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Cyclonic Montha…क्या है इसकी खास बात कि ले आया देशभर में बिन बारिश बरसात

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) ने कहा कि मंगलवार सुबह तक इसके भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील होने और उसी रात तक काकीनाडा के पास तट को पार करने की उम्मीद है।

Montha Cyclone
चेन्नई के तट पर खड़ी नावें।

दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी में एक भीषण चक्रवाती तूफान 'मोंथा' आंध्र प्रदेश के तटीय जिलों की ओर बढ़ रहा है। इसने पूर्व, द​क्षिण, प​श्चिम से लेकर उत्तरी राज्यों तक मौसम में बारिश घोल दी है, जोकि बिन मौसम बरसात कही जा रही है।

क्या है मोंथा चक्रवात?

मोंथा चक्रवात बंगाल की खाड़ी में बना एक शक्तिशाली उष्णकटिबंधीय तूफान है, जो 28 अक्टूबर 2025 को आंध्र प्रदेश के काकीनाडा के पास तट से टकराने की संभावना रखता है। इसके चलते 90–110 किमी प्रति घंटे की तेज़ हवाएं चल सकती हैं और कई तटीय जिलों में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।

नाम का अर्थ और उत्पत्ति

  • नाम 'मोंथा' का अर्थ है 'सुगंधित फूल', जो प्रकृति की कोमलता और सुंदरता का प्रतीक है।
  • यह नाम थाईलैंड द्वारा प्रस्तावित किया गया था।

चक्रवातों के नाम कैसे रखे जाते हैं?

उत्तरी हिंद महासागर क्षेत्र में आने वाले चक्रवातों के नामकरण के लिए 13 देशों का एक समूह है, जिसमें भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, थाईलैंड, म्यांमार, ओमान, ईरान, मालदीव, कतर, सऊदी अरब, UAE और यमन शामिल हैं।

  • ये देश विश्व मौसम संगठन (WMO) और ESCAP पैनल के तहत नामों की सूची तैयार करते हैं।
  • जब कोई नया चक्रवात बनता है, तो उस सूची से क्रमवार नाम चुना जाता है।

क्यों ज़रूरी है नामकरण?

  • चक्रवातों को नाम देने से संचार में स्पष्टता आती है।
  • आम जनता, मीडिया और प्रशासन को तूफान की पहचान और चेतावनी देने में आसानी होती है।
  • नामकरण से भ्रम की स्थिति नहीं बनती, खासकर जब एक ही समय में कई तूफान सक्रिय हों।

आंध्र प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार सोमवार 15 किमी प्रति घंटे की गति से आगे बढ़ रहा था। चेन्नई से 560 किमी, काकीनाडा से 620 किमी और विशाखापत्तनम से 650 किमी दूर केंद्रित था। पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ते हुए मंगलवार सुबह तक इसके एक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका है। प्रभावित होने वाले जिलों में स्कूल में अवकाश घोषित कर दिया है और लोगों को आवश्यक कामों के लिए ही घर से बहार निकलने की हिदायत दी गई है। पर्यटकों एवं मछुआरों के लिए बीच बंद कर दिया गया है। आंध्र प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के एमडी प्रखर जैन ने कहा कि चक्रवात के दौरानन मौसम शांत होने से संतुष्ट न हों, सतर्क रहें।

तट पर 90-110 किमी प्रति घंटे की तेज़ हवाएं

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) ने कहा कि मंगलवार सुबह तक इसके भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील होने और उसी रात तक काकीनाडा के पास तट को पार करने की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि मंगलवार को लगभग 12 घंटे तक इसकी तीव्रता बनी रहेगी और फिर यह कमजोर होकर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो जाएगा। अमरावती मौसम विज्ञान केंद्र ने कहा कि इसके चलते अगले चार दिनों में राज्य के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान है। मंगलवार और बुधवार को 110 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति से तेज़ हवाएं चलने की संभावना है।

आज 14 ज़िलों के लिए रेड अलर्ट

तूफान के मद्देनज़र, आइएमडी ने मंगलवार को 14 ज़िलों के लिए 'रेड', 8 ज़िलों के लिए 'ऑरेंज' और 4 अन्य ज़िलों के लिए 'येलो' अलर्ट जारी किया है। विशाखापत्तनम स्थित चक्रवात चेतावनी केंद्र ने समुद्र की उथल-पुथल को देखते हुए मछुआरों को गुरुवार तक मछली पकड़ने न जाने की सलाह दी है। विशाखापत्तनम, मछलीपट्टनम, कृष्णापट्टनम, निज़ामपट्टनम, गंगावरम और काकीनाडा बंदरगाहों पर खतरे की पहली चेतावनी जारी है। कलिंगपट्टनम, भीमुनिपट्टनम और वदारेवु बंदरगाहों को भी सूचना दे दी गई है।

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि चक्रवात के मद्देनज़र राहत कार्यों के लिए एसडीआरएफ की 9 और एनडीआरएफ की 7 टीमें ज़िलों में मौजूद हैं और मुख्यालय में कुछ और टीमें तैयार हैं। लोगों को घर पर सुरक्षित रहने और उचित सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।