श्रीगंगानगर.कृषि उत्पादन में अग्रणी श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ जिलों में प्रमाणित बीज के नाम पर जो फर्जीवाड़ा हो रहा है,उसमें कंपनी और अधिकारी दोनों दोषी हैं। अब इन्हें परिणाम भुगतना होगा। कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने यह संकेत रविवार को यहां सर्किट हाउस में पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए दिए। मीणा हनुमानगढ़ जिले में प्रमाणित बीज के नाम पर हो रहे फर्जीवाड़े की परतें उधडऩे के बाद शनिवार रात श्रीगंगानगर आ गए थे।
कृषि मंत्री ने कहा कि कंपनियों के रिकार्ड में जहां बीज उत्पादन होना बताया गया, वहां निरीक्षण के दौरान अलग फसल खड़ी मिली। कंपनी की मंशा का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिस किसान के खेत में उसने प्रमाणित बीज का उत्पादन होना बताया, उस खेत के मालिक को इसकी जानकारी तक नहीं थी। मीणा ने कहा की प्रमाणित बीज का उत्पादन करने वाली कंपनियों ने किसानों को अप्रमाणित बीज बेच कर धोखाधड़ी की है। इसमें वे अधिकारी भी दोषी हैं, जिन पर फसल का निरीक्षण करने की जिमेदारी थी। इस फर्जीवाड़े में अधिकारियों की संलिप्तता है या नहीं? यह बाद की बात है। अधिकारियों ने जिमेदारी का निर्वाह ईमानदारी से नहीं किया। उन्होंने बताया कि बीज निर्माण के दौरान अधिकारियों को तीन बार मौके पर जाकर बीज प्रदर्शन का निरीक्षण करना होता है। जो फर्जीवाड़ा पकड़ में आया है, उसे देखकर लगता है कि अधिकारी एक बार भी बीज प्रदर्शन देखने नहीं गए।
प्राकृतिक एवं ऑर्गेनिक खेती में भी गड़बड़ी
कृषि मंत्री ने प्राकृतिक एवं ऑर्गेनिक खेती पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि इसमें भी गड़बड़झाला है। उन्होंने कहा कि श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ जिलों की भूमि उर्वरा है, लेकिन बेहिसाब रासायनिक खाद और पेस्टीसाइड के प्रयोग से उपजाऊ भूमि की सेहत को बिगाड़ दिया है। इसके लिए सभी दोषी हैं। नकली खाद के मामलों में कार्यवाही के सवाल पर मीणा ने कहा कि कोई दोषी बचेगा नहीं। कृषि मंत्री ने रविवार को श्रीगंगानगर की रामदेव सीड्स और धालीवाल सीड्स के बीज प्रदर्शन क्षेत्र का औचक निरीक्षण किया। बीज कंपनी ने जहां ग्वार की बिजाई दिखा रखी थी, वहां मूंग और मक्का मिला। कृषि मंत्री ने कहा कि बीज माफिया का यह कुकृत्य किसानों की आय दुगनी करने के मिशन में रुकावट पैदा कर रहा है, इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।