
नवीकरणीय ऊर्जा से आ रहा ऊर्जा के उपयोग के तरीकों में बदलाव
नरसिंहपुर-20 अगस्त को देशभर में भारतीय अक्षय ऊर्जा दिवस मनाया जाता है। इसका मकसद है ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों पर निर्भरता घटाना और सौर, पवन, बायोगैस, हाइड्रो और इलेक्ट्रिक जैसे हरित विकल्पों के प्रति जागरूकता बढ़ाना। जिले में भी अक्षय ऊर्जा धीरे.धीरे जीवनशैली का हिस्सा बन रही है। छतों पर सौर पैनल, खेतों में सोलर पंप और गांवों में बायोगैस प्लांट तो नजर आते ही हैं, अब शहर की सडक़ों पर दौड़ते इलेक्ट्रिक वाहन भी इस अभियान को गति दे रहे हैं।
छतों पर बन रही बिजली
शहर और जिले में लोग तेजी से सौर ऊर्जा की ओर रुख कर रहे हैं। नेट मीटरिंग योजना के तहत अब तक 600 से अधिक उपभोक्ताओं को कनेक्शन दिए जा चुके हैं। इनके माध्यम से प्रतिदिन करीब 3777 किलोवॉट सौर ऊर्जा उत्पन्न हो रही है। खास बात यह है कि हर महीने यह संख्या बढ़ रही है, यानी लोग अब खुद की बिजली बनाकर न सिर्फ घर चला रहे हैं बल्कि अतिरिक्त बिजली ग्रिड को भी दे रहे हैं।
खेतों की प्यास बुझा रहे सोलर पंप
किसानों के लिए अक्षय ऊर्जा किसी वरदान से कम नहीं है। शासन से मिले अनुदान का असर यह है कि जिले में अब तक 500 से अधिक किसान सोलर पंप के जरिए खेतों की सिंचाई कर रहे हैं। इससे न केवल बिजली और डीजल की खपत कम हुई है, बल्कि किसानों का खर्च भी घटा है और खेती टिकाऊ बन रही है।एक जानकारी के मुताबिक पिछले तीन चार सालों में जिले में कुल सोलर पंप-499 लगाए जा चुके है। जिनकी उत्पादन क्षमता 1906 किलोवाट और इनसे प्रतिदिन 5 हजार यूनिट से अधिक का बिजली उत्पादन भी हो रहा है।
वायोगैस से सजी रसोई
गांवों में बायोगैस का उपयोग भी तेजी से बढ़ा है। डुडवारा और आसपास के गांवों के किसानों जैसे लक्ष्मण पटेल, नेतराम चौधरी, शशिभूषण राजपूत और दशरथ साहू बताते हैं कि बायोगैस यूनिट लगाने के बाद से रसोई का खर्च आधा हो गया है। पहले जहां एक एलपीजी सिलेंडर के लिए हजार रुपए खर्च होते थे वहीं अब सिर्फ एक बाल्टी गोबर का घोल पूरे दिन का भोजन पकाने के लिए काफ ी है।
इलेक्ट्रिक वाहनों का बढ़ा क्रेज
शहर की सडक़ों पर अब इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। जिले में दोपहिया और तिपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों का आंकड़ा दो हजार से अधिक पहुंच चुका है। आरटीओ पंजीयन शुल्क में सौ फ ीसदी छूट मिलने से लोगों का उत्साह और बढ़ा है। पेट्रोल.डीजल की बढ़ती कीमतें और प्रदूषण का खतरा भी ई.व्हीकल्स की लोकप्रियता का बड़ा कारण बन रहे हैं।
वर्जन
जिले में उपभोक्ताओं के बीच नवकरणीय ऊर्जा के उपयोग के प्रति रूझान बढ़ा है। पहले लोग सिर्फ घरेलू और खेती के उपयोग के लिए रूचि दिखाते थे। अब लोग ऊर्जा के व्यवासयिक उत्पादन के लिए भी आगे आने लगे हैं। हाल ही गाडरवारा में एक किसान ने महालक्ष्मी सौर ऊर्जा प्लांट लगाया है। जिसमें दो मेगावाट क्षमता की बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। शासन भी इसे प्रोत्साहित कर रहा है।
अमित चौहान एसई एमपीईबी नरसिंहपुर
Published on:
21 Aug 2025 03:54 pm

