positive thinking : एक सकारात्मक सोच पूरी दुनिया बदल सकती है। इसी सोच के सहारे शहर के बहुत ये युवा अपने रास्ते और मंजिल स्वयं तय कर रहे हैं। वे न केवल रिस्क लेने में घबराते हैं और न ही सफलता असफलता के डर से अपने कदम पीछे करते हैं। पॉजिटिव थिंकिंग के साथ चलने वाले कई युवाओं ने बिजनेस, स्टार्टअप से लेकर खेलों व अन्य क्षेत्रों में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। वे स्वयं के साथ शहर का नाम भी रोशन कर रहे हैं।
मुझे भारतीय सेना बचपन से ही अच्छी लगती थी। लेकिन मुझे मॉडलिंग का भी शौक था। तो साल 2019 में मुझे कुछ प्रमोशनल फोटो शूट कराए जिसके बाद लगातार ऑफर आने लगे। पिछले साल कॉलेज में पढ़ाने के दौरान एनसीसी की नेवल यूनिट में ऑफिसर बनने का मौका मिला। जिसमें मैंने सभी एग्जाम पास किए और आज एनसीसी की 2 एमपी नेवल यूनिट में सब लेफ्टिनेंट के पर पर कैडेट्स को ट्रेनिंग देती हूं। मेरी एक अच्छी सोच थी कि मैं अपनी दुनिया को खुद बदल सकती हूं। जिसके परिणाम स्वरूप आज मैं यहां तक पहुंची हूं।
2019 में मैंने एथलीट के तौर पर खेलना शुरू किया था। लोगों ने कहा कि ये काम आसान नहीं है। पर मैंने हिम्मत नहीं हारी, मां ने पॉजिटिव सोच के साथ मुझे प्रेरित किया और आज मैं आधा दर्जन से ज्यादा इंटरनेशनल और नेशनल में दो दर्जन से अधिक मैडल जीत चुका हूं। पैरालम्पिक में गाइड रनर बनकर गोल्ड और ब्रॉंच दिला चुका हूं। मेरा युवाओं से यही कहना है कि एक सकारात्मक सोच पूरी दुनिया बदल सकती है। वहां ले जा सकती है, जहां लोग सोचना बंद कर देते हैं।
मैं और मेरे मित्र ने साल 2018 में एक स्टार्टअप शुरू करने का विचार किया। जिसमें हम मिट्टी को कैमिकल फ्री बनाकर उसे पुन: प्राकृतिक व उर्वरक क्षमता से पूर्ण बनाने वाले थे। जिसने भी ये सुना तो हमें डराया गया कि ऐसा करना संभव नहीं है। सफल नहीं होते ऐसे प्रॉडक्ट। बहुत सी कंपनियां ऐसा काम कर रही हैं। किंतु हमने नेगेटिव सोच से दूरी बनाए रखी और एक पॉजिटिव सोच के साथ आगे बढ़ते रहे। जिसका परिणाम ये हुआ कि आज हमने अपनी एक कंपनी बना ली हैं और हमारे ऑर्गेनिक फार्मिंग के प्रॉडक्ट लोगों को पसंद भी आ रहे हैं।
मल्टीनेशनल कंपनियां अपने युवा एम्पलाइज के लिए स्पेशल सेशन अरेंज करने लगी हैं। ताकि उनमें पॉजिटिविटी को इन्क्रीज किया जा सके। इसके लिए वे आध्यात्मिक गुरुओं से लेकर लाइफ मोटिवेटर को बुलाती हैं। शहर में आए दिन ऐसे कई कार्यक्रम आयोजित होते हैं। यहां युवाओं के मन की आशंकाओं का निवारण भी होता है। इससे वे अपने काम में दोगुना जोश के साथ लौटते हैं।
Published on:
13 Sept 2025 11:52 am