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निजी प्लेसमेंट एजेंसियों पर कसेगा शिंकजा, कर्मचारियों के शोषण रोकने की तैयारी

- मोदी सरकार लाएगी प्राइवेट प्लेसमेंट एजेंसी रेगुलेशन बिल 2025 -प्रावधान: एजेंसियों के रजिस्ट्रेशन के साथ कर्मचारियों का डेटा केंद्रीय पोर्टल पर अपलोड होगा जरूरी -निजी के साथ सरकारी विभागों में करोड़ों कर्मचारियों की शिकायतों की नहीं होती सुनवाई - विदेशों में रोजगार दिलाने के नाम पर होती है धोखाधड़ी

शादाब अहमद

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने देश और विदेशों में रोजगार देने वाली निजी प्लेसमेंट एजेंसियों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। रोजगार देने के नाम पर धोखाधड़ी और काम देने के बाद कर्मचारियों का शोषण रोकने की घटनाएं खूब होती है। इस पर अंकुश लगाने के लिए केन्द्र सरकार प्राइवेट प्लेसमेंट एजेंसी रेगुलेशन बिल 2025 लाने जा रही है। बिल का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है और हितधारकों से सुझाव व टिप्पणियां लेने की प्रक्रिया भी पूरी हो गई है। अब उम्मीद है कि इसे जल्द ही संसद में पेश किया जाएगा।

दरअसल, देश में सरकारी और निजी कार्यालयों के साथ विदेशों में करोड़ों लोग प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से रोजगार पा रहे हैं। इन प्लेसमेंट एजेंसियों के पंजीयन और इनके माध्यम से रोजगार हासिल करने वाले लोगों की सुरक्षा को लेकर ठोस नियम कायदे नहीं है। कई बार प्राइवेट प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से युवाओं को ठगे जाने की घटनाओं के सामने आने पर केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने इस बिल का मसौदा तैयार करवाया।

कैसे होता है शोषण

निजी ही नहीं, सरकारी विभागों में भी लाखों कर्मचारी प्लेसमेंट एजेंसियों के जरिए संविदा पर काम कर रहे हैं। न्यूनतम वेतन से कम भुगतान, बीमा व पीएफ लाभ से वंचित रखना, काम के घंटे तय मानकों से अधिक लेना और सैलरी रोकना आम समस्याएं हैं। वहीं विदेशों में रोजगार के लिए बिना मंजूरी के ले जाने समेत अन्य तरह की धोखाधड़ी की घटनाएं भी खूब हो चुकी है।

बिल के प्रमुख प्रावधान

  • प्राइवेट प्लेसमेंट एजेंसी जो देश में या विदेशों में रोजगार दिलाती है। उनको काम करने से पहले रजिस्ट्रेशन करना पड़ेगा।
  • यदि एक एजेंसी एक राज्य / केंद्र शासित प्रदेश तक सीमित है, तो राज्य के प्राधिकार से पंजीकरण कराना होगा। वहीं कई राज्यों में काम करती है या विदेशों में, तो केंद्रीय प्राधिकार से उसका रजिस्ट्रेशन
  • इस एक्ट के लागू होने से पहले काम कर रही एजेंसियों को 180 दिनों के अंदर पंजीकरण कराना होगा।
  • सभी पंजीकृत एजेंसियों को रोजगार चाहने वालों और नियोक्ताओं की जानकारी, प्लेसमेंट के विवरण आदि को इंटीग्रेटेड करियर सर्विस पोर्टल पर अपलोड करना होगा।
  • भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और उचित शुल्क लेने की जांच करना
  • विशेष रूप से विदेशों में रोजगार करने वालों के लिए एमिग्रेशन प्रक्रिया से पहले आवश्यक मंजूरी लेना।

नियंत्रण करने के लिए प्राधिकरण

केंद्रीय प्लेसमेंट सपोर्ट प्राधिकरण बनेगा। जो कई राज्यों में या विदेशों में काम कर रही एजेंसियों को मॉनिटर करेगा। इसी तरह राज्य स्तर की प्राधिकरणें राज्य / केंद्र शासित प्रदेशों में काम करने वाली एजेंसियों के लिए बनेगी। ये प्राधिकरण पंजीकरण देना, अनुपालन की निगरानी करना, एजेंसियों के रिकॉर्ड की जांच, शिकायत निवारण आदि करेंगे।

जेल और जुर्माना

सरकार के नियमों की अवेहलना, युवाओं से धोखाधड़ी कर रुपए हड़पने पर जेल और जुर्माने के प्रावधान किए गए है।

इस बिल के संभावित प्रभाव

नियोक्ताओं और नौकरी चाहने वालों के लिए अधिक सुरक्षा के साथ धोखाधड़ी और अनुचित शुल्क से बचाव। पारदर्शिता और विश्वसनीयता में वृद्धि होगी।

विदेशों में रोजगार की प्रक्रिया में सुधार

एमिग्रेशन और विदेश रोजगार के लिए प्राधिकरणों द्वारा नियंत्रण, जिससे लोगो को गलत दलालों या एजेंसियों से बचाव होगा।