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आपकी बातः दिव्यांगों को रोजगार के सुगम अवसर मिलें, इसके लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए?

पाठकों ने इस पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं दी हैं। प्रस्तुत है पाठकों की चुनिंदा प्रतिक्रियाएं

जयपुर

Opinion Desk

Nov 13, 2025

कौशल सिखाया जाए
दिव्यांगों के लिए कौशल विकास व क्षमता सुधार शिविरों का लगातार आयोजन किया जाना चाहिए। केंद्रीय व राज्य स्तर पर दिव्यांगों के लिए रोजगार मेलों का आयोजन कर उनकी क्षमता अनुसार उन्हें रोजगार उपलब्ध करवाना चाहिए। सरकार ऐसी नीतियां बनाएं, जिससे दिव्यांगों को रोजगार उपलब्ध हो सके। - नरेन्द्र योगी, सांभरलेक

विशेष सुविधाएं उपलब्ध हो
दिव्यांगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए सबसे पहले शिक्षा और कौशल विकास पर ध्यान देना आवश्यक है। सरकार को विशेष प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना करनी चाहिए। शिविरों में आधुनिक तकनीक और डिजिटल कार्यों का प्रशिक्षण दिया जाए। कार्यस्थलों पर दिव्यांगों के लिए रैम्प, लिफ्ट, विशेष शौचालय और सहायक उपकरण जैसी सुविधाएं अनिवार्य की जानी चाहिए। निजी और सरकारी क्षेत्रों में दिव्यांगों को नौकरी देने पर प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। - संदीप कटेवा, झुंझुनूं

वित्तीय सहायता प्रदान की जाए
सार्वजनिक जागरूकता अभियान चलाकर दिव्यागों के प्रति नजरिया बदला जाए, जिससे उन्हें रोजगार के सुगम अवसर मिलें। वित्तीय सहायता प्रदान करना, कर में छूट देना विशेष उपाय हो सकते हैं। नियोक्ताओं को भर्ती, प्रशिक्षण और पदोन्नति में दिव्यांग व्यक्तियों के साथ भेदभाव करने से रोका जाए। काम के घंटों में लचीलापन, सरकारी नौकरियों में आरक्षण भी दिए जाएं। - शिवजी लाल मीना, जयपुर

अलग से कोटा निश्चित हो
दिव्यांगों को रोजगार के सुगम अवसर तभी मिलेंगे जब उनके लिए हर भर्ती में अलग से कोटा दिया जाए। दिव्यांगों के लिए हर भर्ती में अपनी जगह बनाना बहुत मुश्किल होता है। - प्रियव्रत चारण, जोधपुर

रोजगार मेलों का आयोजन हो
दिव्यांगों के लिए रोजगार सुगम बनाने हेतु शिक्षा व कौशल प्रशिक्षण को उनकी जरूरतों के अनुरूप तैयार किया जाए। सहायक तकनीकें उपलब्ध कराई जाएं। कार्यस्थलों को रैंप, लिफ्ट और उपयुक्त सुविधाओं के साथ पूरी तरह सुगम्य बनाया जाए। सरकारी-निजी क्षेत्रों में भर्ती प्रोत्साहन और आरक्षण जरूरी है। साथ ही रोजगार मेले, ऑनलाइन पोर्टल और करियर मार्गदर्शन के माध्यम से दिव्यांगों को उपयुक्त अवसरों से जोड़ा जा सकता है। - प्रकाश कटारिया, हुबली

स्वरोजगार को बढ़ावा मिले
दिव्यांग व्यक्तियों के लिए व्यावसायिक और पेशेवर कार्यक्रमों को बढ़ावा दें। स्वरोजगार के लिए वित्तीय सहायता और ऋण प्रदान करें। दिव्यांगों की निर्मित वस्तुएं प्राथमिकता से बाजारों में उपलब्ध करावाई जाए। आमजन दिव्यांग लोगों की वस्तुएं प्राथमिकता के साथ खरीदें। - अजीतसिंह सिसोदिया, बीकानेर

ऑनलाइन रोजगार उपलब्ध हो
दिव्यांगों को रोजगार के समान अवसर देने के लिए समाज और सरकार दोनों को सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। सरकारी व निजी संस्थानों में आरक्षण का पूर्ण पालन करना चाहिए। कार्यस्थलों पर सुविधाएं जैसे रैम्प, लिफ्ट उपलब्ध हों। कौशल विकास प्रशिक्षण और ऑनलाइन रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएं। जनजागरण के माध्यम से यह भावना विकसित हो कि दिव्यांग व्यक्ति “सक्षम” हैं, न कि “अक्षम” बस अवसर की आवश्यकता है। - संजय माकोड़े, बैतूल

विशेष प्रशिक्षण दिया जाए
दिव्यांगों के लिए विशेष प्रशिक्षण केंद्र, ऑनलाइन कोर्स और व्यावसायिक शिक्षा की व्यवस्था की जानी चाहिए। सरकारी और निजी क्षेत्र में दिव्यांगों के लिए आरक्षण की नीति को सख्ती से लागू किया जाए। सरकार और सामाजिक संस्थाओं को दिव्यांगों के लिए रोजगार मेले आयोजित करने चाहिए, जिससे वह योग्यता के अनुसार नौकरी पा सके। आधुनिक तकनीक जैसे स्क्रीन रीडर स्पीच रिकग्निशन और विशेष उपकरणों के उपयोग को बढ़ावा दिया जाना चाहिए जिससे दिव्यांग व्यक्ति कंप्यूटर आधारित कार्य आसानी से कर सके। - प्रणय सनाढ्य, उदयपुर

नियोक्ताओं को संवेदनशील बनाया जाए
नियोक्ताओं को संवेदनशील बनाकर उन्हें दिव्यांगों की क्षमताओं और उनकी उत्पादकता के बारे में बताया जाए। कई दिव्यांगजन विशेष प्रशिक्षण के बाद उच्च कौशल वाले होते हैं और किसी भी महत्वपूर्ण पद पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं।नियोक्ताओं को यह समझना होगा कि दिव्यांगों को नौकरी देना सिर्फ उनकी सामाजिक ज़िम्मेदारी नहीं, बल्कि व्यापार के लिए एक अच्छा निर्णय भी हो सकता है। सरकार विभिन्न प्रोत्साहन योजनाएं भी चला सकती हैं, जैसे नई नियुक्तियों पर कर में छूट या वित्तीय सहायता। - डॉ. अजिता शर्मा, उदयपुर

डेस्क जॉब दिए जाएं
दिव्यांगों को रोजगार के सुगम अवसर प्रदान करने के लिए सर्वप्रथम उनके अनुकूल जॉब्स को चिन्हित किया जाना चाहिए। उनकी शारीरिक दिव्यांगता को देख परख कर ही उनके लिए सूटेबल रोजगार का चयन किया जा सकता है। सहज सरल और बैठक के जाॅब उनके लिए अनुकूल सिद्ध हो सकते हैं। - ललित महालकरी, इंदौर

टाइपिंग परीक्षा की छूट हो
मुफ्त उच्च शिक्षा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। उनकी क्षमता के अनुसार रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के साथ टाइपिंग परीक्षा से छूट दी जाए। लिखित परीक्षा पास करने के लिए जरूरी न्यूनतम अंकों में कमी करने जैसे कदम उठाकर दिव्यांगों को रोजगार के सुगम अवसर दिए जा सकते हैं। - वसंत बापट, भोपाल

सहानुभूति के साथ समान अवसर मिले
दिव्यांगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए रोजगार के समान अवसर और सुलभ वातावरण आवश्यक हैं। सरकारी कार्यालयों व निजी कंपनियों में आरक्षण के साथ स्किल ट्रेनिंग सेंटर, डिजिटल रोजगार पोर्टल विकसित किए जाए। होम-बेस्ड वर्क मॉडल विकसित किए जाने चाहिए। स्कूलों में प्रारंभ से ही समावेशी शिक्षा दी जाए ताकि दिव्यांग बच्चों का आत्मविश्वास बढ़े। समाज को “सहानुभूति” से आगे बढ़कर “समान अधिकार” की भावना अपनानी होगी। - डॉ. दीपिका झंवर, जयपुर

स्वरोजगार के लिए वित्तीय सहायता दें
दिव्यांगों को रोजगार के सुगम अवसर देने के लिए कार्यस्थल की सुगमता बढ़ाने का साथ, प्रशिक्षण और कौशल विकास के अवसर दिए जाएं। भर्ती प्रक्रियाओं में उचित समायोजन करना और स्वरोजगार के लिए वित्तीय सहायता देना जैसे कदम उठाए जा सकते हैं। दिव्यांगजनों के कौशल विकास के लिए PM-दक्ष योजना जैसी योजनाओं का ग्रामीण क्षेत्रों तक विस्तार किया जाए। साथ ही सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों को उन्हें नियुक्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। - प्रकाश भगत, कुचामन सिटी

शिक्षा और प्रशिक्षण दिया जाए
दिव्यांग लोगों को अच्छी शिक्षा और काम सीखने के लिए प्रशिक्षण देना बहुत ज़रूरी है। सरकार को उनके लिए अलग से कौशल विकास केंद्र खोलने चाहिए। उन्हें कंप्यूटर, सिलाई, मोबाइल रिपेयरिंग, हस्तकला आदि कामों का प्रशिक्षण दिया जाए। इन केंद्रों में उन्हें स्वरोजगार के लिए तैयार किया जाए जिससे वे खुद का काम शुरू कर सकें और आत्मनिर्भर बन सकें। - पवन बैरवा, भीलवाड़ा

वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी जाए
ऐसी नौकरियों जहां बौद्धिक आधार पर कार्य किया जाता हो उनमें दिव्यांगों का आरक्षण बढ़ाया जा सकता है। दिव्यांगों को विशेष प्रशिक्षण उपलब्ध करवाया जा सकता है। कार्यालयों में दिव्यांगों की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए रैंप, लिफ्ट आदि की व्यवस्था की जा सकती है। दिव्यांगों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा उपलब्ध करवाई जा सकती है। दिव्यांगों का मनोबल बढ़ाने के लिए विशेष सत्र आयोजित किया जा सकते हैं। - मनीष सोनी, फलौदी

निशुल्क प्रशिक्षण दिया जाए
दिव्यांगों के प्रशिक्षण के लिए सुविधायुक्त आवासीय विद्यालय खोलने की आवश्यकता है। सरकार प्रशिक्षण, भोजन आदि व्यवस्थाओं को दिव्यांजनो के लिए निशुल्क उपलब्ध करवाए। दिव्यागों के प्रशिक्षण में मुख्य रूप से कंप्यूटर, सिलाई, दोना पत्तल बनाना, राखी बनाना आदि का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। दिव्यांगों की आजीविका चलाने के लिए "मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना" शुरू होनी चाहिए। इसके लिए दिव्यांगों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाना चाहिए। - आलोक वालिम्बे, बिलासपुर

एक समान नीति लागू हो
दिव्यांगों को रोजगार के सुगम अवसर देने के लिए सरकार और निजी क्षेत्र को समान अवसर नीति अपनानी चाहिए। कार्यस्थलों को दिव्यांग अनुकूल बनाया जाए, ऑनलाइन कार्य और लचीले समय की व्यवस्था हो। कौशल विकास प्रशिक्षण और तकनीकी शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए। उद्यमिता को प्रोत्साहन व विशेष ऋण योजनाएं दी जाए। आरक्षण नीति का सख्ती से पालन हो तथा समाज में संवेदनशीलता बढ़ाई जाए, ताकि दिव्यांग भी आत्मसम्मान के साथ कार्य कर सकें। - अमृतलाल मारू, इंदौर