
दिल्ली का जवाहरलाल नेहरु स्टेडियम (Photo - IANS)
Jawahar Lal Nehru Stadium Delhi: दिल्ली का ऐतिहासिक जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम (JLN) को तोड़ने का फैसला किया गया है। खेल मंत्रालय ने घोषणा की है कि 102 एकड़ में फैले इस परिसर को विश्वस्तरीय स्पोर्ट्स सिटी के रूप में पुनर्विकास किया जाएगा। इस मॉडल की प्रेरणा दोहा (कतर) की खलीफा इंटरनेशनल स्पोर्ट्स सिटी से ली गई है, जहां सभी खेल सुविधाएं, प्रशिक्षण केंद्र और एथलीट्स के आवास एक ही परिसर में हैं।
खेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह परियोजना अभी आइडिएशन फेज में है, और कोई निश्चित समय-सीमा तय नहीं की गई है। अधिकारी ने कहा, "हम दोहा जैसे स्पोर्ट्स सिटी मॉडलों का गहन अध्ययन कर रहे हैं। उसके बाद ही योजना के अगले चरण डिजाइन, फंडिंग और टेंडरिंग पर बढ़ेंगे।"
JLN स्टेडियम का निर्माण 1982 एशियाई खेलों के लिए किया गया था। इसके बाद 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले इसका भव्य नवीनीकरण हुआ, जिसमें 961 करोड़ रुपये खर्च किए गए। हाल ही में सितंबर-अक्टूबर 2025 में आयोजित वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप से पहले फिर से 50 करोड़ रुपये का निवेश किया गया। इस रिनोवेशन में दो नई मोंडो ट्रैक्स (मुख्य स्टेडियम और अभ्यास क्षेत्र में), 10,000 नई दर्शक सीटें, व्हीलचेयर फ्रेंडली इंफ्रास्ट्रक्चर और लाइटिंग, ड्रेनेज और सेफ्टी अपग्रेड की गई।
नई योजना के तहत मुख्य स्टेडियम को पूरी तरह तोड़ा जाएगा और उसके स्थान पर एथलीट्स के लिए आवासीय परिसर बनाया जाएगा। ताकि अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के दौरान खिलाड़ी स्टेडियम के पास ही रह सकें। मंत्रालय का लक्ष्य स्टेडियम के 102 एकड़ क्षेत्र का पूरा उपयोग करना है, जो फिलहाल लगभग 35 प्रतिशत ही इस्तेमाल हो रहा है। अधिकारी के अनुसार पुनर्विकास के पीछे सोच यही है कि जगह का उपयोग अधिक कुशलतापूर्वक किया जाए। 60,000 दर्शकों की क्षमता वाला यह स्टेडियम देश के सबसे प्रतिष्ठित खेल स्थलों में से एक है। यहीं पर 2010 राष्ट्रमंडल खेल और 2017 अंडर-17 फीफा विश्वकप का आयोजन हुआ था। यह स्टेडियम म्यूजिकल इवेंट्स और फूड फेस्टिवल्स जैसे नॉन-स्पोर्ट्स आयोजनों के लिए भी इस्तेमाल होता है।
वर्तमान में इस खेल परिसर में मुख्य फुटबॉल स्टेडियम और एथलेटिक्स ट्रैक के अलावा तीरंदाजी अकादमी, बैडमिंटन कोर्ट, भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI), राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) और राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला (NDTL) जैसी कई संस्थाओं के ऑफिस हैं। जब अधिकारी से पूछा गया कि इन संस्थानों का क्या होगा, तो उन्होंने कहा कि, “सभी दफ्तरों को दूसरी जगह स्थानांतरित किया जाएगा। मुख्य स्टेडियम को तोड़ा जाएगा और उसके स्थान पर आवासीय परिसर बनाए जाएंगे ताकि खिलाड़ी प्रतियोगिताओं के दौरान स्टेडियम के पास ही रह सकें।”
Updated on:
11 Nov 2025 05:07 pm
Published on:
11 Nov 2025 05:01 pm
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