जैसलमेर जिले में ओरण-गोचर और तालाबों व खड़ीनों को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करवाने की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट के सामने ओरण प्रेमियों का धरना बुधवार को 9वें दिन भी जारी रहा। एक तरफ ओरण टीम और अन्य ग्रामीण मांगों को माने जाने तक अनिश्चितकालीन धरना देने के प्रति संकल्पित है तो दूसरी ओर इस मांग को लेकर आगामी 26 सितम्बर को जनाक्रोश रैली निकाले जाने की तैयारियां जोर-शोर से की जा रही है। वहीं रैली से पहले धरने को समाप्त करवाने के लिए बुधवार को प्रशासन के साथ निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की बैठक हुई। जिसमें ओरण प्रेमियों की मांगों पर विचार विमर्श किया गया। जानकारी के अनुसार इसके बाद आंदोलनकारियों से समय देने का अनुरोध किया गया और साथ ही यह आश्वासन दिया गया कि उनकी सभी मांगें मान ली जाएंगी। प्रशासन के इस प्रस्ताव को धरनार्थियों ने ठुकरा दिया है।ठोस कदम उठाने पर ही बनेगी बातपर्यावरण प्रेमी सुमेरसिंह सांवता ने बताया कि प्रशासन हमें केवल आश्वासन देकर धरना समाप्त करवाना चाहता है, यह स्वीकार्य नहीं है। सरकार तक हमारी फाइलों को भिजवा कर कुछ ठोस निर्णय करवाए, तब ही बात बन सकती है। सांवता ने बताया कि जिले भर के संत समाज के आशीर्वाद व समर्थन से ओरण-गोचर बचाने की मांग हर तरफ फैल गई है। आगामी 26 तारीख को प्रस्तावित जनाक्रोश रैली शांतिपूर्ण ढंग से निकाली जाएगी और इसमें हजारों की तादाद में जिलावासी शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि रैली गड़ीसर प्रोल से शहर के मुख्य बाजारों से होते हुए सीधे धरना स्थल पर पहुंचेगी। इसके बाद जैसा संत समाज का आदेश होगा, वैसा कदम उठाया जाएगा। इस बीच मंगलवार सायं पुलिस अधीक्षक अभिषेक शिवहरे के नेतृत्व में पुलिस टीम ने जनाक्रोश रैली के मद्देनजर रूट की जांच की। उन्होंने साथ चल रहे अधिकारियों के साथ विचार विमर्श किया। इस अवसर पर उपखंड अधिकारी सक्षम गोयल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कैलाशदान जुगतावत, उपअधीक्षक रूपसिंह इंदा, शहर कोतवाल प्रेमदान रतनू व अन्य अधिकारी-कार्मिक उनके साथ थे। इस मौके पर रैली के दौरान की जाने वाली यातायात व्यवस्थाओं को लेकर चर्चा की गई।
Published on:
24 Sept 2025 09:07 pm