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फोन पर थी प्रेमिका इसलिए भटका ध्यान…दिल्ली में कार चालक ने बस स्टैंड पर चेकिंग स्टाफ को उड़ाया

Delhi Accident: दिल्ली के द्वारका सेक्टर-21 स्थित बस स्‍टैंड पर टिकट की चेकिंग के खड़े डीटीसी स्टाफ के छह सदस्यों को एक कार चालक ने उड़ा दिया। इसमें चार लोगों को मामूली तो दो लोगों को गंभीर चोटें आई हैं।

Delhi Accident High Speed car crushed DTC checking staff at Dwarka bus stand two critical
दिल्ली में कार चालक ने डीटीसी चेकिंग स्टाफ को उड़ाया। (फोटो : AI)

Delhi Accident: दिल्ली में सड़क हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पहले तेज रफ्तार BMW कार ने वित्त मंत्रालय के डिप्टी सेक्रेटरी की बाइक को टक्कर मार दी थी, इसमें उनकी मौत हो गई थी। इस मामले में BMW कार चालक आरोपी गगनप्रीत न्यायिक हिरासत में हैं। अब दूसरी घटना द्वारका सेक्टर-21 स्थित अंडरपास के पास हुई, जहां फोन पर प्रेमिका से बात कर रहे कार चालक ने बस स्टैंड के पास खड़े दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के टिकट चेकिंग स्टाफ के छह सदस्यों को उड़ा दिया। कार की रफ्तार इतनी तेज थी कि वह टक्कर मारने के बाद सीधे बस स्टैंड में जा घुसी और बस स्टैंड का ढांचा भी क्षतिग्रस्त हो गया। हादसे में घायल छह में से दो लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। उन्हें दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

मौके पर अफरातफरी, पुलिस और एंबुलेंस पहुंची

हादसे की सूचना मिलते ही द्वारका सेक्टर-23 थाना पुलिस मौके पर पहुंची और तुरंत घायलों को नजदीकी अस्पताल भेजा गया। डॉक्टरों ने चार लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया, जबकि बाकी दो की हालत गंभीर होने के चलते उन्हें सफदरजंग अस्पताल रेफर किया गया है। पुलिस का कहना है कि घायलों के परिवारों को सूचित कर दिया गया है और मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है।

ड्यूटी पर थे सभी डीटीसी कर्मी

पुलिस अधिकारी के मुताबिक, डीटीसी के टिकट चेकिंग स्टाफ संजय और कर्मबीर अपने चार साथियों के साथ ड्यूटी पर थे। सभी शुक्रवार को यात्रियों की टिकट जांच के लिए विभिन्न बस स्टॉप पर तैनात थे और उस समय सेक्टर-21 स्थित अंडरपास के पास खड़े होकर बसों की जांच कर रहे थे। इसी दौरान एक कार तेज रफ्तार से आई और सीधे बस स्टैंड से टकरा गई। पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि कार चालक फोन पर अपनी गर्लफ्रेंड से बात कर रहा था। बातचीत के दौरान ज्यादा एक्साइटेड होने के चलते कार पर उसका संतुलन बिगड़ा और उसने नियंत्रण खो दिया। लापरवाह ड्राइविंग के कारण ही यह गंभीर हादसा हुआ।

चालक की तलाश में जुटी पुलिस

घटना के बाद कार चालक मौके से फरार हो गया। पुलिस ने वाहन को जब्त कर लिया है और सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है, ताकि आरोपी चालक की पहचान कर उसे गिरफ्तार किया जा सके। अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषी को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। हादसे के बाद आसपास के लोगों का कहना था कि दिल्ली में हाल के दिनों में लगातार सड़क हादसे बढ़ते जा रहे हैं। तेज रफ्तार और लापरवाही इनका मुख्य कारण बनती जा रही है। इसी कड़ी में कुछ दिन पहले धौला कुआं क्षेत्र में हुई बीएमडब्ल्यू दुर्घटना का मामला भी सुर्खियों में रहा।

बीएमडब्ल्यू दुर्घटना मामले की सुनवाई 24 तक टली

धौला कुआं में हुई बीएमडब्ल्यू दुर्घटना मामले में अदालत ने शनिवार को सुनवाई को 24 सितंबर तक टाल दिया। इस मामले में आरोपी गगनप्रीत कौर की जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी। आरोप है कि दुर्घटना के दौरान महिला आरोपी बीएमडब्ल्यू कार चला रही थी। उनकी गाड़ी ने वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी की मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी थी। इस हादसे में अधिकारी की मौत हो गई थी, जबकि उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गई थीं।

सवालों के घेरे में सड़क सुरक्षा

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में इस साल जनवरी से मई के बीच 2235 मामले दर्ज किए गए। इन हादसों में 577 लोगों की जान गई और 2187 लोग घायल हुए हैं। बात अगर पिछले साल यानी 2024 की करें तो इसी अवधि में घायलों की संख्या 2106 थी। इन हादसों के आंकड़ों पर गौर करें तो औसतन हर दिन दिल्ली की सड़कें करीब चार लोगों की जिंदगी छीन रही हैं। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में दोपहिया वाहन सबसे ज्यादा असुरक्षित साबित हो रहे हैं। पिछले साल ही दोपहिया वाहनों से जुड़ी 2300 से अधिक दुर्घटनाओं में 611 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें से 588 दुर्घटनाएं घातक थीं। यानी 25 प्रतिशत से अधिक हादसे जानलेवा साबित हुए।

हादसों के मामले में तमिलनाडु सबसे टॉप पर

बात अगर पूरे देश की करें तो प्रति एक लाख आबादी पर सड़क हादसों में रोजाना 23 मौतों के साथ तमिलनाडु प्रथम स्‍थान पर है। जबकि दिल्ली सातवें स्थान पर है। हालांकि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2023 में दस लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में दिल्ली सबसे खतरनाक रही। उस साल राजधानी में 5834 सड़क दुर्घटनाओं में 1457 लोगों की मौत हुई थी, जो देश के किसी भी शहर से ज्यादा थी।