
Crime: दिल्ली से सटे गुरुग्राम में तीन साल की कानूनी लड़ाई के बाद उन मां-बाप को न्याय मिला, जिनके भरोसे का उनके पड़ोसी किराएदार ने गला घोट दिया था। तीन साल की कानूनी लड़ाई के बाद गुरुग्राम की एक विशेष अदालत ने छह साल की बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म मामले में आरोपी रामेल को 20 साल सख्त जेल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही उसपर 30,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। अदालत ने यह फैसला शुक्रवार को सुनाया। मामला 4 फरवरी 2022 का है, जब पीड़ित बच्ची के पिता ने सेक्टर-5 थाना में शिकायत दर्ज कराई थी।
पीड़िता पिता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि घटना वाले दिन वो पत्नी के साथ बाहर गए थे। इस दौरान उन्होंने अपने से नीचे वाली मंजिल पर रहने वाले किराएदार रामेल की देखरेख में अपनी छह साल की बच्ची घर पर छोड़ी थी। रामेल ने बच्ची को अकेला पाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। इससे बच्ची की हालत गड़बड़ा गई। जब वह पत्नी के साथ घर लौटे तो बच्ची को बेहाल पाया। इसपर उन्होंने बच्ची से पूछताछ की तो उसने सारी आपबीती बता दी। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत मुकदमा दर्ज किया और आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपी रामेल हरियाणा के झज्जर जिले के खर्मन गांव का रहने वाला है। पुलिस पूछताछ में उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। इसके बाद पुलिस ने गवाहों और सबूतों के आधार पर मजबूत चार्जशीट बनाकर कोर्ट में पेश की। इस मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश जैस्मिन शर्मा की विशेष अदालत में चल रही थी। बीते शुक्रवार को जस्टिस जैस्मिन शर्मा ने रामेल को छह साल की बच्ची का यौन उत्पीड़न का दोषी पाया और सजा सुनाई। अदालत ने न सिर्फ दोषी के लिए सश्रम कारावास का आदेश दिया, बल्कि उसपर 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। अदालत के फैसला सुनते ही आरोपी कोर्ट में फूट-फूटकर रोने लगा। यह फैसला केवल जिम्मेदारी का नहीं, बल्कि समाज में बच्चों की सुरक्षा की अनिवार्यता का प्रतीक है।
जहां गुरुग्राम जैसे शहरों में न्याय की कार्रवाई जीत रही है, वहीं दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में बच्चियों के खिलाफ यौन अपराधों की घटनाएं लगातार चिंताजनक स्तर पर बनी हुई हैं। दिल्ली में 2023 में 7,769 मामलों में बच्चों के खिलाफ अपराध दर्ज किए गए, जिनमें से कई POCSO (Protection of Children from Sexual Offences) एक्ट के अंतर्गत थे। पिछले साल POCSO के तहत दर्ज की गई यौन अपराधों की संख्या 1,052 थी, जो 2022 के 890 मामलों से 18% की बढ़ोतरी को दर्शाती है। हालांकि अभी साल 2025 की पहली छमाही में पुलिस डेटा यह भी दिखाता है कि यौन अपराधों में थोड़ी कमी आई है।
दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में फिलहाल रेप और POCSO मामलों में लगभग 10% की गिरावट हुई है। ये आंकड़े बताते हैं कि बाल यौन अपराधों का खतरा दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में अभी भी जड़ें जमाए हुए है। बच्चों की सुरक्षा के लिए कानून तो मौजूद हैं, लेकिन उन्हें प्रभावी तरीके से लागू करना और समाज में जागरूकता बढ़ाना अत्यंत जरूरी है। गुरुग्राम मामले जैसे फैसले एक सकारात्मक संकेत हैं, लेकिन दिल्ली-एनसीआर में रोजाना सामने आने वाली डरावनी हकीकत यह याद दिलाती है कि यह लड़ाई अभी जारी है।
Published on:
22 Nov 2025 11:01 am

