
Narsinghpurनरसिंहपुर. जिले में मिलर्स ने शासन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए लंबित भुगतान की मांग करना शुरू कर दिया है। मिलर्स ने शनिवार को खाद्य आपूर्ति निगम के मुख्य सचिव के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन देते हुए साफ कह दिया है कि जब तक पुराना भुगतान नहीं होगा वह खरीद नहीं कर पाएंगे। शासन की नीति भी स्पष्ट नहीं है, लगातार नुकसान से जिले में तीन मिलर्स बंद हो चुकी हैं और जो चल रही हैं उनकी भी हालत खराब है। मिलर्स के तेवर सामने आने के बाद प्रशासन की चिंताए बढऩे लगी हैं।
जिला राइस मिल एसोएिशन के अध्यक्ष कमलदीप राजपूत एवं नरेंद्र राजपूत, अनुराग लूनावत, जितेंद्र राय, अमरीय राय, संदीप जुनेजा, आलोक अग्रवाल, शशांक प्रजापति, सिद्धार्थ कैलाश साहू ज्ञापन लेकर शनिवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे। यहां अधिकारियों को ज्ञापन देने के साथ ही लंबित समस्याओं व मौजूदा धान की धान की मिलिंग को लेकर विचार-विमर्श हुआ। अध्यक्ष राजपूत ने बताया कि उपार्जन वर्ष 2024-25 में की गई मिलिंग पर दी जाने वाली अपग्रेडेशन राशि दिए जाने के आदेश आज तक जारी नहीं किए गए हैं। मिलर्स की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई है। अधिकांश मिलर्स बैंक डिफॉल्टर होने की स्थिति में आ गए हैं। तत्काल अपग्रेडेशन राशि मिलना चाहिए।
लोडिंग-अनलोडिंग का भुगतान भी नहीं
मिलर्स का कहना है कि वर्ष 2023-24 व 2024-25 में की गई मिलिंग में मिलर्स को धान चावल की लोडिंग-अनलोडिंग का भुगतान अब तक नहीं मिला है। उपार्जन के लिए समितियों में जमा की गईं बोरियों पर राज्यांश की उपयोगिता व्यय राशि नहीं दी जा रही है। शासन द्वारा वर्ष 2025-26 की मिलिंग के लिए जो नीति जारी की गई है, उसमें किसी भी कंडिका में पूर्व वर्षों की तरह भारतीय खाद्य निगम में जमा करने पर रेशा अनुसार अपग्रेडेशन राशि दिए जाने संबंधी बात नहीं लिखी गई है। हानि की प्रतिपूर्ति अपग्रेडेशन राशि के बिना कर पाना संभव नहीं है।नीति में संशोधन करके उसमें अपग्रेडेशन राशि दिए जाने संबंधी कंडिका जोड़ी जाए।
नरसिंहपुर-गोटेगांव में उपज की गुणवत्ता पर सवाल
मिलर्स का कहना है कि अब तक का जो अनुभव रहा है उसमें यह भी कष्टदायक है कि नरसिंहपुर और गोटेगांव क्षेत्र में जो धान खरीदी जाती है उसकी गुणवत्ता ठीक नहीं रहती। जिससे मिलर्स को नुकसान होता है। मिलर्स ने बताया कि भुगतान को लेकर शासन की कोई नीति जारी नहीं होने से नरसिंहपुर की दो और एक मिल गोटेगांव क्षेत्र की बंद हो चुकी है। अन्य मिलर्स भी परेशान हैं कि मिल चलाएं या नहीं।
Published on:
07 Dec 2025 01:06 pm
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