें सुनता है और काल्पनिक चीजें देखता है।
डॉक्टरों का कहना है कि यह बीमारी इलाज योग्य है। समय रहते सही देखभाल और दवाइयों से किशोरी सामान्य जिंदगी जी सकती है। फिलहाल उसका इलाज शुरू कर दिया गया है और विशेषज्ञों की टीम लगातार उसकी स्थिति पर नजर रख रही है।
Published on:
21 Sept 2025 04:19 pm