
सुप्रीम कोर्ट ने प्रशिक्षण के दौरान विकलांग हुए सैन्य कैडेट्स की स्थिति पर स्वतः संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार और सशस्त्र बलों से जवाब मांगा है। मीडिया रिपोर्टों के आधार पर स्वतः संज्ञान के इस मामले में जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और जस्टिस आर. महादेवन की पीठ ने रक्षा मंत्रालय के पूर्व सैनिक कल्याण विभाग, वित्त मंत्रालय, सामाजिक न्याय मंत्रालय, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और थल, वायु तथा नौसेना प्रमुखों को नोटिस जारी किया। अदालत ने पूछा कि क्या ऐसे कैडेट्स के लिए समूह चिकित्सा बीमा योजना या एकमुश्त मुआवजा लागू किया जा सकता है। साथ ही यह भी जानना चाहा कि स्वस्थ होने पर उनकी नई आकलन प्रक्रिया कर उन्हें किसी वैकल्पिक भूमिका में समायोजित किया जा सकता है या नहीं। जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि ऐसे कैडेट्स की संख्या बहुत अधिक नहीं है और उनके लिए विशेष योजना बनाना सामाजिक न्याय का बड़ा कार्य होगा।
Published on:
20 Aug 2025 12:50 am

