
छत्तीसगढ़ में सड़कों की जो हालत है, उससे आम नागरिक रोजाना दो-चार होता है। जर्जर सड़कें.., गड्ढे वाली सड़कें.., सड़कें अगर कंक्रीट वाली हैं, तो गिट्टियां उखड़ी वाली..। सड़कों की यह स्थिति गली-मोहल्लों से लेकर गांवों और शहरों तक एक जैसी ही है। फिर चाहे इन सड़कों को स्थानीय निकायों ने बनाया हो या राज्य या केंद्र सरकार ने। डामर की सड़कों के जल्दी-जल्दी खराब होने की वजह से आजकल कंक्रीट की सड़क निर्माण को प्राथमिकता दी जाती है, क्योंकि इसे मजबूत माना जाता है। यह भी माना जाता है कि कंक्रीट सड़कें ज्यादा टिकाऊ होती हैं। लेकिन, सड़कें अगर 'भ्रष्टाचार' वाली हो तो फिर उसकी गुणवत्ता और कितने दिन तक ठीक होगी, कुछ कहा नहीं जा सकता। राजधानी रायपुर के कबीरनगर में नगर निगम द्वारा बनाई गई कंक्रीट की सड़क की गिट्टियां तो छह महीने में ही उखड़ गईं। इसी तरह का हाल ऊर्जानगरी कोरबा का भी है। जर्जर सड़कों की वजह से आए दिन हादसे हो रहे हैं। लोग जान गंवा रहे हैं। सड़कों की खराब हालत को लेकर कोर्ट कई बार नाराजगी जता चुके हैं। हाईकोर्ट भी सरकार से कई बार जवाब तलब कर चुका है। खराब सड़कों को ठीक कराने के लिए आम लोग कई बार धरना-प्रदर्शन कर चुके हैं। जब कोर्ट से जवाब तलब होता है तो संबंधित विभाग जागता है और सड़कों पर पैचवर्क व मरम्मत कर देता है। यानी कि खराब-जर्जर सड़कें जैसी स्थायी समस्या का अस्थायी समाधान कर दिया जाता है। हाईकोर्ट ने हाल ही में इस तरह के अस्थायी समाधान पर भी नाराजगी जताई है। हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा कि सिर्फ अस्थायी उपाय और मरम्मत से जनता को राहत नहीं मिल सकती, स्थायी समाधान जरूरी है, क्योंकि अच्छी सड़कें आम नागरिकों का अधिकार है। कोर्ट की नाराजगी का कोई खास असर शासन-प्रशासन पर होता नजर नहीं आता है। उनका पूरा जोर अस्थायी समाधान पर ही होता है, क्योंकि ये अस्थायी समाधान ही तो कमाई का जरिया हैं। जब तक खराब सड़कों के लिए जिम्मेदार ठेकेदारों-इंजीनियरों से लेकर संबंधित विभाग के आला अधिकारियों और विभागीय मंत्री पर कड़ी कार्रवाई नहीं की जाएगी, तब तक सिस्टम में सुधार नहीं हो सकेगा। ऐसे भ्रष्ट ठेकेदारों-इंजीनियरों से पूरी राशि वसूली जानी चाहिए। सरकार जब आम लोगों से टैक्स वसूलती है तो उसकी जिम्मेदारी है कि वह आम नागरिकों को अच्छी सड़कें उपलब्ध कराए। साथ ही इस स्थायी समस्या का स्थायी समाधान भी करे। -अनुपम राजीव राजवैद्य anupam.rajiv@in.patrika.com
Updated on:
01 Nov 2025 02:38 am
Published on:
01 Nov 2025 02:37 am

