Patrika Logo
Switch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

प्लस

प्लस

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

वोट चोरी के साथ क्षेत्रीय मुद्दों को जोर शोर से उठाया जाए: पायलट

4 से 5 करोड़ लोगों के हस्ताक्षर कराकर चुनाव आयोग मुख्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया जाए

नई दिल्ली। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और छत्तीसगढ़ के प्रभारी सचिन पायलट ने कहा कि पार्टी को वोट चोरी और आरक्षण जैसे मुद्दों के साथ क्षेत्रीय समस्याओं पर भी बराबर फोकस करना होगा। वहीं वोट चोरी के हस्ताक्षर अभियान पर व्यापक जनसमर्थन हासिल कर चुनाव आयोग को बताना भी होगा।

पायलट ने यह बातें पटना में कांग्रेस की विस्तारित कार्यसमिति की बैठक में कही। सूत्रों ने बताया कि पायलट ने पार्टी को लगातार सक्रिय रखने के लिए सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि कई राज्यों में बाढ़ और अतिवृष्टि से किसान जूझ रहे हैं। कुछ राज्यों में पेपर लीक और बेरोजगारी के चलते युवाओं की समस्याएं है। इसके अलावा कई क्षेत्रीय समस्याओं से आमजन परेशान है। हमें राष्ट्रीय मुद्दों के साथ इन क्षेत्रीय समस्याओं को भी समानांतर उठाकर जन समर्थन हासिल करना चाहिए। पायलट ने कहा कि लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने वोट चोरी का मुद्दा उठाकर देश के सामने कई तथ्य रखे हैं। इसी कड़ी में पार्टी हस्ताक्षर अभियान भी चला रही है। इस अभियान से कम से कम चार से पांच करोड़ लोगों को जोड़ना चाहिए। इसके बाद हस्ताक्षर किए दस्तावेजों को चुनाव आयोग मुख्यालय के समक्ष रखकर प्रदर्शन करना चाहिए़। इससे आयोग के साथ जनता को भी पता चलेगा कि यह मुद्दा कितना बड़ा है।

मोदी को गलती सुधारने में लगे आठ साल

पायलट ने बैठक को लेकर कहा कि कुछ बातें निकलकर सामने आई हैं, जिनके बारे में देश को समझना जरूरी है। हाल ही में केंद्र सरकार ने जीएसटी के स्लैब को कम किया है, जबकि राहुल गांधी जी और कांग्रेस पार्टी पिछले 8 साल से इसमें बदलाव की मांग कर रही थी। जब डॉ. मनमोहन सिंह जीएसटी लाना चाहते थे, तो भाजपा ने इसका पुरजोर विरोध किया था। फिर जब ये खुद सत्ता में आए, तो रात में 12 बजे बटन दबाकर इसे लागू करने का एक शो कर दिया। पायलट ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपनी गलती को सुधारने में 8 साल लग गए, जिसे ये रिफॉर्म की संज्ञा दे रहे हैं और अपनी ही पीठ थपथपा रहे हैं।

पायलट, डोटासरा और जूली हुए शामिल, गहलोत नहीं

पटना में हुई इस बैठक में राजस्थान से सचिन पायलट के अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और मध्यप्रदेश के प्रभारी हरीश चौधरी शामिल हुए। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बैठक में मौजूद नहीं रहे। पार्टी सूत्रों ने बताया कि बैठक पूर्व मुख्यमंत्रियों को नहीं बुलाया गया था। ऐसे में गहलोत के साथ हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा, पंजाब के चरणजीत सिंह चन्नी भी बैठक में नहीं पहुंचे।