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व्यापारी कर रहे कच्ची पर्चियों पर सौदा, किसानों व मंडी को हो रहा नुकसान

demand for action against unlicensed traders

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demand for action against unlicensed traders

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भारतीय किसान संघ का ज्ञापन, मंडी में लाइसेंस रहित व्यापारियों पर भी कार्रवाई की मांग

नरसिंहपुर- करेली कृषि उपज मंडी में नीलामी प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी किसानों को पक्की रसीद और तत्काल भुगतान नहीं मिल पा रहा है। व्यापारी सौदा तय होने के बाद पक्का बिल देने की बजाय कच्ची पर्चियों पर भुगतान कर रहे हैं। इससे न केवल मंडी के राजस्व को हानि हो रही है, बल्कि किसानों के हित भी गंभीर रूप से प्रभावित हो रहे हैं।भारतीय किसान संघ महाकौशल प्रांत, नरसिंहपुर ने मंडी में फैली इन अव्यवस्थाओं को लेकर मंडी सचिव को ज्ञापन सौंपा है। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द सुधार नहीं हुआ तो आंदोलन की राह अपनाई जाएगी।
भुगतान में देरी से ब्याज का नुकसान
भारतीय किसान संघ के जिला महामंत्री चंद्रभान सिंह बडक़ुर ने कहा मंडी में नियम साफ है कि सौदा होते ही पक्का बिल और तत्काल भुगतान हों। लेकिन यहां कई बार एक से दो दिन बाद पैसा दिया जाता है। किसान का पैसा अटका रहता है और उसे ब्याज का सीधा नुकसान होता है।
कानूनी प्रमाण का अभाव
किसान नेता संजय पाठक ने कहा कच्ची पर्ची पर सौदा होने से अगर व्यापारी पैसा देने से मना कर दे, तो किसान के पास यह साबित करने का कोई प्रमाण नहीं बचता कि उसकी उपज मंडी में बिकी थी। यह व्यवस्था किसानों के साथ सीधा अन्याय है।
लाइसेंस रहित व्यापारियों पर कार्रवाई की मांग
संगठन के पदाधिकारी अनिल पटेल ने कहा मंडी में कई फु टकर व्यापारी ऐसे हैं जिनके पास न लाइसेंस है, न शासन की अनुमति। ये व्यापारी किसानों का शोषण करते हैं और मंडी प्रबंधन भी इन पर कोई कार्रवाई नहीं करता।
संघ की प्रमुख मांगें
1-नीलामी के बाद किसानों को पक्की रसीद दी जाए,कच्ची पर्चियों का उपयोग बंद हो।
2-सौदे के तुरंत बाद भुगतान सुनिश्चित किया जाए, देरी पर ब्याज दिया जाए।
3-बगैर लाइसेंस व अनुमति के फु टकर खरीद करने वाले व्यापारियों को मंडी से बाहर किया जाए।
4-मंडी के राजस्व संरक्षण और किसानों के हित में कठोर निगरानी तंत्र लागू किया जाए।भुगतान में देरी से ब्याज का नुकसान
भारतीय किसान संघ के जिला महामंत्री चंद्रभान सिंह बडक़ुर ने कहा मंडी में नियम साफ है कि सौदा होते ही पक्का बिल और तत्काल भुगतान हों। लेकिन यहां कई बार एक से दो दिन बाद पैसा दिया जाता है। किसान का पैसा अटका रहता है और उसे ब्याज का सीधा नुकसान होता है।
कानूनी प्रमाण का अभाव
किसान नेता संजय पाठक ने कहा कच्ची पर्ची पर सौदा होने से अगर व्यापारी पैसा देने से मना कर दे, तो किसान के पास यह साबित करने का कोई प्रमाण नहीं बचता कि उसकी उपज मंडी में बिकी थी। यह व्यवस्था किसानों के साथ सीधा अन्याय है।
लाइसेंस रहित व्यापारियों पर कार्रवाई की मांग
संगठन के पदाधिकारी अनिल पटेल ने कहा मंडी में कई फु टकर व्यापारी ऐसे हैं जिनके पास न लाइसेंस है, न शासन की अनुमति। ये व्यापारी किसानों का शोषण करते हैं और मंडी प्रबंधन भी इन पर कोई कार्रवाई नहीं करता।
संघ की प्रमुख मांगें
1-नीलामी के बाद किसानों को पक्की रसीद दी जाए,कच्ची पर्चियों का उपयोग बंद हो।
2-सौदे के तुरंत बाद भुगतान सुनिश्चित किया जाए, देरी पर ब्याज दिया जाए।
3-बगैर लाइसेंस व अनुमति के फु टकर खरीद करने वाले व्यापारियों को मंडी से बाहर किया जाए।
4-मंडी के राजस्व संरक्षण और किसानों के हित में कठोर निगरानी तंत्र लागू किया जाए।