Patrika Logo
Switch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

प्लस

प्लस

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

आपकी बात : साइबर बुलिंग से बचाव के लिए महिलाओं को क्या विशेष सावधानी रखनी चाहिए?

पाठकों ने इस पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं दी हैं। प्रस्तुत है पाठकों की चुनिंदा प्रतिक्रियाएं

जयपुर

Opinion Desk

Nov 26, 2025

अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए
साइबर बुलिंग से बचने के लिए महिलाएं ऐसे पासवर्ड का उपयोग करें, जिसमें अक्षर, संख्याएं और विशेष वर्ण शामिल हो। अपने मोबाइल में टू-फैक्टर-ऑथेंटिकेशन सेटिंग्स करें। मोबाइल पर अपनी निजी जानकारी साझा न करें। कहीं भी घूमने फिरने जाएं तो लोकेशन को टैग करने वाली सुविधा का उपयोग न करें, जिससे अपराधी को आपकी गतिविधियों का पता नहीं चलेगा। अनजान लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें, अनजान लिंक पर क्लिक न करें। किसी भी विषय पर संबंधित जानकारी के लिए अधिकृत वेबसाइट पर ही जाएं। तमाम सावधानी के बावजूद भी अगर कोई ऐसी घटना घटित होती है तो नजदीकी थाने में सूचना दें। - लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़

इंटरनेट का सुरक्षित उपयोग करें
साइबर बुलिंग की समस्या से निपटने के लिए हमें तकनीकी सुरक्षा उपायों के साथ-साथ समाज में लैंगिक समानता और महिलाओं के प्रति सम्मान की भावना को भी बढ़ावा देना होगा। इंटरनेट का सही और सुरक्षित उपयोग ही साइबर बुलिंग को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका है। हर लड़की को यह जानना चाहिए कि वह अकेली नहीं है, कानून, समाज और उसके प्रियजन उसके समर्थन में खड़े हैं। साइबर बुलिंग और ऑनलाइन उत्पीड़न महिलाओं की स्वतंत्रता, आत्मनिर्भरता और मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक बड़ी चुनौती है। - डॉ. प्रेमराज, करौली

साइबर बुलिंग वालों को ब्लॉक करें
महिलाओं को विशेष सावधानी के तौर पर ऑनलाइन बुलिंग करने वाले को ब्लॉक करना चाहिए। उसकी रिपोर्ट करनी चाहिए और ऑनलाइन माध्यम से की गयी छेड़खानी के बारे में जागरूक रहना चाहिए। सरकार को विशेष कानून बनाकर ऐसे अपराधियों को सजा देनी चाहिए, जिससे कि ऐसा करने वालों में डर बना रहे। - हेमन्त कपूर, कोटा

साइबर हेल्पलाइन पर शिकायत करें
साइबर बुलिंग से बचने के लिए महिलाओं को अपनी व्यक्तिगत जानकारी को सार्वजनिक नहीं करनी चाहिए। सोशल मीडिया पर अजनबियों से दोस्ती न करने, अपनी गोपनीयता सेटिंग्स मजबूत करने जैसी सावधानी बरतनी चाहिए। इसके अतिरिक्त किसी भी धमकी भरे संदेश या पोस्ट का रिकॉर्ड रखना और जरूरत पड़ने पर साइबर सेल की हेल्पलाइन 1930 या वेबसाइट cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करना भी जरूरी है। - नरपत सिंह चौहान, जैतारण

सोशल मीडिया का सही उपयोग हो
साइबर बुलिंग से बचाव के लिए महिलाओं को अपने निजी नंबर सोशल मीडिया पर शेयर नहीं करने चाहिए। 18 वर्ष की उम्र के बाद ही सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाना चाहिए। बच्चों को सोशल मीडिया पर प्रोफाइल नहीं बनानी चाहिए। सोशल मीडिया का उपयोग केवल शिक्षा या अध्ययन के लिए ही किया जाए। - मुकेश सोनी, जयपुर

अपरिचितों के साथ दोस्ती न करें
साइबर बुलिंग से बचने के लिए महिलाओं को स्वयं अत्यंत सावधानी बरतनी होगी। किसी भी अपरिचित व्यक्ति से इंटरनेट पर दोस्ती से बचना चाहिए। किसी भी अपरिचित के साथ अपनी फोटो शेयर नहीं करनी चाहिए। यदि रील बनाने का शौक भी है तो अच्छे विषयों पर रील बनानी चाहिए। कहीं पर भी जाना हो तो अपने परिवारजनों को बताकर जाना चाहिए। फिर भी कोई समस्या आए तो बिना किसी संकोच के महिला हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करना चाहिए। साइबर बुलिंग से महिलाओं को उनकी सजगता ही बचा सकती है। - आजाद पूरण सिंह राजावत, जयपुर

सतर्कता से ही बचाव होगा
महिलाएं साइबर बुलिंग से बचने के लिए व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से बचे। इसके साथ ही संदिग्ध लिंक न खोलें। सोशल मीडिया पर गोपनीयता सेटिंग्स मजबूत हो। जरूरी यह भी है कि अगर ऑनलाइन दुर्व्यवहार हो तो उसके स्क्रीनशॉट सुरक्षित रखें और जरूरत पड़ने पर साइबर सेल या हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराएं। - अमृतलाल मारू, इंदौर

साइबर नीति बनाई जाए
केंद्र व राज्य सरकार को देश में सख्त साइबर नीति बनानी चाहिए। सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्मों में महिलाओं के साथ होने वाली साइबर बुलिंग की घटनाओं को रोकने के लिए विशेष प्रकार का तंत्र विकसित करना चाहिए। सोशल मीडिया को ऐसी नीति बनानी चाहिए जो महिलाओं के प्रति अपराध वाले कंटेंट की पहचान कर उसे स्वतः ही हटा दे। साइबर बुलिंग की घटनाओं को अंजाम देने वाले व्यक्तियों के खिलाफ केंद्र व राज्य सरकार को जुर्माने के साथ ही आजीवन कारावास की सख्त सजा का प्रावधान करना चाहिए। - आलोक वालिम्बे, बिलासपुर

वास्तविक दोस्त बनाने चाहिए
साइबर बुलिंग से बचने के लिए सोशल मीडिया पर पर्सनल जानकारी, फोटो, ईमेल मोबाइल नंबर, जन्मतिथि, एड्रेस आदि निजी जानकारी साझा न करें। अनजान लोगों से दोस्ती न करें, वास्तविक और भौतिक दोस्त बनाएं। अनजान लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करे। अपनी प्राइवेसी सेटिंग अपडेट रखे। ज्यादा ऑनलाइन न रहे, परिवार जनों के साथ समय बिताएं। समस्या गंभीर होने लगे तो पुलिस या परिवार को बताएं। सीनियर सिटीजन को साधारण मोबाइल उपयोग करने की सलाह। - विजय कुमार वर्मा, सीकर